Retail Inflation: अप्रैल के मुकाबले मई में घटी खुदरा महंगाई, उपभोक्ताओं को जल्द मिल सकती है राहत


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 13 Jun 2022 06:12 PM IST

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देश की जनता के लिए राहत भरी खबर आई है। पिछले महीने के मुकाबले खुदरा महंगाई दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी थी। यह आंकड़ा मई में घटकर 7.04 फीसदी तक पहुंच गया है। 

बताया जा रहा है कि खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 फीसदी पर आ गई। हालांकि, यह पिछले लगातार पांच माह से भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (सीपीआई) मुद्रास्फीति 7.79 फीसदी पर थी। पिछले साल मई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.3 फीसदी थी।

खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई, 2022 में घटकर 7.97 फीसदी रही, जो पिछले महीने 8.31 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।

देश की जनता के लिए राहत भरी खबर आई है। पिछले महीने के मुकाबले खुदरा महंगाई दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी थी। यह आंकड़ा मई में घटकर 7.04 फीसदी तक पहुंच गया है। 

बताया जा रहा है कि खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में घटकर 7.04 फीसदी पर आ गई। हालांकि, यह पिछले लगातार पांच माह से भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (सीपीआई) मुद्रास्फीति 7.79 फीसदी पर थी। पिछले साल मई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.3 फीसदी थी।

खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई, 2022 में घटकर 7.97 फीसदी रही, जो पिछले महीने 8.31 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।



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