शक्तिकांत दास बोले- महंगाई और ग्रोथ में संतुलन बनाकर चलेगा RBI


नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बढ़ती महंगाई से चिंतित रिजर्व बैंक विकास दर को नजरअंदाज नहीं कर सकता है. केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता महंगाई को घटाकर लक्ष्य के करीब लाना है. मगर ग्रोथ की कीमत पर ऐसा नहीं किया जा सकता है. रिजर्व बैंक दोनों के बीच संतुलन बना कर चलेगा.

इसी महीने रिजर्व बैंक ने अचानक रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इसके पीछे की वजह बताते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा था कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करना उसका मकसद है. इसके बाद इस तरह के सवाल उठने लगे थे कि अगर महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती रही तो इसका असर अर्थव्यवस्था की विकास दर पर पड़ेगा. यह सवाल सबसे पहले वित्त मंत्रालय की ओर से उठाया गया था.

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ग्रोथ को झटका लगा तो महंगाई पर असर पड़ेगा
ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने महंगाई और विकास दर के बीच संतुलन साधने की दोहरी चुनौती है. इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि महंगाई को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक प्रतिबद्ध है लेकिन ग्रोथ की जरूरतों को भी ध्यान में रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति आने नहीं दी जा सकती है कि ऑपरेशन सफल हो जाए और मरीज मर जाए. उन्होंने कहा कि अगर विकास दर को बड़ा झटका लगता है तो इससे महंगाई पर और बुरा असर पड़ेगा. इसमें संतुलन बनाना होगा.

महंगाई को देख रेपो रेट पर होगा फैसला
यह पूछे जाने पर कि जून में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की होने वाली बैठक में क्या रेपो रेट में एक बार फिर से वृद्धि का फैसला लिया जा सकता है, उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं बता सकता है कि अगली एमपीसी क्या निर्णय लेने वाली है. बैठक में चर्चा के बाद ही कोई भी फैसला किया जाता है. शक्तिकांत दास ने कहा, “हम महंगाई की स्थिति का आकलन कर रहे हैं. उसके आधार पर कदम उठाए जाएंगे. अगली एमपीसी में संशोधित अनुमान जारी किया जाएगा. उसके आधार पर ही ब्याज दर को लेकर आगे का फैसला किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक कोई भी कदम चरणबद्ध तरीके से ही उठाएगा. जहां तक संभव होगा इस तरह के प्रयास किए जाएंगे कि वित्तीय बाजार को बड़ा झटका न लगे.

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अप्रैल में खुदरा महंगाई भड़क कर 8 साल के सबसे ऊपरी स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है. रिजर्व बैंक के लक्ष्य के मुकाबले कहीं ज्यादा है. रिजर्व बैंक ने 2-6 फीसदी महंगाई का लक्ष्य रखा है. यह लगातार चौथा महीना रहा जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ऊपर निकल गया. उम्मीद जताई जा रही है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक जून में भी रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. रेपो रेट में बदलाव से सभी तरह के लोन की ईएमआई पर असर पड़ता है.

Tags: RBI, RBI Governor, Reserve bank of india, Shaktikanta Das

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