नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine Crisis) के कारण दुनियाभर में बढ़ी महंगाई (Inflation) का असर भारतीय अर्थव्यवस्था की हेल्थ (Indian Economy Health) पर भी पड़ रहा है. यही वजह है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मार्च में सुधार की रफ्तार धीमी पड़ गई है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) के ताजा आंकड़ों इसी बात की तस्दीक कर रहे हैं.
दरअसल, महंगाई की चिंताओं के कारण कारोबारियों का भरोसा घटने की वजह से कंपनियों के नए ऑर्डर और उत्पादन की रफ्तार कम हो गई है. इससे मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई (Manufacturing PMI) मार्च में घटकर 54.0 रह गया, जो सितंबर 2021 के बाद छह महीने का निचला स्तर है. इससे पहले फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैन्जर्स इंडेक्स 54.9 रहा था. हालांकि, नौकरियों के मोर्चे पर राहत मिली है.
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ऑपरेशन में सुधार का रुख
आंकड़ों के मुताबिक, लगातार नौ महीनों से कंपनियों के ऑपरेशन में सुधार का रुख जारी है. मार्च में भी ऑपरेशन के मोर्चे पर स्थिति ठीक रही. पीएमआई से अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिति का पता चलता है. पीएमआई का 50 से ऊपर रहना तेजी और इससे नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है.
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कच्चे माल की लागत में तेजी
एसएंडपी ग्लोबल की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा का कहना है कि 2021-22 के अंत में भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई है. कंपनियों का कहना है कि उनके नए ऑर्डर और उत्पादन में नरमी आई है. इस दौरान केमिकल, कपड़ा, खाद्य पदार्थ और मेटल जैसे सेक्टर में कच्चे माल की लागत बढ़ी है.
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विदेशी मांग में गिरावट
एसएंडपी ग्लोबल की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार बढ़ रही महंगाई का दबाव का असर अब कंपनियों पर दिखने लगा है. कच्चे माल की लागत बढ़ने के कारण विदेशी मांग में जून 2021 के बाद पहली बार गिरावट देखने को मिली है. इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी नरमी के संकेत मिल रहे हैं.
आपूर्ति के मोर्चे पर अब भी समस्या
लीमा का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से सप्लाई की समस्या अब भी बनी हुई है. कच्चे माल की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी और आपूर्ति प्रभावित होने से उत्पादन पर असर पड़ रहा है. चूंकि, भारत अपनी जरूरतों का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. इसलिए क्रूड की कीमतों में तेजी का असर भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है. हालांकि, आने वाले समय में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
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Tags: Indian economy, Manufacturing sector, PMI, Production cuts