Mangla Gauri Vrat 2022: सावन में इन तिथियों में होगा मंगला गौरी व्रत, पूजन करने से बरसेगी मां पार्वती की कृपा


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Mangla Gauri Vrat 2022

Highlights

  • सावन में होता है मंगला गौरी व्रत
  • इस व्रत से मनोकामना होती है पूर्ण
  • इस सावन में पड़ेंगे 4 मंगला गौरी व्रत

Magla Gauri Vrat 2022 Date: पवित्र माह का वैसे तो हर एक दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए होता महत्वपूर्ण होता है। लेकिन मंगला गौरी व्रत का अलग ही महत्व है। इस व्रत को माता पार्वती को प्रसन्न करने वाला है। इस व्रत को सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन किया जाता है। इस दिन मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। 

अविवाहित और विवाहित दोनों के लिए विशेष

इस व्रत को सिर्फ विवाहित महिलाएं या सिर्फ अविवाहित कन्याएं नहीं बल्कि दोनों रख सकती हैं। इस दिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं। विवाह योग्य कन्याओं को इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाहित महिलाओं का वैवाहिक जीवन आनंदमय हो जाता है। मान्यता है कि जिस घर में मंगला गौरी का व्रत और पूजन होता है वहां सुख-समृद्धि आती है। 

इस सावन में होंगे 4 मंगला गौरी पूजन के दिन  

जैसा कि हमने आपको बताया कि सावन माह के हर मंगलवार के दिन यह व्रत किया जाता है। तो इस साल सावन माह 14 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलने वाला है। इसके अनुसार पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को होगा। ये व्रत सिद्धि योग से आरंभ होगा और भौम प्रदोष तक रहेगा। इसके बाद दूसरा व्रत 26 जुलाई को यानी मासिक शिवरात्रि के शुभ दिन में किया जाएगा। इसके बाद तीसरा गौरी व्रत 2 अगस्त यानी नागपंचमी के शुभ दिन रखा जाएगा। चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत 9 अगस्त भौम प्रदोष के व्रत रखा जाएगा। 

क्या है इस व्रत की विधि

सावन माह में मंगला गौरी व्रत रखने के लिए, मंगलवाद को सुबह जल्छ स्नान करने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लें। 

इसके बाद पूजन प्रारंभ करने के लिए एक साफ स्थान पर लाल कपड़ा बिछाएं और चौकी सजाएं। जिस पर माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें। 

इसके बाद माता की मूर्ति या तस्वीर पर कुमकुम, इत्र, चावल, लाल फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें। इसके साथ ही माता को 16 ऋंगार अर्पित करें। 

पूजन होने के बाद मां की आरती करें। इस व्रत के दिन निराहार रहें। शाम के समय व्रत का पारण करें। 

डिस्क्लेमर: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता। 

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