Loksabha bypoll: धर्मेंद्र यादव के मैदान में उतरने से रोचक हुआ समीकरण, रामपुर से आसिम रजा ने किया नामांकन


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लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और रामपुर से आजम खान के नजदीकी आसिम रजा ने पर्चा भरा है। दोनों लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों को लेकर समाजवादी पार्टी में कई दिनों से रस्साकशी चल रही थी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए पहले डिंपल यादव का नाम चर्चा में आया लेकिन बाद में यहां से पूर्व सांसद रमाकांत यादव को मैदान में उतारने की रणनीति बनी।

बताया जाता है कि रमाकांत यादव ने दलित चेहरे के रूप में और सांसद बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद का नाम आगे कर दिया। पार्टी अध्यक्ष ने सुशील के नाम पर मुहर लगा दी लेकिन बाद में पता चला कि सुशील का नाम दो विधानसभा क्षेत्रों में है ऐसे में उनका पर्चा खारिज होने की आशंका है।

यह देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में तय किया कि सैफई परिवार के किसी व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा जाए तो सियासी डगर काफी सरल हो जाएगी। ऐसे में फिर से डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव पर निगाहें टिक गई। धर्मेंद्र यादव ने कुछ दिन पहले आजमगढ़ से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था लेकिन उन्हें दोबारा बुलाया गया और रविवार देर रात आजमगढ़ जाने का निर्देश दिया गया।

सोमवार को सपा उम्मीदवार के तौर पर धर्मेंद्र यादव ने पर्चा भर दिया है। जबकि भाजपा ने अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ने वाले दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है। बसपा ने गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है।

आजमगढ़ का चुनाव जातीय समीकरण के हिसाब से काफी रोचक हो गया है। लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम वोट बैंक प्रभावी है। आजमगढ़ जिले की सभी 10 विधानसभा क्षेत्र पर सपा के विधायक है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने भी सपा के परंपरागत वोट बैंक को तोड़ने के लिए यादव उम्मीदवार मैदान में उतारा है।

सपा के संस्थापक सदस्य आजम खां के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में आसिम रजा को मैदान में उतारा गया है। उन्होंने सोमवार को पर्चा दाखिल कर दिया है। असीम समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष हैं और आजम खां के करीबी माने जाते हैं।

मालूम हो कि दो दिन पहले लोकसभा उपचुनाव के लिए आसिम रजा ने खुद के साथ तंजीम फातिमा के नाम से भी पर्चा खरीदा था। तंजीम फातिमा ने खराब सेहत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। ऐसे में आजम खान ने अपने नजदीकी आसिम का पर्चा भरवाया है।

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लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और रामपुर से आजम खान के नजदीकी आसिम रजा ने पर्चा भरा है। दोनों लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों को लेकर समाजवादी पार्टी में कई दिनों से रस्साकशी चल रही थी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए पहले डिंपल यादव का नाम चर्चा में आया लेकिन बाद में यहां से पूर्व सांसद रमाकांत यादव को मैदान में उतारने की रणनीति बनी।

बताया जाता है कि रमाकांत यादव ने दलित चेहरे के रूप में और सांसद बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद का नाम आगे कर दिया। पार्टी अध्यक्ष ने सुशील के नाम पर मुहर लगा दी लेकिन बाद में पता चला कि सुशील का नाम दो विधानसभा क्षेत्रों में है ऐसे में उनका पर्चा खारिज होने की आशंका है।

यह देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में तय किया कि सैफई परिवार के किसी व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा जाए तो सियासी डगर काफी सरल हो जाएगी। ऐसे में फिर से डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव पर निगाहें टिक गई। धर्मेंद्र यादव ने कुछ दिन पहले आजमगढ़ से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था लेकिन उन्हें दोबारा बुलाया गया और रविवार देर रात आजमगढ़ जाने का निर्देश दिया गया।

सोमवार को सपा उम्मीदवार के तौर पर धर्मेंद्र यादव ने पर्चा भर दिया है। जबकि भाजपा ने अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ने वाले दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है। बसपा ने गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है।

आजमगढ़ का चुनाव जातीय समीकरण के हिसाब से काफी रोचक हो गया है। लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम वोट बैंक प्रभावी है। आजमगढ़ जिले की सभी 10 विधानसभा क्षेत्र पर सपा के विधायक है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने भी सपा के परंपरागत वोट बैंक को तोड़ने के लिए यादव उम्मीदवार मैदान में उतारा है।



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