निर्यात के मोर्चे पर फार्मा सेक्टर का दमदार प्रदर्शन, वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 103% बढ़ा


नई दिल्ली. ग्लोबल ट्रेड बाधाओं के बावजूद भारत के फार्मा सेक्टर ने एक्सपोर्ट के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया है. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने रविवार को बताया कि भारत का फार्मा एक्सपोर्ट 2013-14 से 103 फीसदी बढ़कर 1,83,422 करोड़ रुपये हो गया है. इस सेक्टर ने एक्सपोर्ट के मामले में वित्त वर्ष 2021-22 में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. मिनिस्ट्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में इसमें करीब 10 बिलियन अमरीकी डॉलर की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसमें खास बात यह है कि पिछले वित्त वर्ष में कोरोना से संबंधित दवाओं की मांग में भी गिरावट दर्ज की गई. इसके बावजूद भारतीय फार्मा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.

भारत प्रोडक्शन की मात्रा के मामले में दुनिया में तीसरे और मूल्य के हिसाब से 14वें नंबर पर है. घरेलू फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का मौजूदा बाजार आकार करीब 50 बिलियन अमरीकी डॉलर है. ग्लोबल एक्सपोर्ट में फार्मास्यूटिकल्स और दवाओं की हिस्सेदारी 5.92 प्रतिशत है. मंत्रालय के मुताबिक, देश के कुल एक्सपोर्ट में फॉर्मूलेशन और बायोलॉजिकल का हिस्सा 73.31 प्रतिशत है. इसके बाद बल्क ड्रग्स और ड्रग इंटरमीडिएट का हिस्सा है.


मिनिस्ट्री ने कहा, “भारतीय फार्मा कंपनियों ने अपनी प्राइस प्रतिस्पर्धात्मकता और अच्छी गुणवत्ता के कारण दुनिया में पहचान बनाई है. दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन और 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं.” वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व में भारत ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में सेवा कर रहा है.

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इन देशों में सबसे अधिक एक्सपोर्ट
भारत टॉप के जिन पांच देशों में फार्मा का एक्सपोर्ट करता है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस और नाइजीरिया शामिल हैं. कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के दौरान भारतीय दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स ने 18 फीसदी की तेज वृद्धि के साथ 24.4 बिलियन अमरीकी डॉलर का एक्सपोर्ट किया था.

Tags: Business news in hindi, Export, Pharmaceutical company



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