रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी तिमाही में, “अवैध और जोखिम भरे” ब्लॉकचैन एड्रेस इन क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस द्वारा प्राप्त सभी फंड्स का 29% से 48% हिस्सा रखते हैं। फर्म का कहना है कि वैध क्रिप्टो लेनदेन सहित एक तिमाही में कुल ट्रैफिक कभी-कभी 100 करोड़ डॉलर (लगभग 7,510 करोड़ रुपये) से अधिक हो सकता है।
Chainalysis ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, “न केवल रैंसमवेयर फंड्स, बल्कि साइबर क्राइम से जुड़े अन्य तरीकों से जुड़े फंड्स की बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित मनी लॉन्ड्रिंग रूस में पर्याप्त संचालन के साथ कई सर्विसेज के जरिए की जाती है।”
साइबरसिक्योरिटी अन्वेषक ब्रायन क्रेब (Brian Kreb) का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस में मध्य और हाई स्कूल से ही छात्रों के बीच कोडिंग ट्रेनिंग, कंप्यूटर साइंस और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को सिखाने पर फोकस किया जाता है, जिससे देश का हैकर्स से जुड़ा एक लंबा इतिहास रहा है। ऐसे में कुशल छात्रों को उनके कौशल की तुलना में कम तनख़्वाह वाली नौकरी मिलना, उनमें से कई लोगों को साइबर क्राइम और क्रिप्टो हैकिंग की ओर धकेल रहा है। Chainalysis बताता है कि इस तरह के सिस्टम के चलते यह आश्चर्य की बात नहीं है कि रूस ग्लोबल रैंसमवेयर में सबसे आगे है।
न केवल रैंसमवेयर अटैक के मामले में रूस आगे है, बल्कि Chainalysis ब्लॉकचैन फोरेंसिक और वेब ट्रैफिक डेटा बताता है कि ज्यादातर रैंसमवेयर अटैक के बाद वसूला गए पैसे या फंड्स को मुख्य रूप से रूसी यूज़र्स के लिए बनी सर्विस के जरिए लॉन्डर भी किया जाता है। रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर हैकर्स मॉस्को शहर में फेडरेशन टॉवर से ऑपरेट करते हैं।
फेडरेशन टॉवर मॉस्को सिटी के केंद्र में एक कॉम्प्लेक्स है और इसे रूस में सबसे पॉपुलर इमारतों में से एक माना जाता है। Bloomberg की रिपोर्ट कहती है कि कॉम्प्लेक्स में कई बड़े बिजनेस के मुख्यालय स्थापित हैं, जो मिलकर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं।