NASA के स्पेस क्राफ्ट को मिले चांद पर रहस्यमयी रॉकेट के क्रैश होने के सबूत!


अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को चांद पर रॉकेट बॉडी गिरने से बना एक गड्ढा मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये गड्ढा लगभग तीन महीने पहले का है। साल की शुरुआत में खगोल वैज्ञानिकों ने पाया था कि एक अनजाने रॉकेट की बॉडी चांद से टकराने वाली है। इसके लिए 4 मार्च का दिन बताया गया था। इसके गिरने की जगह के बारे में गणनाएं की गईं कि बॉडी किस जगह गिर सकती है। पाया गया कि यह Hertzsprung Crater में गिरेगा। Hertzsprung Crater चांद की दूसरी तरफ की सतह पर मौजूद एक 570 किलोमीटर चौड़ा एरिया है। 

उस वक्त वैज्ञानिकों ने जो अंदाजा लगाया था वह बिल्कुल सही साबित हुआ। नासा के लूनर रिकॉन्सेंस ऑर्बिटर (LRO) मिशन के शोधकर्ताओं ने एक रात पहले घोषणा की है कि स्पेसक्राफ्ट को चांद पर उसी जगह एक एक नया क्रेटर मिला है, जहां पर उस रॉकेट गिरने का अनुमान लगाया गया था। दरअसल लूनर रिकॉन्सेंस ऑर्बिटर इमेजरी ने ऐसे दो क्रेटर गिनाए हैं। इनमें से एक पूर्व की ओर 59 फीट का चौड़ा गड्ढा है, और दूसरा 52 फीट चौड़ा गड्ढा है जो कि पहले के नीचे दबा है और पश्चिम की ओर है। 

Arizona State University में मिशन के मुख्य जांचकर्ता Mark Robinson ने कहा, “वैज्ञानिकों को दो बड़े गड्ढों की उम्मीद नहीं थी। लेकिन, इससे ये पता चलता है कि जो रॉकेट गिरा, उसके दोनों छोरों पर बड़ा आकार रहा होगा। एक खाली हो चुके रॉकेट के मोटर वाले छोर पर बड़ा वजन होता है जिसमें ईंधन के खाली टैंक बच जाते हैं।”

रॉबिन्सन ने आगे बताया कि चांद पर गिरकर क्रैश होने वाला रॉकेट अभी तक गुमनाम है। वह कहां से आया था किसी को नहीं पता। इससे पहले इसके बारे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह SpaceX Falcon 9 का ऊपरी स्टेज हो सकता है जिसे DSCOVR ने 2015 में लॉन्च किया था। लेकिन उसके बाद जब गहनता से इसके बारे में जांच की गई तो वैज्ञानिकों ने कहा कि यह चीन के लॉन्ग मार्च बूस्टर का हिस्सा हो सकता है जिसे चीन के Chang’e 5T1 मिशन के दौरान 2014 में लॉन्च किया गया था। लेकिन चीन ने उस दावे को मानने से इनकार कर दिया। 

यहां एक बात और वैज्ञानिकों को उलझा रही है। इससे पहले भी रॉकेट के हिस्से गिरकर चांद पर क्रैश हुए हैं। लेकिन जैसा आकार इस रॉकेट के गिरने से बना है, ऐसा पहले कभी नहीं बना था। किसी भी रॉकेट के हिस्सों ने दो तरफ से गड्ढों का निर्माण नहीं किया था। इसलिए अब तक यह रॉकेट एक रहस्य बना हुआ है। यहां पर सवाल खड़ा होता है कि क्या धरती के अलावा कोई और ऐसी दुनिया है जहां से रॉकेट जैसी कोई चीज धरती की ओर भेजी जा सकती है? वैज्ञानिक इस गुमनाम रॉकेट के रहस्य का पता लगाने में जुटे हुए हैं।

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