Mohan Bhagwat: संघ प्रमुख के बयान से संत समाज आहत, जगतगुरु शंकराचार्य बोले- एकतरफा बयानबाजी संतों को अस्वीकार्य


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प्रयाग पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य ओंकार आनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से संत समाज आहत है। एकतरफा बयान संतों को अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति सनातन धर्म पर टिकी हुई है और सनातन धर्म का अपना बड़ा महत्व है, क्योंकि उसके सबसे पूज्य और आदि देव भगवान शंकर घट- घट में हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए। वह रविवार को श्री तुवन मंदिर में अमर उजाला से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी जैसे स्थान पर अनादिकाल से पूजा पद्धति रही उस पर आघात करके मध्यकाल में इस्लाम को मानने वालों ने अत्याचार कर हमारे मंदिरों को समाप्त किया। ये तो सनातन धर्म की पावन भूमि भारत हैं। यहां शिवलिंग के अलावा भगवान राम की दिव्य मूर्तियां व भगवान कृष्ण के दिव्य मंदिर हैं, जो खंडित किए गए हम तो उन्हीं की मांग कर रहे हैं। सनातन धर्म के 123 मंदिर मुख्य रूप से तोड़े गए। इस्लाम धर्म के शासकों ने मध्य में अत्याचार कर सनातन धर्म को भी विखंडित किया।
 
संघ ने भारत भूमि पर अच्छा हिंदुत्व का प्रचार प्रसार कर संगठित किया लेकिन संघ के प्रमुख इस तरह की बात कहते हैं जो कि हमारे पूज्य भगवान शंकर के ऊपर आती है तो हम उसको स्वीकार नहीं करते हैं। इस बयान की हम घोर निंदा करते हैं। उन्हें इस वक्तव्य को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कहना क्या चाहते हैं? वह देश के संत समाज और भगवान शिव के भक्तों से क्षमा मांगें। उन्होंने कहा कि सनातन धर्मियों की भावना भाजपा ही समझ सकती है। देश से लेकर कई राज्यों में भाजपा की सरकार होने के नाते अब देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। 

श्रद्धालुओं ने स्टेशन पर किया स्वागत
जगतगुरु शंकराचार्य ओंकार आनंद सरस्वती महाराज रविवार को पूर्वाह्न करीब 11.45 बजे शताब्दी एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन पर उतरे जहां भाजपा नेताओं सहित कई श्रद्धालुओं ने उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। इसके बाद वह श्री तुवन मंदिर पहुंचे जहां महंत रामलखन दास के साथ उन्होंने हनुमान जी के दर्शन किए। करीब दो बजे वह मध्यप्रदेश के अशोक नगर के लिए रवाना हो गए।

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प्रयाग पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य ओंकार आनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से संत समाज आहत है। एकतरफा बयान संतों को अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति सनातन धर्म पर टिकी हुई है और सनातन धर्म का अपना बड़ा महत्व है, क्योंकि उसके सबसे पूज्य और आदि देव भगवान शंकर घट- घट में हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए। वह रविवार को श्री तुवन मंदिर में अमर उजाला से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी जैसे स्थान पर अनादिकाल से पूजा पद्धति रही उस पर आघात करके मध्यकाल में इस्लाम को मानने वालों ने अत्याचार कर हमारे मंदिरों को समाप्त किया। ये तो सनातन धर्म की पावन भूमि भारत हैं। यहां शिवलिंग के अलावा भगवान राम की दिव्य मूर्तियां व भगवान कृष्ण के दिव्य मंदिर हैं, जो खंडित किए गए हम तो उन्हीं की मांग कर रहे हैं। सनातन धर्म के 123 मंदिर मुख्य रूप से तोड़े गए। इस्लाम धर्म के शासकों ने मध्य में अत्याचार कर सनातन धर्म को भी विखंडित किया।

 

संघ ने भारत भूमि पर अच्छा हिंदुत्व का प्रचार प्रसार कर संगठित किया लेकिन संघ के प्रमुख इस तरह की बात कहते हैं जो कि हमारे पूज्य भगवान शंकर के ऊपर आती है तो हम उसको स्वीकार नहीं करते हैं। इस बयान की हम घोर निंदा करते हैं। उन्हें इस वक्तव्य को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कहना क्या चाहते हैं? वह देश के संत समाज और भगवान शिव के भक्तों से क्षमा मांगें। उन्होंने कहा कि सनातन धर्मियों की भावना भाजपा ही समझ सकती है। देश से लेकर कई राज्यों में भाजपा की सरकार होने के नाते अब देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। 

श्रद्धालुओं ने स्टेशन पर किया स्वागत

जगतगुरु शंकराचार्य ओंकार आनंद सरस्वती महाराज रविवार को पूर्वाह्न करीब 11.45 बजे शताब्दी एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन पर उतरे जहां भाजपा नेताओं सहित कई श्रद्धालुओं ने उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। इसके बाद वह श्री तुवन मंदिर पहुंचे जहां महंत रामलखन दास के साथ उन्होंने हनुमान जी के दर्शन किए। करीब दो बजे वह मध्यप्रदेश के अशोक नगर के लिए रवाना हो गए।



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