अब सस्ता होगा खाने का तेल, सरकार ने कच्चे पाम ऑयल से घटाया 2.5% टैक्स


नई दिल्ली. खाने के तेल की महंगी कीमतों (Edible Oil Price) से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने कच्चे पाम तेल पर टैक्स में कटौती की है. अब इस पर 5 फीसदी का टैक्स लगेगा, जबकि अब तक 7.5 फीसदी टैक्स लगता था. टैक्स में 2.5% की कटौती के चलते खाने के तेल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है.

खाद्य तेलों की कीमतों में और वृद्धि को रोकने के लिए भारत सरकार ने कच्चे पाम तेल के लिए कृषि सेस में कमी की घोषणा की है. भारत सरकार ने सोमवार, 14 फरवरी को कहा कि कच्चे पाम तेल (CPO) पर कृषि सेस को पहले 5% कर दिया गया है. यह फैसला 12 फरवरी से लागू हो गया है. प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि इस कदम से सीपीओ और रिफाइंड पाम ऑयल के बीच आयात कर अंतर बढ़कर 8.25% हो गया है.

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आयात में होगा लाभ
प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि सीपीओ और रिफाइंड पाम ऑयल के बीच अंतर को बढ़ाने के कदम से घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को रिफाइनिंग के लिए कच्चे तेल का आयात करने में लाभ होगा. भारत सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क की वर्तमान मूल दर को 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया है. आधिकारिक बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस कदम का उद्देश्य देश में खाद्य तेलों की कीमतों की जांच करना है.

जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश
केंद्र के बयान में स्पष्ट किया गया है कि इस कदम से बाजार में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी, कालाबाजारी आदि जैसी अनुचित प्रथाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद है, जिससे खाद्य तेलों की कीमतों में कोई वृद्धि हो सकती है. ऑयल इंडस्ट्री को कल 15 फरवरी को एक बैठक के लिए बुलाया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा सके और राज्य सरकारों को स्टॉक सीमा आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है.

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इससे पहले सरकार ने कच्चे पाम तेल के आयात पर लागू शुल्क को 8.25 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया था. मलेशियाई बाजार में तेजी के बीच कच्चे पाम तेल पर सीमा शुल्क में कटौती से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सोमवार को इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई. वहीं, हल्के तेलों की मांग बढ़ने से सोयाबीन, सरसों और मूंगफली तेल की कीमतें मजबूत रही.

Tags: Edible oil, Inflation, Palm oil

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