अभिनेत्री पाखी हेगड़े का भोजपुरी फिल्मो में जलवा रहा है। मनोज तिवारी, रवि किशन, दिनेशलाल यादव निरहुआ जैसे कई सितारों के साथ पचास से ज्यादा भोजपुरी फिल्में कर चुकीं पाखी हेगड़े इन दिनों भोजपुरी फिल्मों से दूरी बनाए हुए हैं। अब वह टेलीविजन का रुख कर रही हैं और जल्द ही उनका एक शो ’उड़ती का नाम रज्जो’ स्टार प्लस पर आने वाला है। भोजपुरी सिनेमा के अलावा पाखी हेगड़े तेलुगू और मराठी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। पाखी हेगड़े का भोजपुरी सिनेमा से मोहभंग क्यों हुआ? और, क्या है उनके नए धारावाहिक का विषय? आइए जानते हैं पाखी हेगड़े से इस खास मुलाकात में।
भोजपुरी में काम के हिसाब से नहीं मिलते पैसे
पाखी हेगड़े कहती हैं, ‘हम अच्छा सिनेमा करना चाहते हैं। अच्छे प्रोडक्शन हाउस के हिसाब से हम चाहते हैं कि काम भी हमारे पास अच्छा आए। हमारे अच्छे दर्शक वर्ग बने हुए हैं, भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों का जिस तरह से प्यार मिला है उसको देखते हुए इस बात का बहुत ध्यान रखना पड़ता है कि हम किस ग्रुप में और किसके साथ काम कर रहे हैं। जिस तरह से हमने अपना एक स्टेट्स मेंटेन किया हुआ है। 25 दिन फिल्म की शूटिंग करने के बाद उस हिसाब से पैसे नहीं मिलते हैं। आजकल तो ज्यादातर पहले से ही लोगों का सेटअप बना होता है। फिर उस सेटअप में हम कैसे काम करेंगे?’
बिना पारिश्रमिक मिले भी किया काम
पाखी हेगड़े कहती हैं, ‘अगर कोई कलाकर टैलेंट के आधार पर काम करता है, तो उसके लिए उसे काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। अपना एक संघर्ष तो होता ही है, उसके बाद हम यह सोचते हैं कि अगर हम मुंबई जैसे शहर में रह रहे हैं तो हमारे उसी हिसाब से खर्चे भी है। अगर उसके हिसाब से पैसे कम मिले तो काम करने का क्या मतबल? जब आप कहीं दूसरी जगह से अच्छी कमाई कर सकते हो, तो कम पैसे में क्यों काम करना। ऐसा नहीं है कि हमने सिर्फ पैसे को ही तवज्जो दी। हमने पहले तो बिना पेमेंट के भी सिर्फ उम्मीद के सहारे ही काम किया। काम अच्छा मिला तो काम किया, लेकिन इस तरह से आप कितने समय तक काम करोगे। इसलिए जितना काम मुझे समझ में आया और अच्छा लगा उतना काम किया।’
दूसरी भाषाओं में मिला सम्मान और पैसा
भोजपुरी सिनेमा से मन खट्टा होने के बाद पाखी हेगड़े ने दूसरी भाषाओं की फिल्मों में खूब काम किया। वह बताती है, ‘मैंने तेलुगू फिल्म ‘मणिशंकर’ में काम किया। यह काफी अच्छी फिल्म है और अच्छे टेक्नीशियन्स के साथ बनी है। भोजपुरी में मैंने देखा है कि यहां अच्छे टेक्नीशियन नहीं होते हैं। साउथ की फिल्मों में काम करके मैं बहुत खुश हूं। मुझे तुलु भाषा की फिल्म ‘बांगरदे कुरन’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला। मराठी फिल्म ‘सत ना गत’ में महेश मांजरेकर, सयाजी शिंदे के साथ काम करने का मौका मिला। मराठी फिल्म ‘गुलाबी’ में भी मेरा बहुत ही जबरदस्त किरदार है। इन सब फिल्मों में अलग तरह का किरदार निभा कर बहुत अच्छा लगा। अलग अलग भाषा में काम करके भाषा और साहित्य के बारे में जानने को मिलता है। और, स्टार प्लस का शो ’उड़ती का नाम रज्जो’ कर रही हूं।’
मुझे ‘अनुपमा’ का भी ऑफर मिला था
सिनेमा से छोटे परदे की तरफ रुख करने वाली पाखी हेगड़े खुलासा करती हैं कि उन्हें धारावाहिक ‘उड़ती का नाम रज्जो’ से पहले भी हिट टीवी शो ‘अनुपमा’ भी ऑफर हुआ था। वह बताती हैं, ‘मैं अपने दूसरे कामों में व्यस्त रहने की वजह से वह शो नहीं कर पाई। लेकिन मुझे लगता है कि जब आपको अच्छे किरदार निभाने के मौके मिलते है, तो उसकी एक्साइटमेंट कुछ ज्यादा होती है। चैनल पर काम करना बहुत ही डिमांडिंग होता है क्योंकि आप दूसरे और काम नहीं कर पाते हैं। जब मुझे यह रोल मिला तो मुझे लगा कि यह रोल बहुत ही चैलेंजिंग है और इसको मैं अच्छे तरीके से निभा सकती हूं। यह शो लखनऊ की पृष्ठभूमि पर आधारित है।’