राहत भरी खबर: नगर पालिका क्षेत्र की पहले चरण में 845 कॉलोनियां होंगी नियमित, सरकार ने हटाई 50 प्रतिशत आबाद होने की शर्त


सार

यमुनानगर जिले में प्लाईबोर्ड उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने यहां पर वन अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सरकार इसके लिए 50 एकड़ जमीन की तलाश कर रही है।

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हरियाणा की अवैध कॉलोनियों के लाखों निवासियों के लिए राहतभरी खबर है। हरियाणा सरकार ने कॉलोनी के 50 प्रतिशत आबाद होने की शर्त को हटाते हुए प्रथम चरण में नगर पालिकाओं की सीमाओं में आने वाली 845 कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है। शेष 455 कॉलोनियों का सर्वे अभी जारी है। इनकी सर्वे रिपोर्ट के बाद जो भी कॉलोनी मापदंडों पर खरी उतरेगी, उनको भी वैध किया जाएगा। 

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने यह जानकारी नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम के सवाल के जवाब में विधानसभा में दी। गुप्ता ने कहा कि इसके लिए नगर एवं गांव आयोजना विभाग द्वारा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और डेवलपर्स से पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित किए थे। इस पर कुल 1300 आवेदन मिले हैं। 

शेष कॉलोनियों के सर्वे के बाद फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि अवैध कॉलोनियों को वैध कराने की मांग काफी समय से लंबित है और इसको लेकर कई बार लोग धरने प्रदर्शन कर चुके हैं। इन कॉलोनियों के निवासियों को बिजली, पानी और सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं के लिए विकास शुल्क देना होगा।
 
नियमों में संशोधन, अब बनाई श्रेणी
मंत्री गुप्ता ने कहा कि अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों को राहत देते हुए हरियाणा सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। हरियाणा प्रबंधन नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगरपालिका क्षेत्रों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2016 को संशोधन करते हुए 10 सितंबर, 2021 को अधिसूचना जारी की गई थी। 

संशोधन के अनुसार नई कॉलोनी में 31 मार्च, 2015 से पहले 50 प्रतिशत प्लॉटों पर निर्माण कार्य होने की शर्त को हटा दिया गया है। अब सभी कॉलोनियों को श्रेणीवार ग्रुप में बांटा गया है, जिनमें 25 प्रतिशत तक निर्मित क्षेत्र वाली कॉलोनियां, 25 से 50 प्रतिशत के बीच, 50 से 75 प्रतिशत के बीच और 75 प्रतिशत से अधिक निर्मित वाली कॉलोनियां शामिल हैं। 

नूंह के गांवों में पानी समस्या के लिए सीएसएसआरआई से मांगी राय
नूंह जिले के गांवों हुसैनपुर, सत्पुतिया, बाहूपुर और रायपुरी में खारे भूजल की समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग ने केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल (सीएसएसआरआई) से परामर्श मांगा है। सीएसएसआरआई की सिफारिश के अनुसार इन गांवों में सतही नलकूप लगाने की परियोजना प्राक्कलन सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार की जा रही है। इसे 31 मार्च, 2022 से पहले अनुमोदन के लिए विभाग की स्थायी तकनीकी समिति के समक्ष रखा जाएगा। 

विधायक आफताब अहमद द्वारा गांवों में निकासी की समस्या के सवाल पर मुख्यमंत्री की ओर से कृषि मंत्री जेपी दलाल ने सदन में यह जानकारी दी। दलाल ने बताया कि इन गांवों में आवश्यकता के अनुसार बिजली और डीजल पंपिंग सेट लगाकर पानी की निकासी की जा रही है और बाढ़ का पानी कोटला ड्रेन, चंदैनी ड्रेन और चंदैनी कट ड्रेन में छोड़ा जाता है। यदि दिल्ली में इस पानी को शुद्ध किया जाए तो इस समस्या का हल किया जा सकता है। कृषि, सिंचाई और पब्लिक हेल्थ विभागों को इसमें सम्मिलित करके इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

यमुनानगर में वन अनुसंधान संस्थान का प्रस्ताव
यमुनानगर जिले में प्लाईबोर्ड उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने यहां पर वन अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सरकार इसके लिए 50 एकड़ जमीन की तलाश कर रही है। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के सवाल पर वन मंत्री कंवरपाल ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में वन अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा किया गया है। जैसे ही जमीन मिल जाएगी और विभाग को हस्तांतरित हो जाएगी तो इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जाएगा।

सोनीपत में सीवर लाइन बदलने का कार्य आवंटित
सोनीपत शहर में नगर निगम की ओर से अटल नवीनीकरण व शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत-1) के तहत 14 किलोमीटर पुरानी सीवर लाइन और 8.7 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन को बदलने का कार्य आवंटित किया जा चुका है। यह कार्य 30 जून, 2022 तक पूरा होने की संभावना है। यह जानकारी शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने विधायक सुरेंद्र पंवार के जवाब में दी। 

गुप्ता ने बताया कि 30 से 40 वर्ष पुरानी सीवर व पीने के पानी की लाइनें बदलने का कोई नियम नहीं है। हालांकि, नगर निगम सोनीपत में अमृत-1 योजना के तहत 68 किलोमीटर नई सीवर लाइन बिछाने का प्रावधान किया गया है जिसमें से 22.70 किलोमीटर पुरानी सीवर लाइन व ट्रंक सीवर लाइन को बदलना शामिल है। अब तक 68 किलोमीटर नई सीवर लाइन बिछा दी गई है तथा 20.94 किलोमीटर सीवर लाइन बदल दी गई है।

विस्तार

हरियाणा की अवैध कॉलोनियों के लाखों निवासियों के लिए राहतभरी खबर है। हरियाणा सरकार ने कॉलोनी के 50 प्रतिशत आबाद होने की शर्त को हटाते हुए प्रथम चरण में नगर पालिकाओं की सीमाओं में आने वाली 845 कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है। शेष 455 कॉलोनियों का सर्वे अभी जारी है। इनकी सर्वे रिपोर्ट के बाद जो भी कॉलोनी मापदंडों पर खरी उतरेगी, उनको भी वैध किया जाएगा। 

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने यह जानकारी नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम के सवाल के जवाब में विधानसभा में दी। गुप्ता ने कहा कि इसके लिए नगर एवं गांव आयोजना विभाग द्वारा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और डेवलपर्स से पोर्टल पर आवेदन आमंत्रित किए थे। इस पर कुल 1300 आवेदन मिले हैं। 

शेष कॉलोनियों के सर्वे के बाद फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि अवैध कॉलोनियों को वैध कराने की मांग काफी समय से लंबित है और इसको लेकर कई बार लोग धरने प्रदर्शन कर चुके हैं। इन कॉलोनियों के निवासियों को बिजली, पानी और सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं के लिए विकास शुल्क देना होगा।

 

नियमों में संशोधन, अब बनाई श्रेणी

मंत्री गुप्ता ने कहा कि अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों को राहत देते हुए हरियाणा सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। हरियाणा प्रबंधन नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगरपालिका क्षेत्रों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2016 को संशोधन करते हुए 10 सितंबर, 2021 को अधिसूचना जारी की गई थी। 



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