Shivpuri News: एक करोड़ रुपये के लिए बेटे ने पिता को मरवा दिया, सोशल मीडिया पर गैंगस्टर को खोजा और दी सुपारी


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शिवपुरी जिले के पिछोर थाना इलाके के नगरिया कालोनी में कुछ ऐसा हुआ कि इंसानियत और रिश्तों की मर्यादा तार-तार हो गई। एक कलियुगी बेटे ने एक करोड़ रुपये की खातिर बिहार के गैंगस्टर को सोशल मीडिया पर खोजकर सुपारी दी और पिता को मरवा दिया। पुलिस ने बेटे और हत्यारे गैंगस्टर समेत तीन आरोपियों को पकड़ लिया है। 

मामला 22 जुलाई की रात का है। 55 वर्षीय महेश गुप्ता की गोली मारकर हत्या उस समय की गई, जब वे घर की तीसरे मंजिल पर सो रहे थे। उनकी पत्नी व बेटा-बहू दूसरी मंजिल पर सो रहे थे। परिजनों ने गोली चलने की आवाज सुनी थी, पर उन्हें लगा कि बिजली कड़की है। इसके बाद वे फिर से सो गए। सुबह छह बजे महेश गुप्ता नीचे नहीं उतरे तो परिजनों ने ऊपर जाकर देखा। महेश गुप्ता की लाश बिस्तर पर पड़ी थी। सिर में गोली लगने से उनकी मौत हो चुकी थी। 

पुलिस को संदिग्ध लगा पूरा मामला
पिछोर थाना पुलिस ने मौके पर पहुँच कर जांच शुरू की तो उसे संदेह हुआ। पुलिस यह सोचने पर मजबूर थी कि तीसरी मंजिल पर सो रहे महेश गुप्ता तक गोली मारने वाले कैसे पहुंचे? पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि महेश गुप्ता के बड़े बेटे अनिल गुप्ता ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अनिल आर्मी में था। इस कारण उसे लगभग एक करोड़ रुपया इंश्योरेंस सहित आर्मी से उसे भुगतान के तौर पर मिला था। महेश गुप्ता का छोटा बेटा 25 साल का अंकित गुप्ता आपराधिक प्रवृत्ति का था। शराब बेचने से लेकर और सट्टा खेलने जैसे काम करता था। इस वजह से माता-पिता भी उससे नाराज रहते थे।  

सोशल मीडिया पर खोजा था गैंगस्टर को
अंकित गुप्ता और उसका 20 साल का दोस्त नितिन लोधी के शौक हाई-प्रोफाइल थे। घर वाले खर्च के लिए पैसे नहीं देते थे। इस वजह से अंकित और नितिन ने मिलकर किडनैपिंग की साजिश रची। कुख्यात बदमाशों को सर्च करने लगे। इस दौरान उन्हें बिहार के 18 साल के गैंगस्टर अजित चौहान की जानकारी मिली। दोनों ने मेडिकल स्टोर के दुकानदार के बच्चे की किडनैपिंग की योजना बनाई। इसकी सुपारी बिहार के अजीत चौहान को दी। पहली किस्त में 10 हजार रुपये गैंगस्टर के खाते में भी डाले थे। अजीत पिछोर आया और उसने अंकित और नितिन से पैसे मांगे। पैसे थे नहीं, इस वजह से किडनैपिंग की योजना रद्द हो गई। इससे चौहान दोनों पर बिफर गया। उनसे एक लाख की मांग करने लगा। 

गैंगस्टर को पैसे चुकाने पिता की हत्या की साजिश 
पैसों की किल्लत को देखकर अंकित गुप्ता ने अपने पिता को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। अंकित ने पिता की हत्या की सुपारी अजीत को दे दी। 21 जुलाई की रात अंकित ने रात करीब दो बजे अजीत को घर बुलाया। तीसरी मंजिल पर ले गया जहां गैंगस्टर ने अंकित गुप्ता के सामने ही उसके पिता को गोली मारी। इसके बाद अंकित ने गैंगस्टर को घर से बाहर निकाला और दरवाजे पर ताला लगा दिया। सुबह छह बजे अंकित ने पिता की हत्या की बारे में मनगढ़ंत कहानी पुलिस को बताई। पुलिस ने कत्ल का खुलासा करते हुए अंकित और नितिन लोधी और अजीत चौहान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में उपयोग लाए गए 315 बोर का कट्टा भी बरामद कर लिया है।

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शिवपुरी जिले के पिछोर थाना इलाके के नगरिया कालोनी में कुछ ऐसा हुआ कि इंसानियत और रिश्तों की मर्यादा तार-तार हो गई। एक कलियुगी बेटे ने एक करोड़ रुपये की खातिर बिहार के गैंगस्टर को सोशल मीडिया पर खोजकर सुपारी दी और पिता को मरवा दिया। पुलिस ने बेटे और हत्यारे गैंगस्टर समेत तीन आरोपियों को पकड़ लिया है। 

मामला 22 जुलाई की रात का है। 55 वर्षीय महेश गुप्ता की गोली मारकर हत्या उस समय की गई, जब वे घर की तीसरे मंजिल पर सो रहे थे। उनकी पत्नी व बेटा-बहू दूसरी मंजिल पर सो रहे थे। परिजनों ने गोली चलने की आवाज सुनी थी, पर उन्हें लगा कि बिजली कड़की है। इसके बाद वे फिर से सो गए। सुबह छह बजे महेश गुप्ता नीचे नहीं उतरे तो परिजनों ने ऊपर जाकर देखा। महेश गुप्ता की लाश बिस्तर पर पड़ी थी। सिर में गोली लगने से उनकी मौत हो चुकी थी। 

पुलिस को संदिग्ध लगा पूरा मामला

पिछोर थाना पुलिस ने मौके पर पहुँच कर जांच शुरू की तो उसे संदेह हुआ। पुलिस यह सोचने पर मजबूर थी कि तीसरी मंजिल पर सो रहे महेश गुप्ता तक गोली मारने वाले कैसे पहुंचे? पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि महेश गुप्ता के बड़े बेटे अनिल गुप्ता ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अनिल आर्मी में था। इस कारण उसे लगभग एक करोड़ रुपया इंश्योरेंस सहित आर्मी से उसे भुगतान के तौर पर मिला था। महेश गुप्ता का छोटा बेटा 25 साल का अंकित गुप्ता आपराधिक प्रवृत्ति का था। शराब बेचने से लेकर और सट्टा खेलने जैसे काम करता था। इस वजह से माता-पिता भी उससे नाराज रहते थे।  

सोशल मीडिया पर खोजा था गैंगस्टर को

अंकित गुप्ता और उसका 20 साल का दोस्त नितिन लोधी के शौक हाई-प्रोफाइल थे। घर वाले खर्च के लिए पैसे नहीं देते थे। इस वजह से अंकित और नितिन ने मिलकर किडनैपिंग की साजिश रची। कुख्यात बदमाशों को सर्च करने लगे। इस दौरान उन्हें बिहार के 18 साल के गैंगस्टर अजित चौहान की जानकारी मिली। दोनों ने मेडिकल स्टोर के दुकानदार के बच्चे की किडनैपिंग की योजना बनाई। इसकी सुपारी बिहार के अजीत चौहान को दी। पहली किस्त में 10 हजार रुपये गैंगस्टर के खाते में भी डाले थे। अजीत पिछोर आया और उसने अंकित और नितिन से पैसे मांगे। पैसे थे नहीं, इस वजह से किडनैपिंग की योजना रद्द हो गई। इससे चौहान दोनों पर बिफर गया। उनसे एक लाख की मांग करने लगा। 

गैंगस्टर को पैसे चुकाने पिता की हत्या की साजिश 

पैसों की किल्लत को देखकर अंकित गुप्ता ने अपने पिता को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। अंकित ने पिता की हत्या की सुपारी अजीत को दे दी। 21 जुलाई की रात अंकित ने रात करीब दो बजे अजीत को घर बुलाया। तीसरी मंजिल पर ले गया जहां गैंगस्टर ने अंकित गुप्ता के सामने ही उसके पिता को गोली मारी। इसके बाद अंकित ने गैंगस्टर को घर से बाहर निकाला और दरवाजे पर ताला लगा दिया। सुबह छह बजे अंकित ने पिता की हत्या की बारे में मनगढ़ंत कहानी पुलिस को बताई। पुलिस ने कत्ल का खुलासा करते हुए अंकित और नितिन लोधी और अजीत चौहान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में उपयोग लाए गए 315 बोर का कट्टा भी बरामद कर लिया है।



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