नई दिल्ली. आम आदमी पर महंगाई (Inflation) की मार आटा (Flour) के बाद अब चावल (Rice) पर भी पड़ने वाली है. देश के कई राज्यों में चावल भी महंगा हो चुका है. यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में चावल के दामों में 10 प्रतिशत तक तेजी आ गई है. आपको बता दें कि बांग्लादेश (Bangladesh) ने हाल ही में चावल पर आयात शुल्क (Import Duty) में भारी कटौती करने का फैसला किया है. बांग्लादेश को डर है कि भारत गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर भी रोक लगा सकता है. इसलिए बांग्लादेश चावल का घरेलू स्टॉक बढ़ाने के लिए भारत से आयात शुरू कर दिया है.
दरअसल, बांग्लादेश ने पिछले दिनों चावल पर इंपोर्ट ड्यूटी और टैरिफ को 62.5 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दि. इससे पहले भारत ने पिछले महीने ही गेहूं के निर्यात पर अंकुश लगा दिया था, जिससे निर्यातकों ने आटे का निर्यात बढ़ा दिया. इसका परिणाम यह हुआ कि भारतीय बाजारों में आटा के दामों में भी तेजी आ गई. अब बांग्लादेश के इस फैसले के बाद चावल के दाम भी बढ़ गए हैं.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया के कई देशों में अनाज की कमी आ गई है.
आटा के बाद चावल हुआ महंगा
पिछले कई दिनों से यह कयास लगाया जा रहा था कि भारत गेंहू के बाद चावल के भी एक्सपोर्ट पर बैन लगा सकता है. भारत द्वारा चावल के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले की डर से ही बांग्लादेश ने चावल आयात करने का निर्णय लिया है.
क्यों बढ़े चावल के दाम?
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया के कई देशों में अनाज की कमी आ गई है. बांग्लादेश में भी इस लड़ाई का असर दिखने लगा है. यूपी, बिहार और पं बंगाल से ही बांग्लादेश को चावल निर्यात किया जाता है. इसके अलावा बांग्लादेश में बाढ ने भी धान के फसल को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है. इसलिए बांग्लादेश जल्दी से जल्दी चावल आयात करना चाहता है.
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एक महीने में 1 लाख टन से ज्यादा का आटा निर्यात किया है.
बांग्लादेश के इस कदम से क्या असर होगा?
बांग्लादेश के इस फैसले का असर भारतीय बाजारों पर देखा जाने लगा है. बीते चार-पांच दिनों में ही भारतीय गैर-बासमती चावल के दाम 350 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन पहुंच गया है. यूपी, बिहार, पं बंगाल के कई जगहों पर बांग्लादेश के इस निर्णय के बाद तो चावल के दाम 20 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. वहीं, दूसरे राज्यों में 10 प्रतिशत तक उछाल देखने को मिल रहा है.
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वहीं, केंद्र सरकार असमान्य निर्यात वृद्धि पर सतर्क हो गई है. 13 मई को केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बावजूद निर्यातकों के द्वारा हर महीने तकरीबन एक लाख टन आटा निर्यात किया जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो चावल के दाम में भी और तेजी आ जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 12:16 IST