महाराष्ट्र: सिंधुदुर्ग की अदालत ने खारिज की भाजपा विधायक राणे की जमानत याचिका, हत्या के प्रयास का मामला


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 01 Feb 2022 05:18 PM IST

सार

नितेश राणे कई बार यह दावा कर चुके हैं कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन की मुखिया शिवसेना उन्हें निशाना बनाने की कोशिश करती रही है। 
 

भाजपा विधायक नितेश राणे
– फोटो : facebook.com/NiteshRane23

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महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक अदालत ने मंगलवार को हत्या के प्रयास के एक मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे को जमानत देने से इनकार कर दिया। जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरबी रोटे ने राणे की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

पिछले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया था कि इस मामले में राणे के 10 दिन तक गिरफ्तार न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने राणे से कहा था कि ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करें और मामले में सामान्य जमानत की मांग करें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीतेश राणे ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दाखिल की थी। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीती 17 जनवरी को नितेश राणे की गिरफ्तारी से पूर्व जमानत के लिए याचिका को खारिज कर दिया था। 

शिवसेना कार्यकर्ता पर हुए हमले से जुड़ा है मामला
यह मामला शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है। परब पर यह हमला दिसंबर 2021 में सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान हुआ था। इस हमले का आरोप नितेश राणे पर लगाया गया था।

बीते दिनों शिवसेना के एक सांसद ने आरोप लगाया था कि नितेश राणे ने 23 दिसंबर 2021 को मुंबई में विधान भवन के बाहर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की ओर देखते हुए ‘म्याऊं म्याऊं’ की आवाज निकाली थी।

इससे पहले सिंधुदुर्ग में कंकावली पुलिस नितेश राणे की जमानत याचिका का विरोध कर चुकी है। पुलिस के अनुसार यह कहना कि उन्हें राजनीतिक कारणों से या विधान भवन के बाहर उनके धरने के लिए निशाना बनाया जा रहा है, बिल्कुल निराधार है।

विस्तार

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक अदालत ने मंगलवार को हत्या के प्रयास के एक मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे को जमानत देने से इनकार कर दिया। जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरबी रोटे ने राणे की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

पिछले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया था कि इस मामले में राणे के 10 दिन तक गिरफ्तार न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने राणे से कहा था कि ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करें और मामले में सामान्य जमानत की मांग करें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीतेश राणे ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दाखिल की थी। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीती 17 जनवरी को नितेश राणे की गिरफ्तारी से पूर्व जमानत के लिए याचिका को खारिज कर दिया था। 

शिवसेना कार्यकर्ता पर हुए हमले से जुड़ा है मामला

यह मामला शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है। परब पर यह हमला दिसंबर 2021 में सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान हुआ था। इस हमले का आरोप नितेश राणे पर लगाया गया था।

बीते दिनों शिवसेना के एक सांसद ने आरोप लगाया था कि नितेश राणे ने 23 दिसंबर 2021 को मुंबई में विधान भवन के बाहर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की ओर देखते हुए ‘म्याऊं म्याऊं’ की आवाज निकाली थी।

इससे पहले सिंधुदुर्ग में कंकावली पुलिस नितेश राणे की जमानत याचिका का विरोध कर चुकी है। पुलिस के अनुसार यह कहना कि उन्हें राजनीतिक कारणों से या विधान भवन के बाहर उनके धरने के लिए निशाना बनाया जा रहा है, बिल्कुल निराधार है।

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