OTT की बड़ी हिट Panchayat 2 रिलीज के बीच SVP स्टार Mahesh Babu की फिल्मों को उड़ रहा मजाक, जानिए वजह


पिछले कई दिनों से महेश बाबू (Mahesh Babu) किसी न किसी वजह से चर्चा में हैं. पहले वे हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) पर दिए बयान ‘बॉलीवुड मुझे बर्दाश्त नहीं कर सकता है’ को लेकर चर्चा में रहे और फिर उनकी फिल्म सरकारू वारी पाटा को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे. अब वेब सीरीज पंचायत सीजन 2 को रिलीज के बाद भी उन्हें लेकर मीम बन रहे हैं और एक मीम (Memes on Mahesh Babu) काफी तेजी से वायरल हो रहा है. ट्विटर पर वायरल हो रहे एक मीम में वेब सीरीज के पंचायत (Panchayat Season 2) सचिव अभिषेक त्रिपाठी टॉलीवुड अभिनेता महेश बाबू की आंखें भारतीय गांव की हकीकत से खोलने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.

वास्तिवका तो दर्शाती है Panchayat 2
इस संदेश में कहा गया है, गांव ऐसे हैं, जैसे आप फिल्मों में देखते हैं. वहीं ‘पंचायत 2’ (Panchayat 2) एक यथार्थवादी ग्रामीण नाटक का चित्रण है जो भारतीय गांव की वास्तिवता को वहां रह रहे वास्तिक लोगों के साथ दर्शाता है. ओटीटी प्लेटफार्म के अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर रिलीज हुई ये सीरीज एक बड़ी हिट बन गई है जिसे न सिर्फ ग्रामीण बल्कि शहरी लोग भी खूब पसंद कर रहे हैं. हालांकि, इसे देखने के बाद तमाम लोग महेश बाबू की फिल्म का मजाक बना रहे हैं. फिल्म के हर एक किरदार को सराहा जा रहा है.

Mahesh Babu की फिल्मों ने बदल दी ग्रामीणों की असली कहानी

महेश बाबू की फिल्मों श्रीमंथुडु (Srimanthudu) और’ महर्षि (Maharshi) ने गांव के रोज मर्रा के कार्यों को रोमांटिक बना दिया और ग्रामीण मुद्दों (rural issues) को बहुत सरल बना दिया था. यही वजह है कि तमाम लोग उनकी फिल्मों की तुलना सोशल मीडिया साइट्स पर ‘वास्तविक’ ग्रामीण कहानियों (real rural stories) से कर रहे हैं. जबकि Deepak Kumar Mishra निर्देशित और Jitendra Kumar यानी अभिषेक त्रिपाठी स्टारर पंचायत 2 में गांव की असल समस्याओं को दिखाया गया है.

दर्शकों को ठेस पहुचांती हैं Mahesh Babu की ये फिल्में

आपको बता दें महेश बाबू की फिल्मों में साधारण कथानक (simple plots) होते हैं जो राजनीतिक (political) , जाति-आधारित (caste-based) और अन्य जटिल मुद्दों (complex issues) को संक्षेप में संबोधित करने से बचते हैं. यही कारण है कि ‘श्रीमंथुडु’ और ‘महर्षि’ जैसी बेकार फिल्में और साथ ही हाल ही में रिलीज हुई ‘SVP’ समझदार दर्शकों को ठेस पहुंचाती हैं.

संदेश देने वाली फिल्मों को बनाने की सलाह दे रहे लोग

महेश बाबू सोशल मीडिया पर कई ट्रोल्स के निशाने पर हैं क्योंकि उन्होंने अपने एक मीडिया इंटरेक्शन के दौरान कहा था कि बॉलीवुड उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता. अपने प्रशंसकों की बहस और बचाव के बावजूद तेलुगू स्टार की उनकी नीरस (monotonous) फिल्मों के लिए आलोचना हो रही है और उन्हें लोग मैसेज ओरिएंटेड फिल्में यानी एक संदेश देने वाली कहानियां बनाने की सलाह दे रहे हैं.

Tags: Mahesh Babu, Mahesh Babu movie, Panchayat



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