डिजिटल कर्जदाताओं को RBI की सख्‍त हिदायत! वही काम करें जिसका लाइसेंस दिया गया, ज्‍यादा करना है तो पहले हमसे पूछें


हाइलाइट्स

एंड्रॉयड यूजर्स के प्‍लेटफॉर्म पर कर्ज बांटने वाले 1,100 एप हैं.
यह ऐप 80 तरह के एप्‍लीकेशन स्‍टोर पर काम कर रहे हैं.
कुल एप में से 600 गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे हैं.

मुंबई. डिजिटल प्‍लेटफॉर्म के जरिये कर्ज बांटने वाली फिनटेक कंपनियों को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सख्‍त चेतावनी दी है. गवर्नर ने शुक्रवार को कहा कि डिजिटल कर्जदाताओं को अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए और सिर्फ उन्‍हीं कार्यों से जुड़े रहना चाहिए, जिसका उन्‍हें लाइसेंस दिया गया है.

बैंक ऑफ बड़ौदा के सालाना कार्यक्रम में गवर्नर दास ने कहा, फर्मों को अपने लाइसेंस के तहत ही कामकाज करना चाहिए. अगर वे इससे अतिरिक्‍त कोई काम करना चाहते हैं, तो पहले हमसे इजाजत लेनी होगी. अगर बिना मंजूरी लिए फर्मों ने ऐसे किसी काम को अंजाम दिया जिसके लिए उन्‍हें लाइसेंस नहीं दिया गया है तो यह स्‍वीकार नहीं किया जाएगा. ऐसी फर्मों के खिलाफ सख्‍त कदम उठाए जा सकते हैं.

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जल्‍द आएगी नई नीति
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक सिस्‍टम में किसी तरह का जोखिम पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकता है. उन्‍होंने इशारा किया कि अगले कुछ सप्‍ताह में डिजिटल कर्ज बांटने को लेकर नई नीति लाई जाएगी. रिजर्व बैंक इनोवेशन और तकनीक को बढ़ावा देना चाहता है, लेकिन साथ ही पूरे बैंकिंग इकोसिस्‍टम को एक नियामकीय रूप में चलाने की भी मंशा रखता है. इस बाबत रेगुलेशन बनाने में देर इसलिए हो रही, क्‍योंकि अभी हालात काफी जटिल हैं.

बिना लाइसेंस बांटे जा रहे कर्ज
आरबीआई ने इस बात पर चिंता जताई कि अभी सिस्‍टम में बिना लाइसेंस के ही कर्ज बांटे जा रहे हैं. गवर्नर ने कहा, हम अनियंत्रित और बिना लाइसेंस के कर्ज बांटने वाले संस्‍थाओं से जूझ रहे हैं, जो अलग-अलग तरह के कर्ज बांट रहे हैं. इतना ही नहीं लाइसेंस प्राप्‍त कई संस्‍थाएं हैं, जो ऐसे कामों को भी अंजाम दे रहे हैं जिनकी उन्‍हें इजाजत नहीं है. इन सबसे निपटने के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो जल्‍द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

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समिति ने दिए हैं सुझाव
रिजर्व बैंक की ओर से पिछले साल नवंबर में गठित समिति ने डिजिटल लोन एप पर नियंत्रण के लिए कई सुझाव दिए हैं. इसमें नोडल एजेंसी बनाना भी शामिल है, जो कर्ज बांटने वाले ऐसे एप की विश्‍वसनीयता को सत्‍यपित करेगी और उपभोक्‍ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी. आरबीआई ने अपने कार्यकारी निदेशक जयंत कुमार दाश की अगुवाई में एक कार्य समूह का भी गठन किया है जो कर्ज बांटने वाले ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म और एप की निगरानी करेगा.

आरबीआई के अनुसार, देश में एंड्रॉयड यूजर्स के प्‍लेटफॉर्म पर कर्ज बांटने वाले करीब 1,100 एप मौजूद हैं, जो 80 तरह के एप्‍लीकेशन स्‍टोर पर काम कर रहे हैं. यह आंकड़ा 1 जनवरी से 28 फरवरी, 2022 के बीच जुटाया गया है. इसमें कहा गया है कि कुल एप में से 600 गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे हैं.

Tags: Business news in hindi, Digital Platforms, RBI, RBI Governor, Shaktikanta Das

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