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संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को सरकार ने राज्यसभा में सेना भर्ती के मुद्दे पर लिखित जवाब दिया है। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा को बताया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल में तीनों सेनाओं में सैन्य भर्तियां प्रभावित रही। इन दो सालों में सैन्य बलों में कुल 37,301 कर्मियों की ही भर्ती हो सकीं जबकि हर साल औसतन 60,000 रिक्तियां होती हैं।
उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि 2019 में तीनों सेनाओं में कर्मियों की भर्ती की संख्या 95,843 थी। इनमें सबसे ज्यादा कर्मी थल सेना में 81,812 भती किए गए थे। वहीं, वायुसेना में 7,548 और नौसेना में 6,483 कर्मी भर्ती किए गए थे। वहीं, 2020 तथा 2021 में भर्ती प्रक्रिया कोरोना महामारी के कारण प्रभावित और बाधित हो गई। इस काल में थल सेना को अपनी भर्ती रैलियों में कटौती करनी पड़ गई थी।
राजनाथ सिंह ने अपने जवाब में बताया कि कोरोना महामारी के बावजूद 2020 में थल सेना में 1280 अधिकारियों और 12,091 सैनिकों और 2021 में 1065 अधिकारियों को भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि नौसेना और वायु सेना ऑनलाइन पंजीकरण और भर्ती प्रक्रिया को अपनाती है। इसके कारण इन दोनों सैन्य बलों में कोरोना महामारी का असर कम पड़ा। साल 2020 में नौसेना में 377 अधिकारियों और 2772 नाविकों तथा वर्ष 2021 में 409 अधिकारियों तथा 5,547 नाविकों को शामिल किया गया था।
तीनों सैन्य बलों में अधिकारियों और सैनिकों की कमी के बारे में बताते हुए केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान में थल सेना में 7,799 अधिकारियों और 1,08,685 सैनिकों की कमी है। इसी तरह नौसेना में 1,446 अधिकारियों और 12,151 नाविकों और वायुसेना में 572 अधिकारियों एवं 5,217 एयरमैन के पद खाली हैं।
राजनाथ सिंह ने अपने जवाब में आगे बताया कि कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार होने और भर्ती की प्रक्रिया आरंभ होने से आने वाले सालों में इन खाली पदों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और तीनों सेनाओं ने 20 जून और 22 जून को नामांकन प्रक्रिया अधिसूचित की है।