Rahul Gandhi in London: क्षेत्रीय दलों पर दिए बयान को लेकर बैकफुट पर राहुल, बोले- कांग्रेस ‘बिग डैडी’ नहीं


सार

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से क्षेत्रीय दलों से श्रेष्ठ नहीं है। भाजपा के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है। भारत के लोगों की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस भारत के लिए लड़ रही है।

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लंदन की यात्रा पर गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उदयपुर में अपने रुख से पीछे हटते हुए कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय संगठनों का सम्मान करती है और वह ‘बिग डैडी’ नहीं बनना चाहती। इस दौरान लंदन में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। दरअसल, उदयपुर में चिंतन शिविर में राहुल ने कहा था कि क्षेत्रीय दल भाजपा से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचारधारा का अभाव है। कांग्रेस ही यह लड़ाई लड़ सकती है। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर विपक्ष ने उनकी आलोचना की थी। अपने उसी बयान को लेकर कांग्रेस नेता ने लंदन में सफाई दी।

बैकफुट पर आए राहुल गांधी
उव्होंने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से क्षेत्रीय दलों से श्रेष्ठ नहीं है। भाजपा के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है। भारत के लोगों की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस भारत के लिए लड़ रही है। कांग्रेस जनता तक पहुंचेगी और ‘भारत के विचार’ को बचाने के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि हमें विपक्ष के साथ समन्वय करना होगा। मैं कांग्रेस को ‘बिग डैडी’ के रूप में नहीं देखता। 

उदयपुर में दिए गए बयान को लेकर दी सफाई
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ताधारी सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय बनाकर लोगों के पास पहुंचेगी। कांग्रेस ने शनिवार को इस कार्यक्रम का एक वीडियो जारी किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैंने उदयपुर में जो कहा था उसका गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां एक ही लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन जो वैचारिक लड़ाई हो रही है वह आरएसएस और और कांग्रेस के नेशनल विजन के बीच है। 

भाजपा पर साधा निशाना
‘आडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में एक संवाद सत्र में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के ध्रुवीकरण और मीडिया के दबदबे के कारण कांग्रेस चुनाव नहीं जीत पा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में लड़ाई एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह एक राजनीतिक संगठन और अन्य राजनीतिक दलों के एक समूह के बीच की लड़ाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अब हम भारतीय राज्य के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं, जिस पर एक संगठन कब्जा कर रहा है। कांग्रेस के लिए एकमात्र तरीका जनता तक जाना है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि सभी विपक्षी दलों के लिए है।

‘मीडिया पर भाजपा का 100 प्रतिशत नियंत्रण’
गांधी ने यह भी कहा कि मीडिया पर भाजपा का 100 प्रतिशत नियंत्रण है। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने संचार और संस्थागत ढांचे पर व्यापक नियंत्रण है। हम उनके पास मौजूद धन से मेल नहीं खा पाएंगे, हमें संचार और वित्त पोषण के बारे में पूरी तरह से नए तरीके से सोचना होगा। हमें एक संगठनात्मक ढांचे के बारे में सोचना होगा जो जनता के बहुत करीब है। राहुल ने कहा कि भारत के लोग उन संस्थानों पर हमले देख रहे हैं जिन्होंने देश का निर्माण किया है। इन संस्थानों पर अब डीप स्टेट का कब्जा है। बता दें कि राहुल के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, राजद नेता तेजस्वी यादव, महुआ मोइत्रा और मनोज झा समेत कई विपक्ष के नेता पहुंचे थे।

चिंतन शिविर में क्षेत्रीय दलों पर बोले थे राहुल
गौरतलब है कि गांधी ने 15 मई को कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘भाजपा कांग्रेस, उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी, लेकिन क्षेत्रीय दलों के बारे में बात नहीं करेगी। क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों की अपनी जगह है लेकिन वे भाजपा को हरा नहीं सकते। क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है। विचारधारा की यह लड़ाई आसान नहीं है। क्षेत्रीय दल यह लड़ाई नहीं लड़ सकते, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है।”

उनकी टिप्पणी को लेकर कई विपक्षी दलों के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। क्षेत्रीय दलों ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस देश के कई हिस्सों में मौजूद नहीं है।

विस्तार

लंदन की यात्रा पर गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उदयपुर में अपने रुख से पीछे हटते हुए कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय संगठनों का सम्मान करती है और वह ‘बिग डैडी’ नहीं बनना चाहती। इस दौरान लंदन में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। दरअसल, उदयपुर में चिंतन शिविर में राहुल ने कहा था कि क्षेत्रीय दल भाजपा से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचारधारा का अभाव है। कांग्रेस ही यह लड़ाई लड़ सकती है। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर विपक्ष ने उनकी आलोचना की थी। अपने उसी बयान को लेकर कांग्रेस नेता ने लंदन में सफाई दी।

बैकफुट पर आए राहुल गांधी

उव्होंने सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से क्षेत्रीय दलों से श्रेष्ठ नहीं है। भाजपा के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है। भारत के लोगों की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस भारत के लिए लड़ रही है। कांग्रेस जनता तक पहुंचेगी और ‘भारत के विचार’ को बचाने के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि हमें विपक्ष के साथ समन्वय करना होगा। मैं कांग्रेस को ‘बिग डैडी’ के रूप में नहीं देखता। 

उदयपुर में दिए गए बयान को लेकर दी सफाई

पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ताधारी सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए क्षेत्रीय संगठनों के साथ समन्वय बनाकर लोगों के पास पहुंचेगी। कांग्रेस ने शनिवार को इस कार्यक्रम का एक वीडियो जारी किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैंने उदयपुर में जो कहा था उसका गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां एक ही लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन जो वैचारिक लड़ाई हो रही है वह आरएसएस और और कांग्रेस के नेशनल विजन के बीच है। 

भाजपा पर साधा निशाना

‘आडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में एक संवाद सत्र में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के ध्रुवीकरण और मीडिया के दबदबे के कारण कांग्रेस चुनाव नहीं जीत पा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में लड़ाई एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह एक राजनीतिक संगठन और अन्य राजनीतिक दलों के एक समूह के बीच की लड़ाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अब हम भारतीय राज्य के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं, जिस पर एक संगठन कब्जा कर रहा है। कांग्रेस के लिए एकमात्र तरीका जनता तक जाना है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि सभी विपक्षी दलों के लिए है।

‘मीडिया पर भाजपा का 100 प्रतिशत नियंत्रण’

गांधी ने यह भी कहा कि मीडिया पर भाजपा का 100 प्रतिशत नियंत्रण है। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने संचार और संस्थागत ढांचे पर व्यापक नियंत्रण है। हम उनके पास मौजूद धन से मेल नहीं खा पाएंगे, हमें संचार और वित्त पोषण के बारे में पूरी तरह से नए तरीके से सोचना होगा। हमें एक संगठनात्मक ढांचे के बारे में सोचना होगा जो जनता के बहुत करीब है। राहुल ने कहा कि भारत के लोग उन संस्थानों पर हमले देख रहे हैं जिन्होंने देश का निर्माण किया है। इन संस्थानों पर अब डीप स्टेट का कब्जा है। बता दें कि राहुल के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, राजद नेता तेजस्वी यादव, महुआ मोइत्रा और मनोज झा समेत कई विपक्ष के नेता पहुंचे थे।

चिंतन शिविर में क्षेत्रीय दलों पर बोले थे राहुल

गौरतलब है कि गांधी ने 15 मई को कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘भाजपा कांग्रेस, उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी, लेकिन क्षेत्रीय दलों के बारे में बात नहीं करेगी। क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों की अपनी जगह है लेकिन वे भाजपा को हरा नहीं सकते। क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है। विचारधारा की यह लड़ाई आसान नहीं है। क्षेत्रीय दल यह लड़ाई नहीं लड़ सकते, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है।”

उनकी टिप्पणी को लेकर कई विपक्षी दलों के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। क्षेत्रीय दलों ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस देश के कई हिस्सों में मौजूद नहीं है।



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