महाराष्ट्र: टीका लगाने के तीसरे दिन नवजात शिशु की मौत, खुराक देने में चूक हुई? जानिए पूरा मामला


पीटीआई, पालघर
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 16 Feb 2022 11:14 AM IST

सार

नवजात का विसरा मुंबई के जेजे अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही शिशु की मौत की वास्तविक वजह को लेकर कुछ कहा जा सकेगा। उधर, परिजनों ने टीकों की खुराक देने में चूक का आरोप लगाया है।

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महाराष्ट्र के पालघर जिले में प्रतिरक्षा टीके लगाए जाने के तीसरे दिन 16 माह के एक शिशु ने दम तोड़ दिया। नवजात की मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए चिकित्सा अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। परिजनों ने टीकों की खुराक देने में चूक का आरोप लगाया है।

पालघर जिले के मोखड़ा कस्बे के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भाउ साहेब छत्तर ने कहा कि नवजात का विसरा मुंबई के जेजे अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही शिशु की मौत की वजह को लेकर कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नवजात बालक की विसरा जांच रिपोर्ट आने में 10 दिन और लग सकते हैं। 

डॉ. छत्तर ने बताया कि नवजात को डीपीटी, एमएमआर और पीसीवी बूस्टर डोज 9 फरवरी को दिए गए थे। इसके बाद उसे कुछ तकलीफ होने लगी और शनिवार 12 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया। 
उन्होंने यह भी कहा कि घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों व राज्य सरकार को दे दी गई है। डॉ. छत्तर के अनुसार 9 फरवरी को ही चार अन्य बच्चों को भी नियमित टीकाकरण की खुराक दी गई थी, लेकिन उनमें से किसी को भी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई। 

परिजनों ने लगाया टीके लगाने में चूक का आरोप
आमतौर पर डीपीटी, एमएमआर व पीसीवी की बूस्टर खुराक नवजात शिशुओं को अलग अलग महीनों में दी जाती है। उधर बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि टीके लगाने में गलती के कारण उसकी मौत हुई है। 

विस्तार

महाराष्ट्र के पालघर जिले में प्रतिरक्षा टीके लगाए जाने के तीसरे दिन 16 माह के एक शिशु ने दम तोड़ दिया। नवजात की मौत का वास्तविक कारण जानने के लिए चिकित्सा अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। परिजनों ने टीकों की खुराक देने में चूक का आरोप लगाया है।

पालघर जिले के मोखड़ा कस्बे के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भाउ साहेब छत्तर ने कहा कि नवजात का विसरा मुंबई के जेजे अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही शिशु की मौत की वजह को लेकर कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नवजात बालक की विसरा जांच रिपोर्ट आने में 10 दिन और लग सकते हैं। 

डॉ. छत्तर ने बताया कि नवजात को डीपीटी, एमएमआर और पीसीवी बूस्टर डोज 9 फरवरी को दिए गए थे। इसके बाद उसे कुछ तकलीफ होने लगी और शनिवार 12 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया। 

उन्होंने यह भी कहा कि घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों व राज्य सरकार को दे दी गई है। डॉ. छत्तर के अनुसार 9 फरवरी को ही चार अन्य बच्चों को भी नियमित टीकाकरण की खुराक दी गई थी, लेकिन उनमें से किसी को भी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई। 

परिजनों ने लगाया टीके लगाने में चूक का आरोप

आमतौर पर डीपीटी, एमएमआर व पीसीवी की बूस्टर खुराक नवजात शिशुओं को अलग अलग महीनों में दी जाती है। उधर बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि टीके लगाने में गलती के कारण उसकी मौत हुई है। 



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