रूस-यूक्रेन जंग: यूएनएससी में भारत ने की बूचा में हुई हत्याओं की निंदा, स्वतंत्र जांच की उठाई मांग 


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 05 Apr 2022 10:54 PM IST

सार

भारत ने यूएनएससी में बूचा में हुई हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और संवाद के रास्ते पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

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यूक्रेन के बूचा में हुई सैकड़ों हत्याओं पर भारत ने चिंता जताई है। यूएनएससी में भारतीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं दिखा है। बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की भागीदारी को धन्यवाद देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि बूचा में नागरिकों के मारे जाने की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हम स्पष्ट रूप से इन हत्याओं की निंदा करते हैं और एक स्वतंत्र जांच का समर्थन करते हैं। 

यूक्रेन को मानवीय आपूर्ति रहेगी जारी
उन्होंने कहा, यूक्रेन में गंभीर मानवीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय आपूर्ति, दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री भेज रहा है। हम आने वाले दिनों में यूक्रेन को और अधिक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए तैयार हैं। 

भारत लगातार बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित है और हिंसा को तुरंत समाप्त करने और शत्रुता को खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है। हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और संवाद के रास्ते पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

मानवीय सहायता के संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों के महत्व को दोहराते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि मानवीय कार्रवाई हमेशा मानवीय सहायता, यानी मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन उपायों का कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों पर जोर देना जारी रखेगा कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है।

गुटेरेस बोले, यौन हिंसा से स्तब्ध 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परिषद को अपने संबोधन में कहा कि वह बूचा में मारे गए नागरिकों की भयावह छवियों को कभी नहीं भूलेंगे और प्रभावी जवाबदेही की गारंटी के लिए तुरंत एक स्वतंत्र जांच का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा, मैं बलात्कार और यौन हिंसा की व्यक्तिगत गवाही से भी गहरा स्तब्ध हूं जो अब सामने आ रही हैं। 

शहर में लाशों का ढेर
बताया जा रहा है कि बूचा में स्थानीय लोगों के हाथ-पांव बांधकर सिर में गोली मारी गई है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। पूरे शहर में लाशों का ढेर है। इनकी तस्वीर सामने आते ही यूक्रेन की सेना भी यहां पहुंच गई। अब तक 400 से ज्यादा शवों को बरामद किया जा चुका है। इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। कई लाशें बुरी तरह से बदबू मार रही हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस की ओर से युद्ध अपराध का यह सबसे बड़ा उदाहरण है। हालांकि, क्रेमलिन इसका खंडन कर रहा है।

विस्तार

यूक्रेन के बूचा में हुई सैकड़ों हत्याओं पर भारत ने चिंता जताई है। यूएनएससी में भारतीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं दिखा है। बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की भागीदारी को धन्यवाद देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि बूचा में नागरिकों के मारे जाने की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हम स्पष्ट रूप से इन हत्याओं की निंदा करते हैं और एक स्वतंत्र जांच का समर्थन करते हैं। 

यूक्रेन को मानवीय आपूर्ति रहेगी जारी

उन्होंने कहा, यूक्रेन में गंभीर मानवीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को मानवीय आपूर्ति, दवाएं और अन्य आवश्यक राहत सामग्री भेज रहा है। हम आने वाले दिनों में यूक्रेन को और अधिक चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए तैयार हैं। 

भारत लगातार बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित है और हिंसा को तुरंत समाप्त करने और शत्रुता को खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराता है। हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और संवाद के रास्ते पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

मानवीय सहायता के संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों के महत्व को दोहराते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि मानवीय कार्रवाई हमेशा मानवीय सहायता, यानी मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन उपायों का कभी भी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों पर जोर देना जारी रखेगा कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है।

गुटेरेस बोले, यौन हिंसा से स्तब्ध 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परिषद को अपने संबोधन में कहा कि वह बूचा में मारे गए नागरिकों की भयावह छवियों को कभी नहीं भूलेंगे और प्रभावी जवाबदेही की गारंटी के लिए तुरंत एक स्वतंत्र जांच का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा, मैं बलात्कार और यौन हिंसा की व्यक्तिगत गवाही से भी गहरा स्तब्ध हूं जो अब सामने आ रही हैं। 

शहर में लाशों का ढेर

बताया जा रहा है कि बूचा में स्थानीय लोगों के हाथ-पांव बांधकर सिर में गोली मारी गई है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया। पूरे शहर में लाशों का ढेर है। इनकी तस्वीर सामने आते ही यूक्रेन की सेना भी यहां पहुंच गई। अब तक 400 से ज्यादा शवों को बरामद किया जा चुका है। इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। कई लाशें बुरी तरह से बदबू मार रही हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस की ओर से युद्ध अपराध का यह सबसे बड़ा उदाहरण है। हालांकि, क्रेमलिन इसका खंडन कर रहा है।



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