केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: डीए में तीन फीसदी की वृद्धि संभव, आज कैबिनेट में लग सकती है मुहर


सार

बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट के एजेंडे में डीए की फाइल शामिल है। अगर तीन प्रतिशत वृद्धि होती है तो डीए 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत हो जाएगा।

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केंद्र सरकार के कर्मियों को ‘महंगाई भत्ता’ यानी डीए में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिल सकती है। इसका फायदा 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को होगा। बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट के एजेंडे में डीए की फाइल शामिल है। अगर तीन प्रतिशत वृद्धि होती है तो डीए 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत हो जाएगा। बढ़े हुए डीए की दरें पहली जनवरी से लागू हो सकती हैं। 

केंद्र सरकार द्वारा जब कभी मौजूदा कर्मियों के डीए में वृद्धि की जाती है तो उसी वक्त पेंशनधारकों के लिए महंगाई राहत ‘डीआर’ में भी बढ़ोतरी होती है। इससे पहले गत वर्ष केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में 3 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। सभी केंद्रीय कर्मियों को वह बढ़ोतरी जुलाई माह के वेतन में दी गई थी। उस वक्त सरकार ने एक और आदेश जारी किया था। उसमें कहा गया कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक ‘डीए’ फ्रीज था। उस अवधि के दौरान डीए की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन 18 महीनों में ‘डीए’ की दर 17 प्रतिशत ही मानी जाए। इसका अर्थ यह निकाला गया कि सरकार ने एक जुलाई 2021 से 28 प्रतिशत डीए देने की जो घोषणा की है, वह बढ़ोतरी 24 घंटे में हो गई। कर्मियों का एकाएक 11 प्रतिशत डीए बढ़ गया।

राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना था कि केंद्र सरकार ने अपने इन आदेशों के जरिए 18 महीने का एरियर मिलने की संभावनाएं खत्म कर दी हैं। अगर सरकार डीए को एक जनवरी 2020 से ही बढ़ाना शुरु करती तो अब तक कर्मियों के खाते में एरियर भी जमा हो जाता।  केंद्र सरकार ने 20 जुलाई 2021 को जारी पत्र में कहा था कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए व डीआर की दर 17 प्रतिशत ही रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उस दौरान डीए देने की घोषणा करते हुए कहा था कि अब 28 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा।

बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 प्रतिशत मान ली जाए। इसका मतलब तो यही हुआ कि जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच ‘डीए’ में एकाएक 11 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। डेढ़ साल की अवधि में डीए दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वित्त मंत्रालय का कहना था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया गया है।

30 मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी मिल सकती है। केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को बढ़ा हुआ डीए-डीआर मिलने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी भत्तों में बढ़ोतरी की उम्मीद हो जाती है। देर-सवेर राज्य सरकारों को भी अपने कर्मियों और पेंशनरों को ये फायदे देने पड़ते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी महंगाई के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। अन्य विपक्षी दल भी आए दिन केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर निशाना लगाते रहते हैं।

विस्तार

केंद्र सरकार के कर्मियों को ‘महंगाई भत्ता’ यानी डीए में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिल सकती है। इसका फायदा 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को होगा। बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट के एजेंडे में डीए की फाइल शामिल है। अगर तीन प्रतिशत वृद्धि होती है तो डीए 31 प्रतिशत से बढ़ाकर 34 प्रतिशत हो जाएगा। बढ़े हुए डीए की दरें पहली जनवरी से लागू हो सकती हैं। 

केंद्र सरकार द्वारा जब कभी मौजूदा कर्मियों के डीए में वृद्धि की जाती है तो उसी वक्त पेंशनधारकों के लिए महंगाई राहत ‘डीआर’ में भी बढ़ोतरी होती है। इससे पहले गत वर्ष केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में 3 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। सभी केंद्रीय कर्मियों को वह बढ़ोतरी जुलाई माह के वेतन में दी गई थी। उस वक्त सरकार ने एक और आदेश जारी किया था। उसमें कहा गया कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक ‘डीए’ फ्रीज था। उस अवधि के दौरान डीए की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन 18 महीनों में ‘डीए’ की दर 17 प्रतिशत ही मानी जाए। इसका अर्थ यह निकाला गया कि सरकार ने एक जुलाई 2021 से 28 प्रतिशत डीए देने की जो घोषणा की है, वह बढ़ोतरी 24 घंटे में हो गई। कर्मियों का एकाएक 11 प्रतिशत डीए बढ़ गया।

राष्ट्रीय परिषद-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना था कि केंद्र सरकार ने अपने इन आदेशों के जरिए 18 महीने का एरियर मिलने की संभावनाएं खत्म कर दी हैं। अगर सरकार डीए को एक जनवरी 2020 से ही बढ़ाना शुरु करती तो अब तक कर्मियों के खाते में एरियर भी जमा हो जाता।  केंद्र सरकार ने 20 जुलाई 2021 को जारी पत्र में कहा था कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीए व डीआर की दर 17 प्रतिशत ही रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उस दौरान डीए देने की घोषणा करते हुए कहा था कि अब 28 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा।

बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 प्रतिशत मान ली जाए। इसका मतलब तो यही हुआ कि जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच ‘डीए’ में एकाएक 11 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। डेढ़ साल की अवधि में डीए दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वित्त मंत्रालय का कहना था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया गया है।

30 मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी मिल सकती है। केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों को बढ़ा हुआ डीए-डीआर मिलने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी भत्तों में बढ़ोतरी की उम्मीद हो जाती है। देर-सवेर राज्य सरकारों को भी अपने कर्मियों और पेंशनरों को ये फायदे देने पड़ते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी महंगाई के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। अन्य विपक्षी दल भी आए दिन केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर निशाना लगाते रहते हैं।



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