Sharad Kelkar: प्रभास को यूं मिली शरद की आवाज और फिर गरजे, ‘औरत पर हाथ डालने वाले की अंगुलियां नहीं काटते, काटते हैं… ’


‘गलत किया देवसेना, औरत पर हाथ डालने वाले की अंगुलियां नहीं काटते, काटते हैं उसका गला.. ’ इस एक संवाद ने फिल्म ‘बाहुबली 2’ देखने वाले करोड़ों लोगों को परदे पर सेतुपति का सिर कटकर जमीन पर लुढ़कने के समय अपनी सीटों से उछलने को मजबूर कर दिया। इन दिनों फिल्म ‘बाहुबली 2’ की चर्चा फिर खूब हो रही है। पहले हल्ला हुआ कि एस एस राजामौली की नई फिल्म ‘आरआरआर’ उनकी इस पिछली फिल्म की कमाई का रिकॉर्ड तोड़ देगी। लेकिन, इस बार उनके साथ न प्रभास हैं, न ‘बाहुबली’ जैसी कहानी है और न ही है एक ऐसी आवाज जो वाकई अल्लूरी सीताराम राजू या कोमारम भीम की हिंदी की आवाज बन जाए। फिल्म ‘बाहुबली’ हिंदी में बाहुबली का व्यक्तित्व निखारने में जिस आवाज ने इस फिल्म को सबसे ज्यादा मदद की वह आवाज थी अभिनेता शरद केलकर की। ‘अमर उजाला’ से एक खास मुलाकात में शरद कहते हैं, ‘डबिंग करने वाले आर्टिस्ट को उसका सही क्रेडिट न मिलना भाषाई सीमाएं लांघ रहे भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी चुनौती है।’

डबिंग आर्टिस्ट को मिले उनका क्रेडिट 

शरद केलकर कहते है कि हम तो एक्टर भी हैं। जब हम किसी फिल्म की डबिंग करते हैं तो हमें उसका क्रेडिट मिले या न मिले, हमें अफसोस नहीं होता। लेकिन जो कलाकार सिर्फ डबिंग पर ही आश्रित हैं, उनको भी जब कहीं क्रेडिट नही मिलता तो बहुत दुख होता है। जिस तरह से पर्दे के पीछे काम करने वाले बाकी टेक्नीशियन को क्रेडिट मिलता है, उसी तरह डबिंग आर्टिस्ट को भी क्रेडिट और सम्मान मिलना चाहिए, उनकी भी पब्लिसिटी होनी चाहिए। एक आवाज जो हीरो को स्टैबलिश करती है उसको हर हाल में सम्मान मिलना ही चाहिए।

 

शरद केलकर को यूं मिला ‘बाहुबली’ में मौका

शरद केलकर उन दिनों एक तमिल फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। किसी ने उनके नाम का सुझाव एस एस राजामौली को दिया कि एक एक्टर है जिसकी आवाज प्रभास पर फिट बैठेगी। शरद केलकर ‘बाहुबली’ के निर्देशक एस एस राजामौली से मिले। शरद केलेकर की कद काठी भी प्रभास से काफी मिलती है और आवाज भी उन पर जम गई। फिर क्या था एस एस राजामौली ने शरद केलकर को प्रभास की डबिंग के लिए फाइनल कर लिया। ये बात फिल्म के वितरक भी मानते हैं कि फिल्म ‘बाहुबली’ की सफलता में शरद केलेकर की आवाज का बहुत ज्यादा योगदान रहा है।

ऑपरेशन रोमियो में कल्पना से परे किरदार  

अगले हफ्ते रिलीज होने जा रही फिल्म ‘ऑपरेशन रोमियो’ में शरद केलकर एक पुलिसवाले की भूमिका निभा रहे हैं। वह कहते हैं, ‘इससे पहले मैंने कई फिल्मों में पुलिस ऑफिसर के किरदार निभाए हैं लेकिन ‘ऑपरेशन रोमियो’ का किरदार उन सब फिल्मों से काफी दमदार है और दिलचस्प भी। हालांकि यह किरदार निभाना मेरे लिए बहुत ही कठिन था क्योंकि यह फिल्म कल्पना से परे है। यह फिल्म सोशल मैसेज के साथ साथ हमारी सोच पर भी असर डालती है।’

‘पुलिस का हस्तक्षेप कितना जायज’

शरद कहते हैं, ‘फिल्म ‘ऑपरेशन रोमियो’ की कहानी से हर कोई रिलेट करेगा। हर किसी के जीवन में इस फिल्म से मिलती जुलती घटनाएं जरूर घटी होंगी। सामाजिक बंधनों में बंधे होने के कारण हम किसी से कह नहीं पाते। यह फिल्म बताती है कि हमारी व्यक्तिगत सोच पर पुलिस का हस्तक्षेप कितना जायज है। इस फिल्म की कहानी मुंबई में घटती है लेकिन इस तरह की घटनाएं पूरे देश में होती है। युवाओं और उनके अभिभावकों को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।’



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