मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने दो खाइयों की तस्वीर को कैप्चर किया है, जो पश्चिमी वैलेस मेरिनेरिस में 840 किलोमीटर लंबी Ius Chasma और 805 किलोमीटर लंबी Tithonium Chasma का हिस्सा हैं। ऑर्बिटर द्वारा कैप्चर की गई इमेजेस इस बात पर रोशनी डालती हैं कि कैसे टिथोनियम के टॉप पर गहरे रंग की रेत का आवरण है। माना जाता है कि यह रेत पास के थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र से आई होगी।
मार्स एक्सप्रेस के ऑब्जर्वेशन में पानी स्टोर करने वाले सल्फेट खनिज, समानांतर रेखाएं और मलबे का ढेर दिखाई देता है। इससे पता चलता है कि वहां हाल में भूस्खलन हुआ होगा। टिथोनियम के चारों ओर रेत के टीलों के आसपास 2-3 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ों से सतह का तेजी से कटाव हुआ है। सल्फेट खनिज वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से दिलचस्प हैं। ये इस बात का सबूत हो सकते हैं कि लाखों साल पहले यह जगह पानी से भरी हुई थी।
मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर साल 2003 में मंगल ग्रह पर पहुंचा था। यह लगातार 18 साल और 6 महीने तक सर्विस में रहा। यह पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह के चारों ओर कक्षा में मौजूद दूसरा सबसे पुराना अंतरिक्ष यान है। इसकी उपयोगिता में मिशन के दौरान मिली सफलता को देखते हुए इसे 31 दिसंबर 2022 तक एक्सटेंशन दिया गया है। इस ऑर्बिटर ने पहले भी मंगल ग्रह से जुड़ीं कई जानकारियां दुनिया तक पहुंचाई हैं।
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