पंजाब के मुख्यमंत्रियों की कहानी : बादल के नाम चार रिकॉर्ड, गोपी चंद्र पहले सीएम, ये महिला भी रही हैं मुख्यमंत्री


सार

भगवंत मान ने पंजाब के 25वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। इसी के साथ पंजाब के अध्याय में एक नया पन्ना भी जुड़ गया। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य में कांग्रेस और अकाली दल के बगैर किसी पार्टी ने सरकार बनाई है।
 

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आम आदमी पार्टी के भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लाखों लोगों की भीड़ के बीच उन्होंने बुधवार को शहीद भगत सिंह के गांव में पद और गोपनीयता की शपथ ली। पेशे से कॉमेडियन और एक्टर मान सिंह दो बार लोकसभा के सांसद रहे। 

ये तो भगवंत मान के बारे में बात हुई। अब हम आपको पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में बताएंगे। जानिए सूबे के पहले सीएम से लेकर पहली महिला मुख्यमंत्री तक के बारे में सबकुछ…
 
1. गोपी चंद्र भार्गव : कांग्रेस के गोपी चंद्र भार्गव आजादी के बाद पंजाब के पहले मुख्यमंत्री रहे। वह तीन बार पंजाब के सीएम रहे। सबसे पहले 15 अगस्त 1947 से 13 अप्रैल 1949 तक, इसके बाद 18 अक्टूबर 1949 से 20 जून 1951 तक दूसरी बार और फिर तीसरी बार 21 जून 1964 से छह जुलाई 1964 तक। शुरुआत में दो कार्यकाल बगैर किसी चुनाव के गोपी चंद्र ने पूरा किया था। तीसरी बार चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, तीसरी बार वह केवल 15 दिन के लिए सीएम रहे। सबसे छोटे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी गोपी चंद्र के नाम ही दर्ज है। 

2. भीम सेन सच्चर : गोपी चंद्र के बाद 188 दिन के लिए भीम सेन सच्चर इस पद पर रहे। भीम सिंह ने 13 अप्रैल 1949 को कार्यभार संभाला था। 18 अक्टूबर 1949 को उन्होंने पद छोड़ा। 17 अप्रैल 1952 को भीम सेन ने दूसरी सीएम पद का कार्यभार संभाला था। पंजाब के पहले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले भीम सेन हैं।  

3. प्रताप सिंह कैरों : सुजानपुर से विधायक चुने जाने के बाद प्रताप सिंह कैरों पंजाब के मुख्यमंत्री बने। कैरों दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सबसे लंबे समय तब मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल संभाला है। वह लगातार आठ साल 150 दिन तक इस पद पर रहे। 

4. राम किशन : चौथे शख्स जिन्होंने पंजाब के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राम किशन ने सात जुलाई 1964 से छह जुलाई 1964 तक सीएम पद की जिम्मेदारी निभाई। वह एक साल 363 दिन के मुख्यमंत्री रहे। 

5. ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफिर :  पंजाब के आठवें मुख्यमंत्री गुरमुख सिंह मुसाफिर ने एक नवंबर 1966 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस के गुरमुख 127 दिन तक सूबे के सीएम रहे। 

6. गुरनाम सिंह : पंजाब के पहले मुख्यमंत्री जो गैर कांग्रेसी रहे। इसके पहले बने सभी मुख्यमंत्री कांग्रेस से थे। गुरनाम सिंह अकाली दल- संत फतेह साहिब के टिकट पर किला रायपुर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अकाली दल ने तब सीपीआई के साथ मिलकर सूबे में सरकार बनाई थी। इनका कार्यकाल 262 दिन का था। दूसरी बार 17 फरवरी 1969 से 27 मार्च 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। तब अकाली दल ने अकेले दम पर सरकार बनाई थी।  

7. लक्ष्मण सिंह गिल : धर्मकोट से जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे लक्ष्मण सिंह सूबे के दसवें मुख्यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 272 दिन का था। 25 नवंबर 1967 को उन्होंने कार्यभार संभाला था, जो 23 अगस्त 1968 तक चला। तब पंजाब जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। 

8. प्रकाश सिंह बादल : इनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है। बादल पंजाब में सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बन गए थे। 27 मार्च 1970 को जब वह पहली बार सीएम बने तब उनकी उम्र 42 साल थी। सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। इसके अलावा सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड भी बादल के नाम है। ये लगातार 10 साल 15 दिन मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा सबसे बुजुर्ग सीएम भी प्रकाश सिंह बादल ही रहे। 2017 में जब वह अपना आखिरी कार्यकाल पूरा कर रहे थे, तब उनकी उम्र 89 साल थी। 

9. ज्ञानी जैल सिंह : 17 मार्च 1972 से 30 अप्रैल 1977 तक मुख्यमंत्री रहे ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के पहले सिख राजनेता हैं, जो बाद में राष्ट्रपति बने। 

10. दरबारा सिंह : दसवें शख्स जो पंबाज के मुख्यमंत्री बने। दरबारा सिंह का कार्यकाल तीन साल 122 दिन तक रहा। उन्होंने छह जून 1980 को कार्यभार संभाला था। छह अक्टूबर 1983 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ था। 

11. सुरजीत सिंह बरनाला : 29 अक्टूबर 1985 को बरनाला पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 11 जून 1987 तक पद पर बने रहे। 

12. बेअंत सिंह : जालंधर कैंटेमेंट से विधायक रहे बेअंत सिंह 12वें शख्स हैं, जिन्होंने पंजाब सीएम पद की जिम्मेदारी निभाई। 25 फरवरी 1992 से 31 अगस्त 1995 तक वह सूबे के सीएम पद पर रहे। 

13. हरचरन सिंह बरार : आतंकी हमले में बेअंत सिंह की हत्या के बाद मुक्तसर से विधायक रहे हरचरन सिंह बरार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। इनका कार्यकाल एक साल 82 दिन रहा। 

14. रजिंदर कौर : पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री ने 21 नवंबर 1996 को कार्यभार संभाला था। हालांकि वह महज 82 दिन तक ही सीएम रहीं। 

15. कैप्टन अमरिंदर सिंह : पटियाला शहरी से विधायक रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 26 फरवरी 2002 को पहली बार सीएम पद का कार्यभार संभाला था। 2007 तक वह सीएम रहे। अमरिंदर पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनका बैकग्राउंड सेना का रहा है। दूसरी बार अमरिंदर 16 मार्च 2017 से 20 सितंबर 2021 तक मुख्यमंत्री रहे। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने उनका इस्तीफा ले लिया था। 

16. चरणजीत सिंह चन्नी : चकमौर साहिब से विधायक रहे चरणजीत सिंह चन्नी सूबे के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। चन्नी का कार्यकाल 177 दिन का रहा। 

17. भगवंत मान सिंह : कॉमेडियन और एक्टर भगवंत मान 17वें शख्स हैं जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। प्रकाश सिंह बादल के बाद दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं।

विस्तार

आम आदमी पार्टी के भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लाखों लोगों की भीड़ के बीच उन्होंने बुधवार को शहीद भगत सिंह के गांव में पद और गोपनीयता की शपथ ली। पेशे से कॉमेडियन और एक्टर मान सिंह दो बार लोकसभा के सांसद रहे। 

ये तो भगवंत मान के बारे में बात हुई। अब हम आपको पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में बताएंगे। जानिए सूबे के पहले सीएम से लेकर पहली महिला मुख्यमंत्री तक के बारे में सबकुछ…

 

भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

भगवंत मान ने बुधवार को पंजाब के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
– फोटो : ANI

1. गोपी चंद्र भार्गव : कांग्रेस के गोपी चंद्र भार्गव आजादी के बाद पंजाब के पहले मुख्यमंत्री रहे। वह तीन बार पंजाब के सीएम रहे। सबसे पहले 15 अगस्त 1947 से 13 अप्रैल 1949 तक, इसके बाद 18 अक्टूबर 1949 से 20 जून 1951 तक दूसरी बार और फिर तीसरी बार 21 जून 1964 से छह जुलाई 1964 तक। शुरुआत में दो कार्यकाल बगैर किसी चुनाव के गोपी चंद्र ने पूरा किया था। तीसरी बार चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, तीसरी बार वह केवल 15 दिन के लिए सीएम रहे। सबसे छोटे कार्यकाल का रिकॉर्ड भी गोपी चंद्र के नाम ही दर्ज है। 

2. भीम सेन सच्चर : गोपी चंद्र के बाद 188 दिन के लिए भीम सेन सच्चर इस पद पर रहे। भीम सिंह ने 13 अप्रैल 1949 को कार्यभार संभाला था। 18 अक्टूबर 1949 को उन्होंने पद छोड़ा। 17 अप्रैल 1952 को भीम सेन ने दूसरी सीएम पद का कार्यभार संभाला था। पंजाब के पहले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले भीम सेन हैं।  

3. प्रताप सिंह कैरों : सुजानपुर से विधायक चुने जाने के बाद प्रताप सिंह कैरों पंजाब के मुख्यमंत्री बने। कैरों दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सबसे लंबे समय तब मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल संभाला है। वह लगातार आठ साल 150 दिन तक इस पद पर रहे। 

4. राम किशन : चौथे शख्स जिन्होंने पंजाब के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राम किशन ने सात जुलाई 1964 से छह जुलाई 1964 तक सीएम पद की जिम्मेदारी निभाई। वह एक साल 363 दिन के मुख्यमंत्री रहे। 

5. ज्ञानी गुरमुख सिंह मुसाफिर :  पंजाब के आठवें मुख्यमंत्री गुरमुख सिंह मुसाफिर ने एक नवंबर 1966 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कांग्रेस के गुरमुख 127 दिन तक सूबे के सीएम रहे। 

6. गुरनाम सिंह : पंजाब के पहले मुख्यमंत्री जो गैर कांग्रेसी रहे। इसके पहले बने सभी मुख्यमंत्री कांग्रेस से थे। गुरनाम सिंह अकाली दल- संत फतेह साहिब के टिकट पर किला रायपुर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अकाली दल ने तब सीपीआई के साथ मिलकर सूबे में सरकार बनाई थी। इनका कार्यकाल 262 दिन का था। दूसरी बार 17 फरवरी 1969 से 27 मार्च 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। तब अकाली दल ने अकेले दम पर सरकार बनाई थी।  

7. लक्ष्मण सिंह गिल : धर्मकोट से जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे लक्ष्मण सिंह सूबे के दसवें मुख्यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 272 दिन का था। 25 नवंबर 1967 को उन्होंने कार्यभार संभाला था, जो 23 अगस्त 1968 तक चला। तब पंजाब जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। 

8. प्रकाश सिंह बादल : इनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है। बादल पंजाब में सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बन गए थे। 27 मार्च 1970 को जब वह पहली बार सीएम बने तब उनकी उम्र 42 साल थी। सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। इसके अलावा सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड भी बादल के नाम है। ये लगातार 10 साल 15 दिन मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा सबसे बुजुर्ग सीएम भी प्रकाश सिंह बादल ही रहे। 2017 में जब वह अपना आखिरी कार्यकाल पूरा कर रहे थे, तब उनकी उम्र 89 साल थी। 

9. ज्ञानी जैल सिंह : 17 मार्च 1972 से 30 अप्रैल 1977 तक मुख्यमंत्री रहे ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के पहले सिख राजनेता हैं, जो बाद में राष्ट्रपति बने। 

10. दरबारा सिंह : दसवें शख्स जो पंबाज के मुख्यमंत्री बने। दरबारा सिंह का कार्यकाल तीन साल 122 दिन तक रहा। उन्होंने छह जून 1980 को कार्यभार संभाला था। छह अक्टूबर 1983 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ था। 

11. सुरजीत सिंह बरनाला : 29 अक्टूबर 1985 को बरनाला पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 11 जून 1987 तक पद पर बने रहे। 

12. बेअंत सिंह : जालंधर कैंटेमेंट से विधायक रहे बेअंत सिंह 12वें शख्स हैं, जिन्होंने पंजाब सीएम पद की जिम्मेदारी निभाई। 25 फरवरी 1992 से 31 अगस्त 1995 तक वह सूबे के सीएम पद पर रहे। 

13. हरचरन सिंह बरार : आतंकी हमले में बेअंत सिंह की हत्या के बाद मुक्तसर से विधायक रहे हरचरन सिंह बरार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। इनका कार्यकाल एक साल 82 दिन रहा। 

14. रजिंदर कौर : पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री ने 21 नवंबर 1996 को कार्यभार संभाला था। हालांकि वह महज 82 दिन तक ही सीएम रहीं। 

15. कैप्टन अमरिंदर सिंह : पटियाला शहरी से विधायक रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 26 फरवरी 2002 को पहली बार सीएम पद का कार्यभार संभाला था। 2007 तक वह सीएम रहे। अमरिंदर पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनका बैकग्राउंड सेना का रहा है। दूसरी बार अमरिंदर 16 मार्च 2017 से 20 सितंबर 2021 तक मुख्यमंत्री रहे। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने उनका इस्तीफा ले लिया था। 

16. चरणजीत सिंह चन्नी : चकमौर साहिब से विधायक रहे चरणजीत सिंह चन्नी सूबे के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। चन्नी का कार्यकाल 177 दिन का रहा। 

17. भगवंत मान सिंह : कॉमेडियन और एक्टर भगवंत मान 17वें शख्स हैं जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। प्रकाश सिंह बादल के बाद दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं।



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