Sharmaji Namkeen Review: जिंदगी तीखी नहीं नमकीन होनी चाहिए, जाते जाते दुनिया को सिखा गए ऋषि कपूर


Movie Review

शर्माजी नमकीन

कलाकार

ऋषि कपूर,
,
परेश रावल
,
जूही चावला,
,
सतीश कौशिक
,
सुहैल नय्यर,
,
तारुक रैना,
,
शीबा चड्ढा
और
सीमा तलवार

लेखक

सुप्रतीक सेन,
और
हितेश भाटिया

निर्देशक

हितेश भाटिया

निर्माता

रितेश सिधवानी,
,
फरहान अख्तर
,
हनी त्रेहन,
और
अभिषेक चौबे

ओटीटी:

प्राइम वीडियो

ऋषि कपूर ने हिंदी सिनेमा को इतराना सिखाया है। उनकी फिल्मों का अपना एक अलग आभा मंडल रहा है। उनकी मुस्कान के करोड़ों लोग दीवाने रहे हैं। नई पीढ़ी के लोग उन्हें अभिनेता रणबीर कपूर के पिता के तौर पर जानते रहे और ऋषि कपूर से बरसों तक संवाद करते रहे हम जैसे लोगों के लिए ऋषि कपूर एक ऐसे कलाकार रहे जो अपने चाहने वालों से संवाद के लिए हर समय उपलब्ध रहते। रणबीर कपूर भले अपने पिता की आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ के प्रचार के लिए सिर्फ अंग्रेजी न्यूज चैनलों से ही बातें करने की शर्त रखते हों, लेकिन ऋषि कपूर ने हमेशा रणबीर का नादानियों को माफ किया और जरूरत पड़ने पर उनकी तरफ से हिंदी मीडिया से माफी भी मांगी। खैर, ये बातें बीती बातें हैं और हिंदी सिनेमा के लोगों को इनसे खास फर्क भी नहीं पड़ता। ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ उनके चाहने वालों के सामने हैं। फिल्म देखते समय आपको ऋषि कपूर की पिछली फिल्मों ‘राजमा चावल’ और ‘दो दूनी चार’ की याद आती रहती है, लेकिन ये फिल्म ऋषि कपूर के कैमरे के सामने आखिरी अभिनय के लिए तो देखनी ही चाहिए, इसे देखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि फिल्म में अभिनेता परेश रावल ने जो ऊष्मा भरी है, वह काबिले तारीफ है।



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