सेलिब्रिटी के लिए कमाई का नया तरीका बना एनएफटी


हानायक अमिताभ बच्चन ने पिछले साल दीपावली के दिन नौ लाख डॉलर यानी लगभग 6.5 करोड़ रुपये की कमाई की थी. वह भी बिना किसी फिल्म रिलीज के. दरअसल, बिग बी ने पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता मधुशाला को अपनी आवाज देकर एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन) के रूप में उसकी नीलामी की थी. इसके अलावा शोले, डॉन, दीवार, शहंशाह जैसी सात पुरानी और मशहूर फिल्मों के हाथ से बनाए और बच्चन के ऑटोग्राफ वाले पोस्टर के एनएफटी की भी नीलामी हुई थी. ‘बेयॉन्डलाइव डॉट क्लब’ प्लेटफॉर्म पर हुई उस नीलामी में बच्चन की दमदार आवाज वाली मधुशाला 7.56 लाख डॉलर में बिकी थी.

बॉलीवुड में एनएफटी लांच करने वाले बिग बी पहले शख्स हैं. अभिनेता सलमान खान, सोनू सूद, सनी लियोनी, मलयालम स्टार दलकीर सलमान, रैपर रफ्तार, गायक मीका सिंह, यूट्यूबर अमित भड़ाना जैसी शख्सियतें भी एनएफटी लांच कर चुकी हैं या लाने की घोषणा की है. विदेशी हस्तियों में मशहूर हॉलीवुड अभिनेत्री पेरिस हिल्टन, लिंड्से लोहान, अमेरिकी रैपर स्नूप डॉग, उद्योगपति इलोन मस्क की पूर्व प्रेमिका और संगीतकार ग्राइम्स भी एनएफटी लांच कर चुकी हैं.

कोरोना के दौर में कमाई का नया जरिया

ग्लिच नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी के सीईओ अनिल दास और केविन मकोय ने 2014 में एनएफटी की शुरूआत की थी, लेकिन 2021 में इसका चलन बहुत तेजी से बढ़ा. इसलिए वर्ष 2021 को एनएफटी का साल भी कहा जाता है. कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में मनोरंजन उद्योग ठप पड़ गया था, स्पोर्ट्स टूर्नामेंट भी नहीं हो रहे थे. तब मनोरंजन और खेल जगत की सेलेब्रिटीज और संस्थाओं ने एनएफटी को कमाई का नया जरिया बनाया. लेकिन अब इसका तेजी से विस्तार हो रहा है. इसका इस्तेमाल गेमिंग से लेकर रियल इस्टेट तक अनेक क्षेत्रों में होने लगा है.

क्या है एनएफटी की टेक्नोलॉजी

एनएफटी में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी भी इसी टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं. जिस तरह क्रिप्टो करेंसी के खरीदार के नाम वह करेंसी ब्लॉकचेन में दर्ज रहती है, उसी तरह एनएफटी भी खरीदार के नाम ब्लॉकचेन में दर्ज हो जाती हैं. लेकिन, क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी में एक बुनियादी फर्क होता है. करेंसी फंजिबल होती हैं, यानी उनकी अदला-बदली की जा सकती है. जैसे, दो बिटकॉइन करेंसी एक जैसी होंगी. लेकिन कोई भी दो एनएफटी एक जैसी नहीं हो सकती है. हर एनएफटी अपने आप में एक्सक्लूसिव होती है.

किसी भी डिजिटल ऐसेट की बन सकती है एनएफटी

इन दिनों एनएफटी के रूप में जो चीजें बेची जा रही हैं, उनमें डिजिटल आर्ट सबसे अधिक है. स्पोर्ट्स कार्ड भी बेचे जा रहे हैं. म्यूजिक या वीडियो भी एनएफटी के रूप में बेचे जा सकते हैं. पिछले दिनों एनबीए ने टॉप शॉट नाम से एनएफटी बेचे जो दरअसल पुराने गेम के वीडियो क्लिप थे. तकनीकी रूप से देखा जाए तो किसी भी डिजिटल ऐसेट को एनएफटी में बदलकर बेचा जा सकता है. टि्वटर के कोफाउंडर जैक डोर्सी ने 22 मार्च 2006 को किया गया पांच शब्दों का अपना पहला ट्वीट एनएफटी के रूप में तीन लाख डॉलर में बेचा.

उस ट्वीट में लिखा था, “just setting up my twt”.  मलेशिया के बिजनेसमैन सिनाइ एस्तावी ने उसे खरीदा था. मार्च 2021 में डिजिटल आर्टिस्ट बीपल ने अपना एक कलेक्शन 6.9 करोड़ डॉलर में बेचा. वह डेविड हॉकनी और जेफ कून्स के आर्टवर्क के बाद तीसरी सबसे अधिक कीमत है. हॉकनी का एक डिजिटल कलेक्शन 2018 में नौ करोड़ डॉलर में बिका था.

एक साल में 268 गुना बढ़ा बाजारनॉन-फंजिबल डॉट कॉम की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2021 की तीसरी तिमाही में 5.91 अरब डॉलर के एनएफटी की बिक्री हुई. एक साल पहले 2020 की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा सिर्फ 2.20 करोड़ डॉलर और 2021 की दूसरी तिमाही में 78.23 करोड़ डॉलर का था. यानी एक तिमाही में एनएफटी का बाजार 7.5 गुना और एक साल में 268 गुना बढ़ गया. 2021 की तीसरी तिमाही में 2.6 लाख लोगों ने एनएफटी खरीदी. दूसरी तिमाही में यह संख्या 97,658 और एक साल पहले 2020 की तीसरी तिमाही में सिर्फ 19,445 थी. एनएफटी बेचने वालों की संख्या भी एक साल पहले 8,923 और पिछले साल दूसरी तिमाही में 40,056 थी जो तीसरी तिमाही में 1.23 लाख हो गई.

पारंपरिक आर्ट बाजार को पीछे छोड़ सकता है एनएफटी

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 41 अरब डॉलर के एनएफटी की बिक्री हुई. ज्यादातर एनएफटी की खरीद-बिक्री इथेरियम ब्लॉकचेन पर होती है. अगर पिछले साल की ट्रेडिंग में इथेरियम के अलावा अन्य ब्लॉकचेन की एनएफटी को जोड़ा जाए तो रकम और ज्यादा होगी. दुनिया में 2020 में 50 अरब डॉलर के पारंपरिक आर्ट और एंटीक की बिक्री हुई थी. इस लिहाज से एनएफटी जल्दी ही पारंपरिक आर्ट के बाजार को पीछे छोड़ सकता है.

यह तेजी अविश्वसनीय है और फिलहाल इसके जारी रहने की संभावना है. लेकिन यह भी सच है कि नया होने के कारण एनएफटी के बाजार में काफी अस्थिरता है. नॉन-फंजिबल डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार अनेक रीसेल सौदे घाटे में हुए हैं. इसलिए निवेशक को सिर्फ ट्रेडिंग के आंकड़ों पर नहीं जाना चाहिए. अगर रीसेल बाजार में घाटा जारी रहा तो डॉटकॉम बुलबुले की तरह जल्दी ही यह भी फूट जाएगा.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

ब्लॉगर के बारे में

सुनील सिंह

सुनील सिंहवरिष्ठ पत्रकार

लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.

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