New GST Rates: 18 जुलाई से पैकेटबंद आटा, दूध और पनीर होगा महंगा, अस्पतालों में प्राइवेट बेड पर भी जीएसटी


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जुलाई के महीने में महंगाई एक और बड़ा झटका देने को तैयार है। आम आदमी को यह झटका 18 जुलाई से लगने वाला है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने घरेलू उपयोग की कई चीजों पर जीएसटी (GST) लगाने और कुछ चीजों पर जीएसटी दरों में इजाफा करने का फैसला लिया है। यह फैसला आगामी 18 जुलाई से प्रभाव में आना है, ऐसे में इस दिन से कुछ जरूरी सामान महंगे हो जाएंगे यह लगभग तय हो चुका है। आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने कुछ सामानों पर वर्तमान में मिल रही छूट को वापस लेने का का भी फैसला किया है। 18 जुलाई के बाद जिन चीजों पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ने वाली है उनमें पैकेटबंद और लेबल लगा गेहूं का आटा, दुग्ध उत्पाद जैसे दूध, पनीर, छाछ, व दही आदि भी शामिल हैं। इनके अलावा अलग-अलग तरह के पापड़, मूढ़ी या मुरमुरे भी 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला

चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते 28 व 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी। काउंसिल की दो दिवसीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बैठक में जिन चीजों पर जीएसटी चार्ज किया जाता है उनके विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दिए गए कई सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है। कई चीजों पर लगने वाली जीएसटी दरों में बदलाव किए गए हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि ये बदलाव 18 जुलाई से प्रभावी माने जाएंगे। 

सीलबंद डिब्बा में बंद उत्पाद हो जाएंगे महंगे 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिब्बाबंद या लेबल लगे (फ्रोजन गुड्स के अलावे) दही, लस्सी, पनीर, शहद, मछली, सूखा सोयाबीन, सूखा मखाना और मटर जैसे उत्पादों, गेहूं व अन्य अनाज के अलावे मूढ़ी या मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है। अब तक इन चीजों पर लगने वाली जीएसटी में छूट मिलती थी। उसी तरह विभिन्न पेय पदार्थों के टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से जारी किए जाने वाले चेकबुक पर सेवा कर 18 प्रतिशत वहीं एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में ये उत्पाद आगामी 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे यह लगभग तय है। हालांकि, यहां राहत की बात यह है कि काउंसिल की बैठक में यह साफ तौर पर कहा गया है कि खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर अभी जीएसटी चार्ज नहीं किया जाएगा।

होटलों और अस्पतालों में कमरे के लिए खर्च का भार बढ़ेगा 

अभी तक 1000 रुपए से कम किराया वाले सस्ते या बजट होटलों में ठहरने पर हमें कोई जीएसटी चार्ज नहीं देना पड़ता था पर 18 जुलाई के बाद ऐसे होटलों में ठहरने पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकानी पड़ेगी। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये पांच हजार रुपये से अधिक का कमरा (आईसीयू के अतिरिक्त) बुक कराने पर भी पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी चार्ज की जाएगी।

एलईडी लैंप पर भी अब 12 की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में एलईडी लैंप पर भी जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावे धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और पेंसिल शार्पनर, प्रिंटिंग और ड्राइंग में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे इंक इत्यादि और मार्किंग प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी की दर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले हीटर पर भी जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।

शवदाहगृह के निर्माण कार्य पर भी टैक्स बढ़ा 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार अब शवदाहगृह, सड़क, मेट्रो, पुल, रेलवे और वेस्ट प्रोसिंग मशीनरी लगाने का काम करवाने पर भी अब 12 की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी चुकानी पड़ेगी। वहीं 18 जुलाई के बाद से रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन और मेडिकल सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है, ऐस में ये चीजें सस्ती हो सकती हैं। मालवाहक वाहनों और उनके ईंधन पर भी जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। उम्मीद है इससे माल ढुलाई सस्ती होगी। 

रिहायशी घर को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किराये पर देने पर लगेगा टैक्स

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए हवाई यात्रा करने पर मिलने वाली जीएसटी छूट अब इकनॉमी क्लास तक ही सीमित रहेगी। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जैसे नियामकों की सेवाओं पर भी 18 जुलाई के बाद टैक्स चार्ज किया जाएगा ऐसे में ये सवाएं महंगी हो सकती हैं। रिहायशी घरों को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किराये पर देने पर भी अब टैक्स देना पड़ेगा। हालांकि, बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायत के साथ जीएसटी दर 5 प्रतिशत ही बनी रहेगी।

विस्तार

जुलाई के महीने में महंगाई एक और बड़ा झटका देने को तैयार है। आम आदमी को यह झटका 18 जुलाई से लगने वाला है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने घरेलू उपयोग की कई चीजों पर जीएसटी (GST) लगाने और कुछ चीजों पर जीएसटी दरों में इजाफा करने का फैसला लिया है। यह फैसला आगामी 18 जुलाई से प्रभाव में आना है, ऐसे में इस दिन से कुछ जरूरी सामान महंगे हो जाएंगे यह लगभग तय हो चुका है। आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने कुछ सामानों पर वर्तमान में मिल रही छूट को वापस लेने का का भी फैसला किया है। 18 जुलाई के बाद जिन चीजों पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ने वाली है उनमें पैकेटबंद और लेबल लगा गेहूं का आटा, दुग्ध उत्पाद जैसे दूध, पनीर, छाछ, व दही आदि भी शामिल हैं। इनके अलावा अलग-अलग तरह के पापड़, मूढ़ी या मुरमुरे भी 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला

चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते 28 व 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी। काउंसिल की दो दिवसीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बैठक में जिन चीजों पर जीएसटी चार्ज किया जाता है उनके विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दिए गए कई सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है। कई चीजों पर लगने वाली जीएसटी दरों में बदलाव किए गए हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि ये बदलाव 18 जुलाई से प्रभावी माने जाएंगे। 

सीलबंद डिब्बा में बंद उत्पाद हो जाएंगे महंगे 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिब्बाबंद या लेबल लगे (फ्रोजन गुड्स के अलावे) दही, लस्सी, पनीर, शहद, मछली, सूखा सोयाबीन, सूखा मखाना और मटर जैसे उत्पादों, गेहूं व अन्य अनाज के अलावे मूढ़ी या मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है। अब तक इन चीजों पर लगने वाली जीएसटी में छूट मिलती थी। उसी तरह विभिन्न पेय पदार्थों के टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से जारी किए जाने वाले चेकबुक पर सेवा कर 18 प्रतिशत वहीं एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में ये उत्पाद आगामी 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे यह लगभग तय है। हालांकि, यहां राहत की बात यह है कि काउंसिल की बैठक में यह साफ तौर पर कहा गया है कि खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर अभी जीएसटी चार्ज नहीं किया जाएगा।

होटलों और अस्पतालों में कमरे के लिए खर्च का भार बढ़ेगा 

अभी तक 1000 रुपए से कम किराया वाले सस्ते या बजट होटलों में ठहरने पर हमें कोई जीएसटी चार्ज नहीं देना पड़ता था पर 18 जुलाई के बाद ऐसे होटलों में ठहरने पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकानी पड़ेगी। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये पांच हजार रुपये से अधिक का कमरा (आईसीयू के अतिरिक्त) बुक कराने पर भी पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी चार्ज की जाएगी।

एलईडी लैंप पर भी अब 12 की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में एलईडी लैंप पर भी जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावे धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और पेंसिल शार्पनर, प्रिंटिंग और ड्राइंग में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे इंक इत्यादि और मार्किंग प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी की दर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले हीटर पर भी जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है।

शवदाहगृह के निर्माण कार्य पर भी टैक्स बढ़ा 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार अब शवदाहगृह, सड़क, मेट्रो, पुल, रेलवे और वेस्ट प्रोसिंग मशीनरी लगाने का काम करवाने पर भी अब 12 की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी चुकानी पड़ेगी। वहीं 18 जुलाई के बाद से रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन और मेडिकल सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है, ऐस में ये चीजें सस्ती हो सकती हैं। मालवाहक वाहनों और उनके ईंधन पर भी जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। उम्मीद है इससे माल ढुलाई सस्ती होगी। 

रिहायशी घर को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किराये पर देने पर लगेगा टैक्स

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए हवाई यात्रा करने पर मिलने वाली जीएसटी छूट अब इकनॉमी क्लास तक ही सीमित रहेगी। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जैसे नियामकों की सेवाओं पर भी 18 जुलाई के बाद टैक्स चार्ज किया जाएगा ऐसे में ये सवाएं महंगी हो सकती हैं। रिहायशी घरों को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए किराये पर देने पर भी अब टैक्स देना पड़ेगा। हालांकि, बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायत के साथ जीएसटी दर 5 प्रतिशत ही बनी रहेगी।



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