Recession : क्या सच में आर्थिक मंदी ने दे दी है दुनिया में दस्तक? ये तीन कारण इस ओर कर रहे इशारा


श्रीलंका, पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। लगभग पूरी दुनिया में महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है। कई देशों में विदेशी मुद्रा खत्म हो रही है। पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने पीने की चीजों के दाम तक सबकुछ आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। 

ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच में पूरी दुनिया में मंदी ने दस्तक दे दी है? हाल के दिनों में घटी कुछ घटनाएं भी इसी ओर इशारा कर रहीं हैं। आइए जानते हैं…

 

पहले समझिए ये आर्थिक मंदी क्या होती है?

जब अर्थव्यवस्था में लगातार कुछ समय तक विकास थम जाता है, रोजगार कम हो जाता है, महंगाई बढ़ने लगती है और लोगों की आमदनी घटने लगती है तो इसे आर्थिक मंदी कहा जाता है। पूरी दुनिया में चार बार आर्थिक मंदी आ चुकी है। पहली बार 1975 में, दूसरी बार 1982 में, तीसरी बार 1991 में और चौथी बार 2008 में आर्थिक मंदी आई थी। अब एक बार फिर से इसकी आशंका जताई जा रही है। 

आगे जानिए तीन कारण… आखिर क्यों लग रहा है कि दुनिया मंदी की तरफ बढ़ रही? 

1. विश्व बैंक का बयान: विश्व बैंक का एक बयान आया है। इसमें कहा गया है कि इस साल के अंत तक दुनिया की आर्थिक प्रगति कम होने की आशंका है। इसलिए ज्यादातर देशों को आर्थिक मंदी की तैयारी कर लेनी चाहिए। पूरी दुनिया ज्यादा महंगाई और कम विकास दर से जूझ रही है, जिसकी वजह से 1970 के दशक जैसी मंदी आ सकती है। दुनियाभर में इसका असर दिखने भी लगा है। 

 

2. गूगल, अमेजन, एपल, फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों ने नौकरी कम की: आर्थिक मंदी का दूसरा इशारा दुनिया की बड़ी कंपिनयों ने किया। गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट ने कहा है कि वो इस साल के बचे हुए महीनों में भर्ती की प्रक्रिया को धीमा करेगी। ऐसा आने वाले महीनों में संभावित मंदी को देखते हुए किया जा रहा है। 

कंपनी को भेजे एक ईमेल में सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि 2022-23 में कंपनी का फोकस सिर्फ इंजीनियरिंग, तकनीकी विशेषज्ञ और महत्वपूर्ण पदों पर बहाली करने पर होगा। 2008-09 में जब आर्थिक मंदी आई थी, तो भी गूगल ने अपनी भर्ती प्रक्रिया रोक दी थी। अभी गूगल में 1.64 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। 

सिर्फ गूगल ही नहीं बल्कि फेसबुक भी 2022 में 10 हजार की बजाए सिर्फ छह से सात हजार नए इंजीनियर की भर्ती करेगा। अमेजन ने कहा कि इस साल मार्च 2022 तक कंपनी के साथ 16 लाख से ज्यादा कर्मचारी जुड़ चुके हैं। अप्रैल में कंपनी के पास जरूरत से ज्यादा कर्मचारी हो गए। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना के दौरान लीव पर गए कुछ कर्मचारी वापस लौट आए हैं। ऐसे में फिलहाल रिक्रूटमेंट प्रक्रिया रोक दी गई है। 

एपल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स, टेस्ला, ट्विटर जैसी कंपनियों ने भी अपने यहां होने वाली भर्तियों पर फिलहाल रोक लगा दी है। दुनिया में इस वक्त साढ़े 20 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। इससे पहले 2019-20 में कोरोना के दौरान 18 करोड़ 70 लाख लोग बेरोजगार हुए थे। 

 

3. महंगाई दर में इजाफा: अमेरिका में महंगाई दर 9.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो पिछले 40 साल में सबसे ज्यादा है। ब्रिटेन में महंगाई 40 साल में सबसे ज्यादा 9.1 फीसदी तक पहुंच गई है। यूरोपियन यूनियन में भी महंगाई दर 7.6 फीसदी तक पहुंच गई है। भारत में भी थोक महंगाई दर 15.18 प्रतिशत है। 

आगे जानिए दो बड़े कारण… दुनिया में क्यों आई मंदी की नौबत?

 



Source link

Enable Notifications OK No thanks