Recession Fears : चीन-जापान सहित एशिया की सभी बड़ी इकॉनमी पर मंदी का खतरा! क्‍या हैं भारत के हालात?


हाइलाइट्स

श्रीलंका पर अगले साल तक मंदी आने का खतरा बढ़कर 85 फीसदी हो गया है.
न्‍यूजीलैंड पर 33 फीसदी, ताइवान पर 20 फीसदी, ऑस्‍ट्रेलिया पर 20 फीसदी जोखिम है.
यूरोप में सबसे ज्‍यादा मंदी का खतरा इटली में 65 फीसदी है, जिसके बाद फ्रांस का नंबर है.

नई दिल्‍ली. दुनिया पर कोरोना महामारी के बाद अब मंदी का खतरा मंडराने लगा है. अभी तक अमेरिका व पश्चिमी देशों पर मंदी की बात हो रही थी, लेकिन ब्‍लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशियाई अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर मंदी का जोखिम कहीं ज्‍यादा बढ़ रहा है.

ब्‍लूमबर्ग के मुताबिक, एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल चीन और जापान पर भी मंदी का खतरा मंडरा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है महंगाई. इसकी वजह से सभी देशों के केंद्रीय बैंक अपनी ब्‍याज दरों में ताबड़तोड़ वृद्धि कर रहे हैं, जिसका सीधा असर उनकी विकास दर पर पड़ेगा और इसकी गति मंद पड़ते ही अर्थव्‍यवस्‍थाएं मंदी में प्रवेश कर जाएंगी.

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इन देशों पर है सबसे ज्‍यादा जोखिम
ब्‍लूमबर्ग ने अर्थशास्त्रियों के बीच कराए सर्वे में बताया है कि श्रीलंका अभी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और अगले साल तक यहां मंदी आने का खतरा बढ़कर 85 फीसदी हो गया है. पिछले सर्वे में श्रीलंका पर मंदी का जोखिम 33 फीसदी था. इसके अलावा न्‍यूजीलैंड पर 33 फीसदी, ताइवान पर 20 फीसदी, ऑस्‍ट्रेलिया पर 20 फीसदी और फिलीपींस पर मंदी आने की 8 फीसदी आशंका है.

चीन और जापान भी अछूते नहीं
सर्वे में बताया गया है कि दक्षिण कोरिया और जापान पर मंदी आने की 25-25 फीसदी आशंका है, जबकि चीन पर 20 फीसदी आशंका जताई जा रही है. इसके अलावा हांगकांग और पाकिस्‍तान की इकॉनमी पर भी 20-20 फीसदी आशंका है मंदी आने की. इसके अलावा अन्‍य एशियाई देशों में मलेशिया पर 13 फीसदी, वियतनाम पर 10 फीसदी, थाईलैंड पर 10 और इंडोनेशिया पर 3 फीसदी का जोखिम है.

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सर्वे में भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है. अर्थशास्त्रियों ने यहां मंदी की संभावित आशंका शून्‍य बताई है. उनका कहना है कि भारत अन्‍य इकॉनमी के मुकाबले ज्‍यादा बेहतर स्थिति में दिख रहा है. यहां खुद का विशाल बाजार होने के साथ विनिर्माण और उत्‍पादन की लंबी शृंखला है.

फिर भी अमेरिका यूरोप से बेहतर स्थिति
मूडीज के मुख्‍य अर्थशास्‍त्री (एशिया-प्रशांत) स्‍टीवन कोरेन ने कहा, एशियाई अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर मंदी का जोखिम होने के बावजूद इनकी स्थिति अमेरिका और यूरोपीय देशों से बेहतर है. कमोडिटी की बढ़ती कीमतों और महंगाई से जर्मनी, फ्रांस जैसे देश ज्‍यादा परेशान हैं. एशिया में मंदी का जोखिम जहां 20-25 फीसदी के दायरे में है, वहीं अमेरिका पर इसका खतरा 40 फीसदी और यूरोप पर 50-55 फीसदी हो गया है.

ब्‍लूमबर्ग के अनुसार, इटली में मंदी आने की 65 फीसदी आशंका है, जबकि फ्रांस में 50 फीसदी और जर्मनी में 45 फीसदी आशंका है. ब्रिटेन पर भी मंदी आने की 45 फीसदी आशंका दिख रही है.

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