महाराष्ट्र: एमवीए सरकार ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ किया मलिक का समर्थन, भाजपा ने उठाई इस्तीफे की मांग


सार

ईडी ने बुधवार को महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता मलिक से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ की। तकरीबन छह घंटे तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के सदस्यों यानी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने इस कार्रवाई का विरोध किया है और इसे बदले की राजनीति बताया है। उधर, भाजपा ने नसीहत दी है कि अगर आपको कार्रवाई गलत लगती है तो अदालत का रुख करिए। 

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महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को दावा किया कि राज्य सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक से ईडी की पूछताछ बदले की भावना से की गई थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोधियों की चुप कराने के लिए उनकी रणनीति के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना समय की आवश्यकता है।

पटोले ने मुंबई में कहा कि कांग्रेस मलिक के साथ है। वह भाजपा की जन विरोधी नीतियों और सत्ता के अहंकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम केंद्रीय जांच एजेंसियों की ऐसी कार्रवाइयों पर चर्चा करेंगे और राजनीतिक विरोधियों की चुप कराने की रणनीति के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।’

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर सत्ता के लिए महाराष्ट्र को बदनाम करने का आरोप भी लगाया। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है। इस महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) शामिल हैं। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता मलिक से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ की थी। अधिकारियों के अनुसार यह मामला अंडरवर्ल्ड डॉन और भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।

भाजपा ने कहा, कार्रवाई गलत लगती है तो अदालत जाइए
इसी बीच, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पुणे में इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर एनसीपी और एमवीए के अन्य सदस्यों को यह लगता है कि ईडी ने जो कार्रवाई की है वह सत्ता का दुरुपयोग है तो वह न्याय की मांग के साथ अदालत का रुख कर सकते हैं।

पाटिल ने कहा, ‘अन्याय पिछले 27 महीने से हमारे साथ हो रहा है, लेकिन जब हमारे 12 विधायक निलंबित किए गए थे तब हम अदालत गए थे और हमें न्याय मिला था। इसी तरह, अगर उन्हें लगता है कि उत्पीड़न हो रहा है तो उन्हें अदालत के पास जाना चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने अनिल देशमुख का जिक्र भी किया।

भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को जब गिरफ्तार किया गया था, तब भी ऐसे ही चीख-पुकार मची थी। लेकिन बाद में सब खत्म हो गया। उन्होंने यह दावा भी किया कि देशमुख ने कहा है कि अगर मैं अपना मुंह खोलूंगा तो यह एमवीए के लिए बहुत महंगा पड़ जाएगा।

इसके साथ ही पाटिल ने मलिक के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, गिरफ्तार होने के बाद अब मलिक के पास कैबिनेट मंत्री के पद पर बने रहने के लिए कोई नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अनुरोध करना चाहूंगा कि उनके इस्तीफे पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए। 

पवार बोले- मलिक को आवाज उठाने की मिल रही सजा
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी आज कहा कि मलिक को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के बारे में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, तब मेरे खिलाफ भी इसी तरह का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी।

पवार ने कहा, ‘उन्होंने कौन सा मामला शुरू किया है? सीधी सी बात है। अगर कोई मुस्लिम कार्यकर्ता होता है (जिसके खिलाफ कोई मामला शुरू किया जाता है) तो वह दाऊद का नाम ले लेते हैं… (संबंधित कार्यकर्ता और अंडरवर्ल्ड के बीच) कोई संबंध नहीं होता लेकिन इसके बाद भी ऐसा किया जाता है।’

पवार की इस टिप्पणी पर पाटिल ने एनसीपी प्रमुख पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘कभी वह मराठा और गैर मराठा लोगों के साथ ऐसा करते हैं। कभी वह अल्पसंख्यकों और गैर अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा करते हैं। लेकिन पिछले 50 साल से चल रही ऐसी राजनीति को जनता समझती है।’

महाराष्ट्र केंद्र के सामने न झुका है और न झुकेगा: सुले
एनसीपी की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र केंद्र के सामने कभी नहीं झुका है और न ही कभी झुकेगा। उन्होंने दावा किया कि ईडी का नोटिस केवल विपक्षी नेताओं को जारी किया गया है। सुले ने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि आप भाजपा में शामिल हो जाइए तो ये नोटिस गायब हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कुछ भाजपा नेताओं ने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ गिरफ्तारी और छापेमारी का पूर्वानुमान लगाया था। हम यह मुद्दा संसद के अगले सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने उठाएंगे। सुले ने कहा, हम छत्रपति के सैनिक हैं। महाराष्ट्र दिल्ली के सामने कभी नहीं झुका है और आगे भी नहीं झुकेगा।
माफिया की तरह काम कर रहीं जांच एजेंसियां: राउत
शिवसेना सासंद संजय राउत ने भी मलिक की गिरफ्तारी को बदले की राजनीति बताया है। उन्होंने कहा, ‘पूरा देश यह देख रहा है कि महाराष्ट्र में क्या हो रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसियां किसी माफिया की तरह भाजपा के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही हैं। यह महाराष्ट्र सरकार के लिए चुनौती है लेकिन सच सामने आएगा और लड़ाई जारी रहेगी।’

राउत ने कहा कि पुराने मामलों को निकाल कर लोगों को निशाना बनाने का काम 2024 तक चलता रहेगा। इसके बाद उन्हें (भाजपा को) इसके अंजाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने एमवीए सरकार के सभी वरिष्ठ नेतओं से बात की है। इसके साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि मैं जल्द ही केंद्रीय जांच एजेंसियों का काम उजागर करूंगा।

विस्तार

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को दावा किया कि राज्य सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक से ईडी की पूछताछ बदले की भावना से की गई थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोधियों की चुप कराने के लिए उनकी रणनीति के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना समय की आवश्यकता है।

पटोले ने मुंबई में कहा कि कांग्रेस मलिक के साथ है। वह भाजपा की जन विरोधी नीतियों और सत्ता के अहंकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम केंद्रीय जांच एजेंसियों की ऐसी कार्रवाइयों पर चर्चा करेंगे और राजनीतिक विरोधियों की चुप कराने की रणनीति के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।’

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर सत्ता के लिए महाराष्ट्र को बदनाम करने का आरोप भी लगाया। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है। इस महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) शामिल हैं। 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता मलिक से मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ की थी। अधिकारियों के अनुसार यह मामला अंडरवर्ल्ड डॉन और भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।



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