Mohammad Zubair arrest: जुबैर के बचाव में आए ओवैसी और महुआ, मोइत्रा ने कहा-‘सब्जियां हिंदू व बकरा मुसलमान हो गया’ 


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धर्म विशेष की भावनाएं भड़काने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार को गिरफ्तार ऑल्ट न्यूज के प्रमुख मोहम्मद जुबैर के समर्थन में विपक्ष के कई नेताओं ने बयान दिए हैं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। मोइत्रा ने जुबैर को एक फैक्टर चेकर बताया है। 
जुबैर फिलहाल दिल्ली पुलिस की रिमांड पर है। उसे आज फिर कोर्ट में पेश किया जा सकता है। जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव समेत कई नेता पहले ही बयान जारी कर चुके हैं। 

जुबैर फैक्ट चेकर, न नेता न प्रवचनकार
अब टीएमसी सांसद मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा ‘जुबैर एक फैक्ट चेकर है और लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा दुष्प्रचार को खत्म करना होता है। वह न तो नेता है और न ही प्रवचनकार। फिर भी सिर्फ विपक्ष के नेता ही उसके बचाव में क्यों आगे रहे हैं? महुआ ने अपनी प्रतिक्रिया के साथ शेर कोट किया, ‘नफरतों की जंग में देखो तो क्या-क्या खो गया, सब्जियां हिंदू हुईं बकरा मुसलमान हो गया’। 

ओवैसी ने दिल्ली पुलिस पर साधा निशाना
उधर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि जुबैर को बिना किसी नोटिस के अज्ञात एफआईआर में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस मुस्लिम विरोधी नरसंहार के नारे लगाने वालों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती है, लेकिन अपराध की रिपोर्ट करने वाले और गलत जानकारियां देने वालों का मुकाबला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है। 

राहुल गांधी ने कहा- हजार आवाज उठेगी
जुबैर की गिरफ्तारी के तत्काल बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर निंदा की थी। उन्होंने कहा था, ‘भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को बेनकाब करने वाला हर व्यक्ति उनके लिए खतरा है। सच की एक आवाज को गिरफ्तार करने से एक हजार और आवाजें उठेंगी। सच्चाई की हमेशा निरंकुशता पर हमेशा विजय होती है।’

अखिलेश का तंज- ‘उन्हें अच्छे नहीं लगते सच की पड़ताल करने वाले’
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने शेर कोट किया, ‘अच्छे नहीं लगते हैं उन झूठ के सौदागरों को सच की पड़ताल करने वाले… जिन्होंने अपनी आस्तीन में हैं पाले, नफरत का जहर उगलने वाले।’ 

पिछले सप्ताह दर्ज किया था केस, जांच में सहयोग नहीं कर रहा था
जुबैर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह मामला दर्ज किया था। स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ट्विटर हैंडल से जून महीने में शिकायत मिलने के बाद मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि मोहम्मद जुबैर ने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की थी। उनके ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके अनुयायियों व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।
सोमवार को मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए द्वारका स्थित आईएफएसओ के कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ में उसके ट्वीट को आपत्तिजनक पाया गया। उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी न पूछताछ में सहयोग कर रहा है और न ही अपना मोबाइल व लैपटॉप दे रहा है। मोबाइल व लैपटॉप की जांच के बाद पता लगेगा कि आरोपी ने विवादास्पद ट्वीट कब किया था और अभी तक कितने ट्वीट किए हैं।

विस्तार

धर्म विशेष की भावनाएं भड़काने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार को गिरफ्तार ऑल्ट न्यूज के प्रमुख मोहम्मद जुबैर के समर्थन में विपक्ष के कई नेताओं ने बयान दिए हैं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। मोइत्रा ने जुबैर को एक फैक्टर चेकर बताया है। 

जुबैर फिलहाल दिल्ली पुलिस की रिमांड पर है। उसे आज फिर कोर्ट में पेश किया जा सकता है। जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव समेत कई नेता पहले ही बयान जारी कर चुके हैं। 

जुबैर फैक्ट चेकर, न नेता न प्रवचनकार

अब टीएमसी सांसद मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा ‘जुबैर एक फैक्ट चेकर है और लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा दुष्प्रचार को खत्म करना होता है। वह न तो नेता है और न ही प्रवचनकार। फिर भी सिर्फ विपक्ष के नेता ही उसके बचाव में क्यों आगे रहे हैं? महुआ ने अपनी प्रतिक्रिया के साथ शेर कोट किया, ‘नफरतों की जंग में देखो तो क्या-क्या खो गया, सब्जियां हिंदू हुईं बकरा मुसलमान हो गया’। 

ओवैसी ने दिल्ली पुलिस पर साधा निशाना

उधर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि जुबैर को बिना किसी नोटिस के अज्ञात एफआईआर में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस मुस्लिम विरोधी नरसंहार के नारे लगाने वालों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती है, लेकिन अपराध की रिपोर्ट करने वाले और गलत जानकारियां देने वालों का मुकाबला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है। 

राहुल गांधी ने कहा- हजार आवाज उठेगी

जुबैर की गिरफ्तारी के तत्काल बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर निंदा की थी। उन्होंने कहा था, ‘भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ को बेनकाब करने वाला हर व्यक्ति उनके लिए खतरा है। सच की एक आवाज को गिरफ्तार करने से एक हजार और आवाजें उठेंगी। सच्चाई की हमेशा निरंकुशता पर हमेशा विजय होती है।’

अखिलेश का तंज- ‘उन्हें अच्छे नहीं लगते सच की पड़ताल करने वाले’

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने शेर कोट किया, ‘अच्छे नहीं लगते हैं उन झूठ के सौदागरों को सच की पड़ताल करने वाले… जिन्होंने अपनी आस्तीन में हैं पाले, नफरत का जहर उगलने वाले।’ 

पिछले सप्ताह दर्ज किया था केस, जांच में सहयोग नहीं कर रहा था

जुबैर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह मामला दर्ज किया था। स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ट्विटर हैंडल से जून महीने में शिकायत मिलने के बाद मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि मोहम्मद जुबैर ने एक विशेष धर्म के भगवान की जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की थी। उनके ट्वीट को री-ट़्वीट किया जा रहा था। उनके अनुयायियों व सोशल मीडिया संस्थाओं ने बढ़-चढ़कर ट्वीट को फैलाना शुरू कर दिया।

सोमवार को मोहम्मद जुबैर को पूछताछ के लिए द्वारका स्थित आईएफएसओ के कार्यालय बुलाया गया था। पूछताछ में उसके ट्वीट को आपत्तिजनक पाया गया। उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ऐसा कार्य जिससे माहौल बिगडने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र माने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी न पूछताछ में सहयोग कर रहा है और न ही अपना मोबाइल व लैपटॉप दे रहा है। मोबाइल व लैपटॉप की जांच के बाद पता लगेगा कि आरोपी ने विवादास्पद ट्वीट कब किया था और अभी तक कितने ट्वीट किए हैं।



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