मदर्स डे 2022: मां को देखना चाहते हैं लंबी उम्र तक स्वस्थ, तो जरूर कराएं ये 6 हेल्थ चेकअप


Health Checkup for Mother: हर एक बच्चे के लिए दुनिया में सबसे प्यारी, बेहद करीब और बेस्ट फ्रेंड उसकी मां होती है. मां ही होती है, जो अपने बच्चे के हर कष्ट, दुख-दर्द को पल में भांप लेती है. मां सबके लिए खास होती है. दुनिया भर की मांओं को सम्मान देने के लिए, उन्हें ये जताने के लिए कि वो कितनी स्पेशल हैं, उनकी क्या अहमियत है, इस बात का अहसास दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को (इस बार 8 मई) ‘मदर्स डे’ सेलिब्रेट किया जाता है. जिस दिन से एक औरत मां बनती है, उसी दिन से वे अपने बच्चे की देखभाल करती है. उसका पालन-पोषण करती है, सेहत का ख्याल रखती है और ऐसे ही देखभाल करते उसकी उम्र बीत जाती है.

ऐसे में जरूरी है कि बच्चे भी अपनी मां की सेहत का ख्याल रखें. कई बार कुछ महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. ना उन्हें समय पर खाने का ध्यान रहता है और ना ही सोने की चिंता. ऐसे में बढ़ती उम्र में सेहत संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं. जरूरी है बच्चों को पहल लेने की और अपनी मां की बढ़ती उम्र को देखते हुए कुछ रूटीन हेल्थ चेकअप करवाने की, ताकि वे लंबी उम्र तक एक स्वस्थ जीवन जी सके.

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अपनी मां का जरूर कराएं ये महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जांच 
मदरहुड हॉस्पिटल्स, (मेकैनिक नगर, इंदौर) की सलाहकार- प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना दुबे कहती हैं कि महिलाएं, विशेषकर मांताएं अपने प्रियजनों की देखभाल करते हुए अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं. आखिरकार, हर परिवार की रीढ़ महिलाएं ही हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें अपनी भलाई सुनिश्चित करने के लिए खुद को सबसे पहले रखने और नियमित हेल्थ जांच कराने की आवश्यकता होती है. ऐसे में स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए किशोर और युवा बच्चों को अपनी मां का नीचे बताए गए कुछ परीक्षण जरूर कराना चाहिए-

ब्लड प्रेशर की जांच
रक्तचाप हाइपर टेंशन और हृदय रोग जैसी बीमारियों का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है. ऐसे में अपनी मां का हर साल कम से कम एक बार रक्तचाप की जांच कराएं. यदि आपकी मां पहले से ही डायबिटीज, किडनी की बीमारी या हृदय की समस्या जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर बार-बार परीक्षण कराने की सिफारिश कर सकता है.

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श्रोणि (पेल्विक) की नियमित जांच
पेल्विक परीक्षा में योनि, गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, सर्विक्स, मूत्राशय और मलद्वार सहित संपूर्ण श्रोणि के अंगों की जांच की जाती है. यह 21-65 वर्ष की आयु से प्रत्येक महिला की स्वास्थ्य देखभाल का हिस्सा होना चाहिए. एक नियमित पेल्विक परीक्षा डिम्बग्रंथि के सिस्ट, फाइब्रॉएड, यौन संचारित संक्रमण या प्रारंभिक चरण के कैंसर जैसे किसी भी प्रजनन संबंधी मुद्दों का पता लगाने में मदद करेगी.

पैप स्मीयर टेस्ट है बेहद जरूरी
सर्वाइकल कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किए जाते हैं. एक महिला के 21 साल की उम्र तक पहुंचने पर पैप स्मीयर किया जा सकता है. 30 से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित पेल्विक परीक्षा के साथ-साथ हर तीन साल में कम से कम एक बार पैप स्मीयर करवाना चाहिए.

स्तन कैंसर परीक्षण (मैमोग्राम)
स्तन कैंसर की शुरुआत का पता लगाने के लिए 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मैमोग्राम की सिफारिश की जाती है. महिलाओं को अपने स्तनों के विकास पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और मासिक स्व-परीक्षण करनी चाहिए. यदि आपकी मां या बहन को स्तन कैंसर था, तो आपको जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. स्तनों में किसी भी बदलाव के बारे में तुरंत सूचित किया जाना चाहिए.

प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था पूर्व मूल्यांकन
उम्र के साथ महिला की प्रजनन क्षमता कम होती जाती है. यदि 35 की उम्र में या इसके बाद गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो आपकी प्रजनन क्षमता का आकलन करने के लिए 30 की उम्र सही है. कुछ गर्भावस्था पूर्व परीक्षण भी होते हैं, जिनसे आप गर्भधारण से पहले अपनी मदद का निर्धारण कर सकती हैं. ये परीक्षण गर्भावस्था से पहले शुगर या थायरॉयड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

थायरॉएड टेस्ट
महिलाओं में अतिसक्रिय या कम सक्रिय थायरॉएड ग्रंथि से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है. इससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो बदले में कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है. ऐसे में किशोर और युवा बच्चों को अपनी मां की सेहत की तरफ ध्यान देते हुए, ऊपर बताए गए ये महत्वपूर्ण टेस्ट जरूर करवाते रहना चाहिए.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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