जम्मू-कश्मीर : घाटी में घुसने के लिए सीमा पार प्रशिक्षण ले रहे हैं भाड़े के लड़ाके, लॉन्च पैड फिर सक्रिय


एजेंसी, श्रीनगर
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Wed, 20 Apr 2022 01:29 AM IST

सार

एलओसी पार लॉन्च पैड सक्रिय। अफगानिस्तान से लौटे 60 से 80 आतंकी कर रहे हैं घुसने की तैयारी। संघर्ष विराम की अवधि में पाकिस्तान ने सीमा पर 8000 टन रक्षा सामग्री जुटाई। 

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नियंत्रण रेखा के उस पार लांचिंग पैड फिर सक्रिय हो गए हैं। जहां 60 से 80 आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि ये अफगानिस्तान से लौटे भाड़े के लड़ाके हैं जो गर्मियों के दौरान कश्मीर घाटी में घुसने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान को इन दहशतगर्दों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने से पहले कई बार सोचना होगा। उसकी ईमानदारी का तभी पता चलेगा जब वह अपने यहां आतंकवाद को खत्म करे। 

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा वर्ष 2019 में एलओसी पर की गई जोरदार जवाबी गोलीबारी के बाद पाकिस्तानी पक्ष पिछले साल के शुरुआती महीनों तक लांच पैड से दूर रहा। इस दौरान वे थोड़े समय के लिए नजर आए और बाद में फिर से गायब हो गए। खुफिया जानकारी व मैदानी निगरानी के बाद पता चला है कि पिछले साल अगस्त से एलओसी पार पुन: सक्रिय लांच पैड्स पर लगभग 60-80 आतंकवादी मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार, ये आतंकी अफगान युद्ध से लौटे भाड़े के पाकिस्तानी सैनिक हैं। 

अधिकारियों का मानना है कि एलओसी पर संघर्ष विराम के बाद इस समय का उपयोग पाकिस्तान ने लगभग 8000 टन रक्षा सामग्री के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया है। पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली, तोपखाने और मोर्टार को मजबूत करने के अलावा लगभग 60 भारी क्षमता वाली तोपें भी तैनात की हैं।

अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम की अवधि में हमने भी अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। ताकि गर्मियों के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों को इस पार धकेलने की योजना को विफल कर दिया जाए। सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और निगरानी को और मजबूत किया गया है।

25 फरवरी से लागू है संघर्ष विराम
हॉटलाइन पर भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद,25 फरवरी, 2021 को एक संयुक्त बयान जारी किया गया था जिसमें दोनों देश एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों के साथ सभी समझौतों, समझ और युद्धविराम के सख्त पालन पर सहमत थे। संघर्ष विराम 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि 2021 से प्रभावी है।

विस्तार

नियंत्रण रेखा के उस पार लांचिंग पैड फिर सक्रिय हो गए हैं। जहां 60 से 80 आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि ये अफगानिस्तान से लौटे भाड़े के लड़ाके हैं जो गर्मियों के दौरान कश्मीर घाटी में घुसने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान को इन दहशतगर्दों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने से पहले कई बार सोचना होगा। उसकी ईमानदारी का तभी पता चलेगा जब वह अपने यहां आतंकवाद को खत्म करे। 

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा वर्ष 2019 में एलओसी पर की गई जोरदार जवाबी गोलीबारी के बाद पाकिस्तानी पक्ष पिछले साल के शुरुआती महीनों तक लांच पैड से दूर रहा। इस दौरान वे थोड़े समय के लिए नजर आए और बाद में फिर से गायब हो गए। खुफिया जानकारी व मैदानी निगरानी के बाद पता चला है कि पिछले साल अगस्त से एलओसी पार पुन: सक्रिय लांच पैड्स पर लगभग 60-80 आतंकवादी मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार, ये आतंकी अफगान युद्ध से लौटे भाड़े के पाकिस्तानी सैनिक हैं। 

अधिकारियों का मानना है कि एलओसी पर संघर्ष विराम के बाद इस समय का उपयोग पाकिस्तान ने लगभग 8000 टन रक्षा सामग्री के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया है। पाकिस्तान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली, तोपखाने और मोर्टार को मजबूत करने के अलावा लगभग 60 भारी क्षमता वाली तोपें भी तैनात की हैं।

अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम की अवधि में हमने भी अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। ताकि गर्मियों के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों को इस पार धकेलने की योजना को विफल कर दिया जाए। सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और निगरानी को और मजबूत किया गया है।

25 फरवरी से लागू है संघर्ष विराम

हॉटलाइन पर भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद,25 फरवरी, 2021 को एक संयुक्त बयान जारी किया गया था जिसमें दोनों देश एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों के साथ सभी समझौतों, समझ और युद्धविराम के सख्त पालन पर सहमत थे। संघर्ष विराम 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि 2021 से प्रभावी है।



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