आर्टिमिस समझौते पर सऊदी अरब ने किए साइन, अमेरिका के साथ भागीदारी करने वाला 21वां देश


अमेरिका ने सुरक्षित, टिकाऊ और जिम्मेदार स्‍पेस एक्‍स्‍प्‍लोरेशन के लिए आर्टेमिस समझौते पर सऊदी अरब के हस्ताक्षर करने का स्वागत किया है। सऊदी स्‍पेस कमीशन के CEO मोहम्मद सऊद अल-तमीमी ने सऊदी अरब किंगडम की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए। स्‍टेट डिपार्टमेंट ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि आर्टेमिस समझौते के सिद्धांत, 1967 की आउटर स्‍पेस ट्रिटी पर आधारित हैं और नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हैं। यह प्रोग्राम एक बार फ‍िर से इंसानों को चंद्रमा पर उतारेगा साथ ही मंगल ग्रह पर मानव मिशन के लिए रास्ता तैयार करेगा। 

आर्टेमिस प्रोग्राम एक व्यापक और विविध अंतरराष्ट्रीय गठबंधन पर निर्भर है। इस समझौते में शामिल होने के बाद अमेरिका और सऊदी अरब मिलकर आउटर स्‍पेस में अनिश्चितता को कम करेंगे और स्‍पेस ऑपरेशंस की सुरक्षा में वृद्धि करेंगे। सऊदी अरब से पहले कई और देश इस समझौते पर हस्‍ताक्षर कर चुके हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, फ्रांस, इजराइल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्जमबर्ग, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पोलैंड, रोमानिया, सिंगापुर, यूक्रेन, यूएई और ब्रिटेन जैसे देश हैं। समझौते पर हस्‍ताक्षर करने वाला सऊदी अरब 21वां देश है।  

जनवरी 2022 से आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला सऊदी अरब सातवां देश है और इसमें शामिल होने वाला चौथा मिडिल ईस्‍ट का देश है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस मिशन को लेकर तेजी से काम पूरे कर रही है। यह प्रोग्राम अपने तय समय से काफी पीछे है। मई में नासा ने इस मिशन की लॉन्चिंग के लिए कुछ और संभावित तारीखों के बारे में बताया था। एजेंसी जुलाई से दिसंबर 2022 का वक्‍त लेकर चल रही है। मिशन के तहत ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट को स्‍पेस लॉन्‍च सिस्‍टम (SLS) रॉकेट पर पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। बीते दिनों एसएलएस रॉकेट को वेट ड्रेस रिहर्सल से भी गुजारा गया था। कुछ समय पहले ही नासा ने बताया था कि उसकी टीमें आर्टेमिस मिशन के प्रमुख हिस्सों को भी टेस्‍ट कर रही हैं, जिन्‍हें पहले दो मिशन के बाद लॉन्‍च किया जाना है। ये आर्टिमिस-3, 4 और 5 मिशन होंगे। 

आर्टेमिस-1 मिशन के जरिए चंद्रमा को एक्‍स्‍प्‍लोर किया जाएगा। यह स्‍पेसक्राफ्ट चार से छह सप्ताह में पृथ्वी से 280,000 मील की यात्रा करेगा। हालांकि मिशन की लॉन्चिंग में देरी हुई है। नासा ने पिछले साल नवंबर में आर्टेमिस-1 को लॉन्च करने की योजना बनाई थी। तब से अबतक इसमें देरी ही हो रही है। 
 

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