आंध्र प्रदेश को दो भागों में बांटे जाने की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, जानें क्या है मामला


नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) 2014 में आंध्र प्रदेश को दो भागों में बांटे जाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है. याचिका में तर्क दिया गया है कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को संसद के दोनों सदनों ने ‘विवादास्पद’ तरीके से पारित किया गया था.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि हालांकि आंध्र प्रदेश के विभाजन को चुनौती, याचिका के प्रमुख पहलुओं में से एक, समय बीतने के साथ ‘निष्फल’ हो गई है लेकिन अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर निर्णय लेने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, ‘यह मामला आंध्र प्रदेश के विभाजन से संबंधित है. वह हिस्सा भले ही निष्फल हो गया हो, लेकिन अन्य प्रश्न हैं जो राज्यों के विभाजन से संबंधित हैं. कृपया इसे किसी दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें.’ पीठ ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम देखेंगे.’’

वर्ष 2014 में कानून के माध्यम से आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना राज्य बनाया गया था. आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को क्रमशः 18 और 20 फरवरी को लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया था तथा एक मार्च को इसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सहमति प्राप्त हो गई थी. इसे एक दिन बाद आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया था.

इसके विरोध में कई याचिकाएं शीर्ष अदालत में दायर की गई थीं. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि राज्य का विभाजन अवैध और असंवैधानिक था. उन्होंने राज्य के विभाजन से संबंधित विधेयक को आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा द्वारा खारिज किए जाने के बावजूद संसद में पारित करने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया था.

Tags: Andhra Pradesh, Supreme Court



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