मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद इस साल के अंत तक 75000 पर पहुंच सकता सेंसेक्स, जानिए क्या शर्तें बताईं


नई दिल्ली . अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने बुल रन में इस साल के अंत तक सेंसेक्स के 75000 पर पहुंचने का अनुमान लगाया है. हालांकि इसके लिए कोरोना महामारी का दोबारा प्रसार ना होना और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पॉलिसी में व्यापक बदलाव बदलाव ना होने की शर्तें जोड़ी गई हैं.

बुल मार्केट परिदृश्य में कहा गया है कि भारत बॉन्ड सूचकांक में शामिल हो गया है. इसके कारण 12 महीने में करीब 20 अरब डॉलर आने की उम्मीद है. इसके साथ ही कच्चे तेल में फिलहाल जो तेजी बनी हुई है, उसी तेजी से गिरने और वित्त वर्ष 2022-24 में अर्निंग ग्रोथ वार्षिक 25 फीसदी कंपाउंड होने से 75000 का लक्ष्य पूरा होगा.

हालांकि मॉर्गन स्टेनली ने साफ किया ​है कि वह इन आंकड़ों की संभावना 50 फीसदी ही देखती है. खराब हालात में इस साल दिसंबर के अंत तक सेंसेक्स 62,000 को छू लेगा. उसके मुताबिक, “हम मानते हैं कि यूक्रेन-रूस के बीच चल रहा तनाव कुछ हफ्तों में समाप्त हो जाएगा और भविष्य में कोविड म​हामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों पर बड़ा प्रतिबंध नहीं लगेगा और हमारे पूर्वानुमानों के अनुसार विकास में सुधार होगा.” ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है.

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वैश्विक स्तर पर बिकवाली

वैश्विक सूचकांकों के हालात के साथ बैंक, वित्तीय और आईटी शेयरों में गिरावट के कारण भारतीय बाजार बुधवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुए. निवेशकों ने महंगाई रोकने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से आक्रामक मौद्रिक सख्ती को भांपकर वैश्विक स्तर पर भारी बिकवाली की. इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी पड़ा.

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अब तक सपाट था बाजार

2022 में अब तक सेंसेक्स लगभग सपाट था. रूस-यूक्रेन संघर्ष और उच्च महंगाई से निपटने के लिए फेड की आक्रामक कार्रवाई और टिप्पणियों ने इसके भागने में बाधा पहुंचाई है. मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि भारतीय शेयरों ने तेल की कीमतों में आपूर्ति के झटके को नजरअंदाज कर दिया है. इससे बाजार की संरचना और गतिशीलता में कुछ बुनियादी बदलाव का पता चलता है. तेल के दाम बढ़ने के बावजूद भारतीय शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. साथ ही भारत के प्रति बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सकारात्मता बढ़ती जा रही है.

Tags: Business news in hindi, COVID 19, RBI, Sensex, Stock Markets

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