टीम इंडिया की हार की 2 वजह- ऋषभ पंत की अनुभवहीन कप्तानी और लचर गेंदबाजी – sports podcast india vs south africa t20 series ranji trophy finals suno dil se nodakm


IND Vs SA T-20 सीरीज में दक्षिण अफ्रीका ने यह साबित कर दिया है कि टी-20 में कितना भी स्कोर करके निश्चिंत होना क्रिकेट की भाषा में अपराध है. भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका से लगातार छटवें मुकाबले में हारा  है. उधर, मिताली राज के संन्यास की घोषणा के चलते महिला क्रिकेट भी अब सुर्खियों में है. वहीं, रणजी ट्रॉफी के चार में से तीन क्वार्टर फाइनल्स का नतीजा सामने आ चुका है, क्वार्टर फाइनल मैचों में इस बार दो विश्व रिकॉर्ड बने तो कुछ अन्य बेहतरीन रिकॉर्ड भी कायम हुए.


नमस्कार, सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों को समेंटे इस पॉडकास्ट के साथ मैं हूँ संजय बैनर्जी- सुनो दिल से

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क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग, आईपीएल के थमने के साथ ही टीम इंडिया पर ‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने’ वाली कहावत चरितार्थ हो गई. रोहित, विराट, लोकेश राहुल और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में भी मेंजबान को मेहमान पर भारी माना जा रहा था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने साबित कर दिया कि टी-20 में कितना भी स्कोर करके निश्चिंत होना क्रिकेट की भाषा में अपराध है.

चोट के चलते लोकेश राहुल के ऐन वक्त पर पूरी सीरीज के लिए टीम से बाहर होना पड़ा और ऐसे में कप्तानी की जिम्मेदारी उपकप्तान ऋषभ पंत को मिली. पंत को अपने ही मैदान पर टीम इंडिया की बागडोर संभालने का गौरव हासिल हुआ और उम्मीद यही थी कि वह हमेशा के लिए इसे यादगार बना सकेंगे. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरह के उदाहरण कम ही मिलते हैं, जब किसी खिलाड़ी को अपने ही मैदान से राष्ट्रीय टीम की बागडोर मिली हो. हालांकि, कुछ कप्तानी का कमजोर अनुभव, लचर और लाचार गेंदबाजी, वेन डर दूसेन और मिलर की किलर इन्स्टिंक्ट ने दक्षिण अफ्रीका को पाँच गेंद बाकी रहते सात विकेट से जीत दिला दी, और भारत टी-20 में 200 के आँकड़े को पार करने के बाद भी हार गया. कप्तान के तौर पर युवा पंत को अभी और पकने की जरूरत है.

चोट के चलते सिर्फ लोकेश राहुल ही नहीं, बल्कि कुलदीप यादव भी टीम में शामिल नहीं हो सके. के एल राहुल की गैर मौजूदगी में ऋतुराज गायकवाड और ईशान किशन से बेहतर कोई और ओपनिंग कॉम्बिनेशन हो नहीं सकता था. दोनों ने पावर प्ले में शुरुआत भी ठीक-ठाक की. मेंहमान टीम के कप्तान तांबा बावूमा ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया और भारत ने दोनों हाथों से उसे न्योते को कबूल कर लिया. गायकवाड 23 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन किशन के साथ अर्धशतकीय साझेदारी निभाई. ईशान किशन ने आतिशी बल्लेबाजी की और 48 गेंदों पर 76 रन जोड़े.

उनके अलावा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और हार्दिक पाण्ड्या ने भी ठीक ठाक पारियां खेलीं. 20 ओवर के मैच में 212 रन का लक्ष्य कतई कम नहीं होता. लेकिन, वेन डर दुसेन और किलर मिलर ने भारतीय आक्रमण को तहस-नहस कर दिया. यूजवेन्द्र चहल को पावर प्ले में गेंदबाजी देना, मिलर के सामने अक्षर पटेल को डालना महंगा पड गया. चहल ने 13 गेंद पर 26 रन दिए, हार्दिक पाण्ड्या ने 1 ओवर में 18 रन दिए, हर्षल पटेल के चार ओवर के कोटे में 43 रन गए. ऐसा लग रहा था की दोनों बल्लेबाज किसी खुंदक में खेल रहे हों. मिलर ने तो  सिर्फ 31 गेंद पर 64 रन ठोक दिए, इसमें पाँच छक्के शामिल थे. उधर, रेसी वान डेर दुसएं ने भी 5 छक्के लगाए और 46 गेंद पर 75 रन की यादगार पारी खेली.

भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका से लगातार छटवें मुकाबले में हारा है. इससे पहले लगातार दो टेस्ट और तीन वनडे में भारत को हार मिली है. टी-20 विश्व कप नजदीक आने के साथ भारत को जल्द ही इंडिविजुअल ब्रिलियन्स के मुगालदे से बाहर आना होगा और एक टीम की तरह खेलना होगा.

उधर, महिला क्रिकेट भी अब सुर्खियों में है. वजह है मिताली राज के संन्यास की घोषणा. मिताली हाल फिलहाल में न केवल अपने फॉर्म को लेकर जूझ रही थीं, वरन उनकी कप्तानी में भारतीय टीम भी संघर्ष कर रही थी. मिताली राज लंबे समय तक टेस्ट के साथ वनडे टीम की भी कप्तान रहीं. हालांकि उन्होंने 2019 में सबसे छोटे फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था. लगातार 23 साल तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना मिताली की कामयाबी तो थी ही, लेकिन इस दौरान एक कप्तान के तौर पर भी उनकी कामयाबी किसी से भी कमतर नहीं थीं.

अपने करियर में मिताली राज ने 12 टेस्ट, 232 वनडे और 89 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इस साल की शुरुआत में खेले गए विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. 1999 में सिर्फ 16 साल की उम्र में मिताली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था.

भारतीय महिला क्रिकेटर्स को इसी महीने श्रीलंका के दौरे पर जाना है, जिसके लिए बीसीसीआई ने टीम की घोषणा कर दी है. श्रीलंका दौरे पर भारत को तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है. इन दोनों टीमों की कप्तान हरमनप्रीत कौर होंगी. जबकि स्मृति मंधाना को उपकप्तान बनाया गया है. भारतीय टीम से झूलन गोस्वामी को भी बाहर रखा गया है. वैसे झूलन ने तीन महीने पहले वर्ल्ड कप में भाग लिया था लेकिन इस बार सेलेक्टर्स ने उनको टीम में जगह नहीं दी है. टीम से स्नेह राणा को बाहर कर दिया गया है. एस मेंघना को दोनों टीमों में जगह दी गई है जबकि जेमिमा रोड्रिग्ज की केवल टी-20 में वापसी हुई है.

भारतीय महिला टीम श्रीलंका के खिलाफ दाम्बुला में 23, 25 और 27 जून को टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी जबकि कैंडी में अगले महीने के मपहले सप्ताह में तीन वनडे मैच खेले जाएंगे.

और अंत में घरेलू क्रिकेट.

रणजी ट्रॉफी के चार में से तीन क्वार्टर फाइनल्स का नतीजा सामने आ चुका है, जबकि आज पांचवें दिन बंगाल और झारखंड के बीच मुकाबले का परिणाम किसी भी समय मिल सकता है. क्वार्टर फाइनल मैचों में मैच के तीसरे दिन उत्तर प्रदेश ने पहली बार कर्नाटक को पांच विकेट से हराया, जबकि कल चौथे दिन मध्य प्रदेश ने पंजाब को 10 विकेट से और मुंबई ने उत्‍तराखंड को 725 रन के वर्ल्ड रिकॉर्ड के अंतर से हराया.

क्वार्टर फाइनल मैचों में इस बार दो विश्व रिकॉर्ड बने तो कुछ अन्य बेहतरीन रिकॉर्ड भी कायम हुए. उत्तराखंड के खिलाफ मुंबई की 725 रन की जीत से 92 साल पहले बना विश्व रिकॉर्ड टूट गया. तब शेफील्ड शील्ड मैच में न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को 684 रन से हराया था. मुंबई ने अपनी पहली पारी में आठ विकेट पर 647 रन बनाए थे. इसमें सुवेद पारकर ने अपने पदार्पण मैच में ही 252 रन की पारी खेली. साथ ही सरफराज खान ने 153 रन बनाए.

उत्तराखंड की पहली पारी हालांकि केवल 114 रन पर सिमट गई थी. उसकी दूसरी पारी भी केवल 69 रन समाप्त हो गई. मुंबई के लिए दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 103 और कप्तान पृथ्वी शॉ ने 72 रन गयी. पहली पारी में दोनों फ्लॉप थे. मुंबई की जीत में लेफ्टआर्म स्पिनर शम्स मुलानी का भी जबर्दस्त योगदान रहा, जिन्होंने मैच में आठ विकेट लेने के अलावा 59 रन भी बनाए थे. मुलानी फिलहाल रणजी सत्र में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं.

मध्य प्रदेश के लिए पंजाब के खिलाफ जीत में शुभम शर्मा के 102, हिमांशु मंत्री के 89 और रजत पाटीपार के 85 रन का जबर्दस्त हाथ रहा. साथ ही बाएं हाथ के स्पिनर कुमार कार्तिकेय ने मैच में कुल सात विकेट भी लिए. वैसे पंजाब के लिए शुभमन गिल दोनों पारियों में नाकाम रहे और केवल 9 और 19 रन ही बना सके.

सबसे महत्वपूर्ण जीत उत्तर प्रदेश ने हासिल की, जिसने पहली बार कर्नाटक को पराजित किया. कर्नाटक की पहली पारी के 253 रन के जवाब में उत्तर प्रदेश ने केवल 155 रन बनाए थे. लेकिन, मैच के दूसरे दिन रुख बदला और कुल 21 विकेट गिरे. इसके बाद उत्तर प्रदेश ने कर्नाटक  की दूसरी पारी केवल 114 रन पर समेंट दी. इस तरह उत्तर प्रदेश ने वापसी करते हुए पांच विकेट खोकर 213 रन के जीत के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया. उत्तर प्रदेश के लिए दूसरी पारी में कप्तान करण शर्मा ने नाबाद 93 रन बनाकर जीत में अहम भूमिका निभाई.

झारखंड के खिलाफ एक अन्य मैच में अब तक बंगाल का पलड़ा भारी है. बंगाल ने पहली पारी में सात विकेट पर 773 रन बनाकर झारखंड को परेशानी में डाला. सुदीप घरामी ने 186 और अनुस्तुप मजूमदार ने 117 रन का स्कोर किया. इस पारी में बंगाल के नौ बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाया. यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इससे पहले 1893 में आठ बल्लेबाजों ने एक पारी में अर्धशतक जमाया था. बंगाल की ओर से आकाशदीप ने केवल 18 गेंदों पर अपना पचासा पूरा किया था. यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा संयुक्त सबसे तेज अर्धशतक है.

झारखंड ने अपनी पहली पारी में 298 रन बनाए, जिसमें विराट सिंह के नाबाद 113 और नाजिम सिद्दीकी के 53 रन शामिल हैं. मुंबई ने आज अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 261 रन से शुरू की है. रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल 14 जून से शुरू होगा, जिसमें मुंबई का सामना उत्तर प्रदेश से होगा. एक अन्य सेमीफाइनल में मध्य प्रदेश की टक्कर बंगाल और झारखंड मैच की विजेता टीम से होगा.

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फिलहाल इस पॉडकास्ट में इतना ही, अगले हफ्ते तक के लिए संजय बैनर्जी को अनुमति दीजिए, नमस्कार.



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