Qutub Minar: एएसआई को नहीं दिया गया है कुतुब मीनार में खुदाई करने का आदेश, केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने दी सफाई


सार

लगातार गंभीर होते जा रहे ज्ञानवापी मुद्दे के बीच मीडिया के एक हिस्से में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि केंद्र ने एएसआई को दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार में खुदाई करने का आदेश दिया है। लेकिन, रविवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने इन रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए पूरी तरह बेबुनियाद बताया।

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कुतुब मीनार परिसर में खुदाई करने का आदेश दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार रेड्डी ने हैदराबाद में कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 

दरअसल, ज्ञानवापी मुद्दे के बीच मीडिया के कुछ हिस्सों में कुछ रिपोर्ट आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि संस्कृति मंत्रालय ने एएसआई को कुतुब मीनार परिसर की खुदाई करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि कुतुब मीनार में प्रतिमाओं का अध्ययन करने का आदेश भी जारी किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार बीते कुछ समय से ऐसे वर्गों की निगाह में रहा है जो इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करना चाहते हैं। जिस तरह ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने की मांग की जा रही है। इन वर्गों का यह कहना है कि विष्णु स्तंभ का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था।

दावा: हिंदुओं और जैनों के मंदिरों का स्थल था कुतुब मीनार
इन वर्गों का कहना है कि कुतुब मीनार पहले हिंदू और जैन मंदिरों का स्थान था और यहां 27 मंदिर थे जिन्हें कुतुबुद्दीन एबक ने नष्ट कर दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड हिंदू फ्रंड संगठन के पदाधिकारी भगवान गोयल का कहना है कि इस बात का सबूत इन परिसरों में रखी हिंदू प्रतिमाएं हैं। 

इतिहास: 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू कराया था निर्माण
इतिहास के अनुसार कुतुब मीनार का निर्माण 1193 में दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था। वह इसका केवल आधार बनवा पाया था। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसकी तीन मंजिलों का निर्माण कराया था और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने इसकी पांचवीं और आखिरी मंजिल बनवाई थी।

विस्तार

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को कुतुब मीनार परिसर में खुदाई करने का आदेश दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार रेड्डी ने हैदराबाद में कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 

दरअसल, ज्ञानवापी मुद्दे के बीच मीडिया के कुछ हिस्सों में कुछ रिपोर्ट आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि संस्कृति मंत्रालय ने एएसआई को कुतुब मीनार परिसर की खुदाई करने का आदेश दिया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि कुतुब मीनार में प्रतिमाओं का अध्ययन करने का आदेश भी जारी किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार बीते कुछ समय से ऐसे वर्गों की निगाह में रहा है जो इसका नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करना चाहते हैं। जिस तरह ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने की मांग की जा रही है। इन वर्गों का यह कहना है कि विष्णु स्तंभ का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था।

दावा: हिंदुओं और जैनों के मंदिरों का स्थल था कुतुब मीनार

इन वर्गों का कहना है कि कुतुब मीनार पहले हिंदू और जैन मंदिरों का स्थान था और यहां 27 मंदिर थे जिन्हें कुतुबुद्दीन एबक ने नष्ट कर दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड हिंदू फ्रंड संगठन के पदाधिकारी भगवान गोयल का कहना है कि इस बात का सबूत इन परिसरों में रखी हिंदू प्रतिमाएं हैं। 

इतिहास: 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू कराया था निर्माण

इतिहास के अनुसार कुतुब मीनार का निर्माण 1193 में दिल्ली सल्तनत के पहले शासक कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया था। वह इसका केवल आधार बनवा पाया था। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसकी तीन मंजिलों का निर्माण कराया था और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने इसकी पांचवीं और आखिरी मंजिल बनवाई थी।



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