सरिस्का अग्निकांड़: 700 हेक्टेयर का इलाका तबाह, लापरवाही से 90 घंटे जला जंगल, जानिए कब क्या हुआ 


सार

अलवर के सरिस्का में लगी आग पर आखिरकार 90 घंटे बाद काबू पा लिया गया है, यह आग कैसे लगी अभी तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है। हैरानी की बात यह है कि जिस समय जंगल धधकना शुरू हुआ, उस दौरान जिम्मेदार अधिकारी वीआईपी की आवभगत में लगे थे। इस कारण रविवार शाम को लगी आग तीन दिन तक धधकती रही।

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आखिरकार 90 घंटे बाद अलवर के सरिस्का में फैली आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन यह आग कैसे लगी अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है। इस पूरी घटना में वन विभाग के असफरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस समय जंगल धधकना शुरू हुआ, उस दौरान जिम्मेदार अधिकारी वीआईपी की आवभगत में लगे थे। इस कारण रविवार शाम को लगी आग तीन दिन तक धधकती रही।

आखिर में वायुसेना की मदद से बुधवार देर शाम आग पर काबू पाया गया। तब तक 700 हेक्टेयर तक जंगल का इलाका बर्बाद हो गया था। गनीमत यह रही कि आग से सरिस्का टाइगर रिजर्व के जानवरों को नुकसान की कोई बात सामने नहीं आई है। अब हम आपको बाताएंगे कि सरिस्का में भड़की एक चिंगारी ने किस तरह विकराल रूप ले लिया और जिम्मेदारों ने किस तरह से लापरवाही बरती…  

रविवार शाम को भड़की आग, अधिकारी आवभगत में लगे रहे 
सरिस्का के जंगल में रविवार शाम करीब चार बजे आग भड़की। इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई, लेकिन इस दौरान सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर के सफारी में आने की जानकरी मिली। इस पर अधिकारियों ने आग की सूचना को दरकिनार कर दिया और वीआईपी की आवभगत में लग गए। अलवर वन संरक्षक आरएन मीणा सब कुछ भूलकर अंजलि तेंदुलकर के ड्राइवर बन गए और उन्हें सफारी का भ्रमण कराया। उधर, आग लगातार फेल रही थी। पहले दिन ही आग ने 10 किमीमीटर का इलाका अपनी चपेट में ले लिया। धीरे-धीरे आग विकराल होती चली गई और 50 घंटे बाद यह 20 किलोमीटर के इलाके में फैल गई थी।

बुलाने पड़े सेना के दो हेलीकॉप्टर 
अधिकारियों की लापरवाही से सरिस्का में भड़की आग विकराल होती जा रही थी। यह आग उस ओर बढ़ रही थी जहां बाघ रहते हैं। ऐसे में अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ पैर फूल गए। आग पर काबू पाने के लिए मंगलवार को वायुसेना से मदद मांगी गई। सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला और धधकती आग पर पानी डाला। कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार शाम को आग पर काबू पाया गया। हालाकि सूत्रों का कहना है कि आग पर नजर रखी जा रही है। छुटपुट जगह पर बची आग को लगातार बुझाया जा रहा है।   

सिलीसेढ़ झील से लिया पानी 
आग की सूचना पर पहुंचे वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को सरिस्का प्रशासन ने जीपीएस उपलब्ध कराया। इसके बाद हेलीकॉप्टर ने सिलीसेढ़ झील से पानी लेकर जंगल में छिड़काव करना शुरू किया। इस दौरान दोनों हेलीकॉप्टरों ने करीब 22 बार उड़ान भरकर आग पर पानी का छिड़काव किया। इसके बाद आग पर काबू पाया जा सका। 

700 हेक्टेयर का इलाका बर्बाद, आग बुझाने में जुटे रहे 400 लोग 
रविवार को लगी आग को बढ़ता देख अलवर, दौसा और अन्य जिलों से वनकर्मियों को मौके पर बुलाया गया। जंगल में करीब 400 वनकर्मी, कर्मचारी, अधिकारी, एसडीआरफ और ग्रामीण तीन दिन तक आग पर काबू पाने में जुटे रहे। उधर, आग लगने से जंगल के जानवर आबादी क्षेत्रों में पलायान करने लगे थे। आग लगने से वन-वनस्पति, घास, छोटी झाड़ियां, बांस, सालर, धोक के वृक्ष और अन्य प्रजातियों के साथ वन्यजीवों के आवास को भी क्षति पहुंची है। एक अनुमान के अनुसार आग से जंगल का 700 हेक्टेयर इलाका बर्बाद हो गया है। 

दावा-किसी बाघ को नहीं नुकसान
जानकारी के अनुसार सरिस्का टाइगर रिजर्व 27 बाघों का ठिकाना है। जिस इलाके में आग लगी थी, उस क्षेत्र में चार वयस्क और पांच शावक रहते थे। वन विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि आग में कोई भी बाघ या शावक नहीं फंसा है। 

पीएम ने आग पर जताई थी चिंता
सरिस्का में आग लगने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की थी। पीएम मोदी ने हालात पर चिंता जताई और सीएम गहलोत को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।

मौके पर अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग
सरिस्का के जंगल में आग कैसे लगी अब तक यह पता नहीं चल सका है। हवा के कारण आग फिर ना भड़क जाए इसलिए वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इलाके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर इलाकों में आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन एहतियात के तौर पर अभियान जारी रहेगा। 

विस्तार

आखिरकार 90 घंटे बाद अलवर के सरिस्का में फैली आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन यह आग कैसे लगी अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है। इस पूरी घटना में वन विभाग के असफरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस समय जंगल धधकना शुरू हुआ, उस दौरान जिम्मेदार अधिकारी वीआईपी की आवभगत में लगे थे। इस कारण रविवार शाम को लगी आग तीन दिन तक धधकती रही।

आखिर में वायुसेना की मदद से बुधवार देर शाम आग पर काबू पाया गया। तब तक 700 हेक्टेयर तक जंगल का इलाका बर्बाद हो गया था। गनीमत यह रही कि आग से सरिस्का टाइगर रिजर्व के जानवरों को नुकसान की कोई बात सामने नहीं आई है। अब हम आपको बाताएंगे कि सरिस्का में भड़की एक चिंगारी ने किस तरह विकराल रूप ले लिया और जिम्मेदारों ने किस तरह से लापरवाही बरती…  



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