संकेत पहचानें, जब आपको Vitamin D सप्लीमेंट लेना बंद कर देना चाहिए


You should STOP taking Vitamin D supplements : विटामिन डी (Vitamin D), जिसे ‘सनशाइन (sunshine)’ विटामिन भी कहा जाता है, ये हमारी ओवरऑल हेल्थ की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये न केवल हमारे इम्यून सिस्टम के समुचित कार्य (proper functioning) को सुनिश्चित करता है, बल्कि ये हमारे मसल सेल्स (muscle cells) के डेवलपमेंट की भी देखभाल करता है. सूरज की रोशनी आपके शरीर में विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने का सबसे अच्छा और बेस्ट प्राकृतिक तरीका है. हालांकि, अत्यधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ (highly nutritious foods) खाने या सप्लीमेंट डाइट लेने से भी आपको शरीर में जरूरी मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन डी (Vitamin D) से आपके शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचते हैं. इसलिए यदि आप विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं, तो आपको हेल्थ से जुड़ी कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं.

खास तौर से सर्दियों के मौसम में, जब मौसम का मिजाज पल-पल बदलता रहता है, धुंध या कोहरे के की वजह से धूप कम निकल पाती है, तो ऐसे में शरीर को पर्याप्त धूप लेने में दिक्कत हो सकती है. इससे आपको थकान व कमजोरी, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द या मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है.

विटामिन डी की सप्लीमेंट की जरूरत कब?
विटामिन डी (Vitamin D) अन्य विटामिनों से बहुत अलग है. इसे एक प्रकार का हार्मोन कहा जाता है, वास्तव में यह एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो सनलाइट के कॉन्टैक्ट आने पर स्किन से स्रावित (secreted) होता है. पर्याप्त धूप के अभाव में, खासतौर से ठंडे सर्दियों के मौसम में, पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है, जिससे विटामिन डी की कमी हो सकती है. ये देखते हुए कि बहुत कम खाद्य पदार्थ आपको ये आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं, ऐसी स्थिति में हमें विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की जरूरत पड़ती है. विटामिन डी की खुराक लेना आपकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने और कमी को रोकने का एक प्रभावी तरीका है. इसे लेना आसान है और अक्सर उपभोग करना सुरक्षित होता है. हालांकि, इसका बहुत अधिक सेवन कई तरह के साइडइफैक्ट्स और कॉम्प्लिकेशंस को भी जन्म दे सकता है. उनके बारे में सब कुछ जानना भी आपके लिए जरूरी है.

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सप्लीमेंट्स कब लेना बंद कर देना चाहिए?
विटामिन-डी (Vitamin D) टॉक्सिसिटी या हाइपरविटामिनोसिस डी (hypervitaminosis D) एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है जो शरीर में विटामिन डी के ऊंचे स्तर का संकेत देती है. ये आमतौर पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स के अधिक सेवन का परिणाम होता है, जो शायद ही कभी सूरज के संपर्क में आने या विटामिन डी से भरपूर फूड खाने के मामले में होता है. एक्सर्ट्स के अनुसार, बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही सप्लीमेंट लेना चाहिए. जो लोग अत्यधिक ठंडे मौसम वाले इलाकों में रहते हों, जहां धूप ना आती हो, उन्हें विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है.

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आदर्श रूप से, आपका भोजन भी आवश्यक पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हो सकता हैं, लेकिन कभी-कभी, आपको सनशाइन विटामिन की अतिरिक्त खुराक की जरूरत हो सकती है. हालांकि, सभी के लिए आश्चर्य की बात ये है कि शरीर में बहुत ज्यादा विटामिन डी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है. इससे पहले कि ये और जटिल हो जाए, आपको और सप्लीमेंट्स लेना बंद कर देना चाहिए. एक्सपर्ट्स ने यहां कुछ संकेत दिए गए हैं, जो आपको बता सकते हैं कि आपको अपना सप्लीमेंट लेना कब बंद करने की जरूरत है.

शरीर में बहुत अधिक विटामिन डी का एक सामान्य संकेत
विटामिन डी आपके शरीर को कैल्शियम (calcium) को अवशोषित (absorb) करने की अनुमति देता है, जो स्ट्रॉन्ग और हेल्दी बोन्स (हड्डियों) के बनाने के लिए जरूरी है. हालांकि, शरीर में विटामिन डी की ज्यादा मात्रा से हाइपरलकसीमिया (Hypercalcemia) नामक स्थिति पैदा हो सकती है, जो ब्लड में कैल्शियम के हाई लेवल को इंडिकेट (इंगित) करता है, जो असुविधाजनक और संभावित खतरनाक लक्षण पैदा कर सकता है.आम तौर पर, शरीर में कैल्शियम का लेवल 8.5 से 10.8 mg/dL के बीच होता है. जब ये नॉर्मल लेवल से ज्यादा हो जाता है, तो ये मतली और उल्टी, कमजोरी और बार-बार पेशाब आने जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों (gastrointestinal symptoms) को ट्रिगर (उत्प्रेरक) कर सकता है.

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हड्डियों में दर्द
जब शरीर में विटामिन डी के हाई लेवल की वजह से रक्त प्रवाह में अतिरिक्त कैल्शियम होता है, तो हार्मोन के लिए हड्डियों को पोषक तत्वों को एक साथ बांधना (बुनना) मुश्किल हो सकता है. इससे हड्डियों में दर्द (Bone pain) हो सकता है, हड्डी के फ्रैक्चर और चोटों का खतरा बढ़ सकता है और इसके अलावा, पोस्श्चर (posture) यानी मुद्रा में कुछ बदलाव हो सकते हैं.

गुर्दे से संबंधित समस्याएं
विटामिन-डी टॉक्सिसिटी (Vitamin D toxicit) के कारण हाइपरलकसीमिया (aching) भी गुर्दे से जुड़ी कॉम्प्लिकेशंस को जन्म दे सकता है.ब्लड में कैल्शियम के स्तर का हाई लेवल यूरिन को केंद्रित करने की अंग की क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में पेशाब होता है, एक ऐसी स्थिति जिसे पॉल्यूरिया (polyuria) कहा जाता है.

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