कर्ज में पहले से दबे राज्‍य जुलाई-सितंबर में फिर लेंगे 2.12 लाख करोड़ की बाजार उधारी, पिछले साल से 29 फीसदी ज्‍यादा


नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बताया है कि राज्‍य सरकारें अपने खर्च को पूरा करने के लिए चालू तिमाही में भी 2.12 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी लेंगे. इससे पहले आरबीआई राज्‍यों पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता जताई थी.

आरबीआई के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही में बांड के जरिये राज्‍य सरकारें 2.12 लाख करोड़ की राशि बाजार से जुटा सकती हैं. यह पिछले साल की समान तिमाही में जुटाई गई कुल राशि से करीब 29 फीसदी ज्‍यादा है. तब राज्‍यों ने बाजार से 1.6 लाख करोड़ की उधारी ली थी. अगर इससे पहले की तिमाही अप्रैल-जून के आंकड़े देखें तो इससे दोगुनी राशि जुटाने की तैयारी है. अप्रैल-जून में राज्‍यों ने 1.1 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाए थे.

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अगले सप्‍ताह से शुरू होगा ऑक्‍शन
आरबीआई ने बताया है कि चालू तिमाही में बांड से राशि जुटाने का सिलसिला अगले सप्‍ताह से शुरू हो जाएगा. बांड का पहला ऑक्‍शन मंगलवार को किया जाना है. इसके जरिये राज्‍य जुलाई में 62,640 करोड़ रुपये, अगस्‍त में 81,582 करोड़ रुपये और सितंबर में 67,330 करोड़ रुपये जुटाएंगे. राज्‍यों के लिए बांड का ऑक्‍शन आरबीआई अपनी निगरानी में करेगा और इससे जुटाई राशि को पूरी तिमाही राज्‍यों के बीच बांटा जाएगा.

रिजर्व बैंक के पास यह अधिकार होगा कि ऑक्‍शन की तिथियों और उसकी राशि में बदलाव कर सकता है. इसके लिए राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से परामर्श लिया जाएगा. राज्‍यों अपने पास पर्याप्‍त नकदी जुटाने के लिए पिछले कुछ समय से बाजार उधारी पर जोर दे रहे हैं.

8 फीसदी तक जाएगा बांड यील्‍ड
बाजार एक्‍सपर्ट ने पहले ही आशंका जताई थी कि रेपो रेट बढ़ाए जाने के बाद राज्‍यों की ओर से बांड के जरिये बाजार उधारी भी बढ़ेगी. कई एक्‍सपर्ट ने यह भी कहा है कि राज्‍यों का कर्ज बढ़ने से आने वाले सप्‍ताह में बांड यील्‍ड भी 8 फीसदी से ऊपर चला जाएगा. इक्रा की मुख्‍य अर्थशास्‍त्री अदिति नायर ने कहा है कि जून, 2022 से राज्‍यों को मिलने वाला जीएसटी क्षतिपूर्ति समाप्‍त किए जाने के बाद उम्‍मीद है कि वास्‍तविक और अनुमानित स्‍टेट डेवलपमेंट लोन का अंतर भी कम हो जाएगा.

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इससे पहले आरबीआई ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि देश के पांच राज्‍यों पर उनकी जीडीपी के अनुपात में कर्ज की देनदारी काफी ज्‍यादा बढ़ गई है. इसमें कुछ राज्‍यों की उधारी तो जीडीपी की 40 फीसदी तक पहुंच गई. ऐसा खर्च की राशि को गलत जगह लगाने से हुआ है और अगर जल्‍द खर्चों पर काबू नहीं पाया तो उनकी आर्थिक स्थिति नाजुक हो जाएगी और वे राज्‍य आने वाले समय में कर्ज के जाल में फंस जाएंगे.

Tags: Business news in hindi, Government bond yields, RBI

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