Naag Panchami 2022: नागचंद्रेश्वर मंदिर खुला, अब मंगलवार रात 12 बजे एक साल के लिए बंद होंगे पट


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उज्जैन के महाकाल मंदिर में नागपंचमी की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए हैं। भक्तों को दर्शन सुलभ हों, प्रशासन ने इसके लिए खास इंतजाम किए हैं। इस बार भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल पुल के माध्यम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। इसके पहले तक अस्थायी सीढ़ियां बनाकर दर्शन कराए जाते थे। इस पैदल पुल को केंद्रीय भवन अनुसंधान रूड़की और लोक निर्माण विभाग की ओर से भी पास कर दिया गया है। 

बता दें कि इस बार नागपंचमी का दिन उज्जैन में खास रहता है। महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है, जो सालभर में एक दिन सिर्फ नागपंचमी पर ही खुलता है। 24 घंटे भक्तों के लिए मंदिर खुला रहता है। इस दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। सोमवार रात 12 बजे मंदिर के गेट खोले गए।  महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत विनीत गिरी महाराज के सान्निध्य में कलेक्टर आशीष सिंह की मौजूदगी में पूजा हुई। फिर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया। मंगलवार रात 12 बजे पूजन के बाद फिर एक साल के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

सोमवार को सावन की तीसरी सवारी होने की वजह से भक्तों को रात आठ बजे बाद कतार में लगने दिया गया। हरसिद्धि चौराहा से दर्शनार्थियों की तीन कतार बनाई गई है। एक कतार सामान्य दर्शनार्थी के लिए होगी। दूसरी कतार में लगकर शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थी लगेंगे। तीसरी कतार दर्शन के बाद मंदिर से बाहर आने वाले दर्शनार्थियों की रहेगी।

बताया गया कि नागपंचमी पर अखाड़े की परंपरा अनुसार भगवान नागदेवता की त्रिकाल पूजा होती है। पहली पूजा सोमवार रात 12 बजे हुई, जो महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा करवाई गई। मंगलवार दोपहर 12 बजे दूसरी पूजा होगी, जिसमें शासन का सहयोग रहेगा। सोमवार शाम भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद तीसरी पूजा होगी। इसे मंदिर प्रबंध समिति करवाएगा। 

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक मंदिर परिसर स्थित श्री विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर से श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर की छत तक पुल बनाया गया है। इसकी लंबाई लगभग 91 फीट है तथा 10 फीट चौड़ाई रखी गई है। पुल अस्थायी है, जिसे दर्शन व्यवस्था के बाद हटा लिया जाएगा। इसे मजबूती देने के लिए पांच खंभों का सहारा लिया गया है। इसकी लागत करीब एक करोड़ रुपये तक आई है, जिसे मंदिर समिति ने एक दानदाता के सहयोग से बनवाया गया है। कंपनी ने 25 दिन में इसे तैयार कर दिया है। 
 

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उज्जैन के महाकाल मंदिर में नागपंचमी की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए हैं। भक्तों को दर्शन सुलभ हों, प्रशासन ने इसके लिए खास इंतजाम किए हैं। इस बार भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल पुल के माध्यम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। इसके पहले तक अस्थायी सीढ़ियां बनाकर दर्शन कराए जाते थे। इस पैदल पुल को केंद्रीय भवन अनुसंधान रूड़की और लोक निर्माण विभाग की ओर से भी पास कर दिया गया है। 

बता दें कि इस बार नागपंचमी का दिन उज्जैन में खास रहता है। महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है, जो सालभर में एक दिन सिर्फ नागपंचमी पर ही खुलता है। 24 घंटे भक्तों के लिए मंदिर खुला रहता है। इस दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। सोमवार रात 12 बजे मंदिर के गेट खोले गए।  महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत विनीत गिरी महाराज के सान्निध्य में कलेक्टर आशीष सिंह की मौजूदगी में पूजा हुई। फिर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया। मंगलवार रात 12 बजे पूजन के बाद फिर एक साल के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

सोमवार को सावन की तीसरी सवारी होने की वजह से भक्तों को रात आठ बजे बाद कतार में लगने दिया गया। हरसिद्धि चौराहा से दर्शनार्थियों की तीन कतार बनाई गई है। एक कतार सामान्य दर्शनार्थी के लिए होगी। दूसरी कतार में लगकर शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थी लगेंगे। तीसरी कतार दर्शन के बाद मंदिर से बाहर आने वाले दर्शनार्थियों की रहेगी।

बताया गया कि नागपंचमी पर अखाड़े की परंपरा अनुसार भगवान नागदेवता की त्रिकाल पूजा होती है। पहली पूजा सोमवार रात 12 बजे हुई, जो महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा करवाई गई। मंगलवार दोपहर 12 बजे दूसरी पूजा होगी, जिसमें शासन का सहयोग रहेगा। सोमवार शाम भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद तीसरी पूजा होगी। इसे मंदिर प्रबंध समिति करवाएगा। 

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक मंदिर परिसर स्थित श्री विट्ठल पंढरीनाथ मंदिर से श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर की छत तक पुल बनाया गया है। इसकी लंबाई लगभग 91 फीट है तथा 10 फीट चौड़ाई रखी गई है। पुल अस्थायी है, जिसे दर्शन व्यवस्था के बाद हटा लिया जाएगा। इसे मजबूती देने के लिए पांच खंभों का सहारा लिया गया है। इसकी लागत करीब एक करोड़ रुपये तक आई है, जिसे मंदिर समिति ने एक दानदाता के सहयोग से बनवाया गया है। कंपनी ने 25 दिन में इसे तैयार कर दिया है। 

 



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