नई दिल्ली. अमेरिका को भरोसा है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत “रूस के खेमे में” नहीं है. एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने शुक्रवार को यह बात कही. भारत में अमेरिकी मिशन के प्रमुख पैट्रिशियल लैसीना (Patricial Lacina) ने कहा कि अमेरिका समझता है कि रूस के साथ भारत के जो संबंध हैं वह रूस के साथ अमेरिका के संबंधों से ‘बहुत अलग’ हैं.
लैसीना ने Axios रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया, जिसमें अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अपने समकक्षों को यह सूचित करने के लिए कि यूक्रेन पर उनकी तटस्थता ‘उन्हें रूस के खेमे में रखती है’… अमेरिकी राजनयिकों को एक संदेश भेजा था, हालांकि बाद में उसे वापस ले लिया गया.
यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर अमेरिकी परेशान
अमेरिकी राजनयिक ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “मेरे पास केवल वही रिपोर्टिंग है जो आपको Axios से मिली है, इसलिए मैं व्यक्तिगत रूप से यह नहीं जानती… लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि अमेरिका यह नहीं मानता कि भारत रूस के खेमे में है.” उन्होंने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर “अनुचित, अन्यायपूर्ण हमले” को लेकर अमेरिका बहुत चिंतित था.
रूसी आक्रमण पर भारत के रुख को लेकर क्या अमेरिका निराश है?
रूसी आक्रमण पर भारत के रुख को लेकर अमेरिका के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम भारतीयों से कई अलग-अलग स्तरों पर बात कर रहे हैं.” रूस के यूक्रेन आक्रमण पर वोटिंग के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत तीन बार अनुपस्थित रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या एक सहयोगी के रूप में, अमेरिका भारत की स्थिति से निराश है, लैसीना ने कहा, “भारत सरकार ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सदस्य राज्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करना चाहिए कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून, राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और हम इससे सहमत हैं.”
रूस-यूक्रेन संकट पर यूनएचआरसी में मतदान में भारत ने नहीं लिया हिस्सा
इस बीच, भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में उस मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया गया. संरा की 47 सदस्यीय इस परिषद में यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 32 मत पड़े, जबकि दो वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े, वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
गठित होगा अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग
प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. परिषद ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप मानवाधिकार परिषद ने तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया है.’
यूक्रेन में फंसे छात्रों के शरीर ठंड से गल रहे, गर्मी पाने के लिए अपना सामान तक जला रहे हैं…
भारत ने पिछले एक सप्ताह के दौरान 15 देशों की सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर दो प्रस्तावों और 193 सदस्यीय महासभा में एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है. 193 सदस्यीय महासभा ने बुधवार को यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की ”कड़े शब्दों में निंदा” की. इसमें मांग की गई कि मास्को ‘पूरी तरह से और बिना शर्त’ यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को वापस हटा ले.
भारत ने प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसके पक्ष में 141 मत पड़े, जबकि पांच वोट इसके खिलाफ डाले गये और कुल 35 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
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