पुरानी कार अब नहीं होंगी बेकार: रेट्रोफिटिंग कराके ईवी में बदलें अपनी कारें, जानें खर्च से लेकर इसे कराने की प्रक्रिया


पुराने डीजल, पेट्रोल या सीएनजी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलकर आप लाखों रुपये की बचत कर सकते हैं। वाहनों के लिए रेट्रोफिटमेंट की सुविधा से हजारों वाहन मालिकों को नई इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के बजाय पुराने वाहनों को कबाड़ होने से बचाया जा सकता है। करीब 40 फीसदी खर्च में पुराने वाहनों को ई वाहन में तब्दील कर फर्राटा भर सकते हैं। रेट्रोफिटमेंट की प्रक्रिया के शुरुआती दौर में होने से लोग फिलहाल इस मद में खर्च करने से थोड़ा गुरेज कर रहे हैं। दिल्ली को ईवी राजधानी बनाने की दिशा में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को रेट्रोफिटिंग से नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। 

 

दिल्ली सरकार ने 2020 में नई ईवी पॉलिसी लॉन्च की थी। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को वित्तीय प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इसके तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, ऑटो, टैक्सी, कैब, ई रिक्शा सहित निजी वाहनों को भी नई रफ्तार मिल सके। दिल्ली में ई वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कुल वाहनों में नौ फीसदी से अधिक ई वाहनों की हिस्सेदारी है। दिल्ली सरकार ने 11 रेट्रोफिटिंग एजेंसी को इसका जिम्मा दिया है, लेकिन जमीन पर अभी भी इक्का दुक्का ही हैं। परिवहन विभाग की ओर से नए सिरे से वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए अलग पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। इसमें एजेंसी और वाहनों की रेट्रोफिटिंग करने वाली कंपनियों का ब्यौरा होगा। इससे पुराने वाहनों को नए ई वाहन में बदलने में सहूलियत होगी। 

पुराने वाहनों को अधिकृत एजेंसी या कंपनी का किट लगाने के बाद नई ई कार या ई बाइक की शक्ल दी जाएगी। इससे वाहनों को कबाड़ होने से बचाने के साथ ही प्रदूषण मुक्त ईंधन से वाहन चलाए जा सकेंगे। रेट्रोफिटिंग से प्रदूषण में कमी आने के साथ ही आधे से भी कम कीमत में अपने पसंदीदा वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। हालांकि इस पर चार से पांच लाख का खर्च की उम्मीद जताई जा रही है। हो सकता है आने वाले दिनों में रेट्रोफिटिंग पर खर्च कम हो तो इसका उपयोग करने वालों की संख्या और बढ़ेगी।

सेंटर फॉर साइंस की एक विशेषज्ञ ने बताया कि अलग-अलग कार और दोपहिया वाहनों के मॉडल के मुताबिक कंपनियां रेट्रोफिट करती हैं। इस पर 40 से 50 फीसदी का खर्च आता है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकारों की तरफ से लगातार मिल रहे प्रोत्साहन से आने वाले दिनों में ई वाहनों का ही दौर होगा। 

क्या है रेट्रोफिटिंग

रेट्रोफिटिंग किसी पुरानी मशीन या वाहन में नए उपकरणों को डालने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य पुराने उत्पादों की उम्र बढ़ाना है। दूसरे शब्दों में रेट्रोफिटिंग के जरिये किसी भी उपकरण या उत्पाद में बदलाव कर नई जिंदगी दी जाती है। इसकी मियाद बढ़ाने पर अपेक्षाकृत कम खर्च में जरूरत के मुताबिक पुरानी मशीन या वाहनों को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है। सीएनजी, डीजल या पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए रेट्रोफिटिंग की सुविधा मुहैया करने का ईवी पॉलिसी में प्रावधान किया गया है। 



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