लोन लेना महंगा: एक के बाद एक बैंक दे रहे ग्राहकों को झटका, एसबीआई से एचडीएफसी तक ने MCLR में किया इतना इजाफा


सार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से रेपो दरों में इजाफा करने के बाद देश के ज्यादातर बैंकों ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है। एसबीआई से लेकर एचडीएफसी बैंक तक और बैंक ऑफ बड़ौदा से लेकर यस बैंक तक, सभी ग्राहकों पर बोझ बढ़ा दिया है। यानी होम, ऑटो से लेकर पर्सनल तक हर लोन महंगा हो गया है। 

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अचानक रेपो दरों में बढ़ोतरी क्या की, देश के सभी बैंकों ने एक के बाद अपने ग्राहकों को झटका देना शुरू कर दिया। तमाम बड़े बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेडिंग रेट यानी एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है। इस सूची में एसबीआई से लेकर एचडीएफसी बैंक तक और बैंक ऑफ बड़ौदा से लेकर यस बैंक तक, सभी ग्राहकों पर बोझ बढ़ा दिया है। यानी होम, ऑटो से लेकर पर्सनल तक हर लोन महंगा हो गया है। 

पहले समझ लेते हैं कि आखिर ये एमसीएलआर है क्या और किस तरह इसका असर पड़ता है। तो आपको बता दें कि इस दर (MCLR) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुरू किया है। इस दर के तय होने पर इससे कम रेट पर कोई भी बैंक अपने ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है। आमतौर पर इससे ज्यादा दर पर ही बैंक लोन मुहैया कराते हैं। इस दर में इजाफा होने से लोन भी महंगा हो जाता है और ईएमआई में भी इजाफा होता है। 

सबसे ताजा वृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने की है। नीतिगत रेपो दर में वृद्धि के बीच मंगलवार को बीओबी ने अपनी कर्ज दरों में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। बैंक की ओर से शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बताया गया है कि विभिन्न समयावधि पर आधारित लोन पर एमसीएलआर में बढ़ोतरी का असर होगा और बढ़ी हुई दरें 12 मई से प्रभावी मानी जाएंगी। 

एचडीएफसी बैंक ने विभिन्न अवधि के लिए सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। नई दरें सात मई से लागू हो गई हैं। वृद्धि के बाद एक वर्षीय एमसीएलआर को संशोधित कर 7.50 फीसदी कर दिया गया है। एक दिन अवधि के लिए एमसीएलआर 7.15 फीसदी है। 

भारतीय स्टेट बैंक ने भी बीते सोमवार को ग्राहकों को झटका देते हुए एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया था। ये बढ़ी हुई दरें 15 अप्रैल से प्रभावी मानी गई हैं। इस बदलाव के बाद एक रात की अवधि से तीन महीने तक के लिए एलसीएलआर की दरें 6.65 फीसदी की जगह 6.75 फीसदी हो जाएंगी। वहीं छह माह के लिए बढ़क 7.05 और एक साल के लिए एमसीएलआर 7.10 फीसदी होगा। दो और तीन साल के लिए इस वृद्धि के साथ एमसीएलआर क्रमश: 7.30 और 7.40 फीसदी होगा। 

कैनरा बैंक ने रेपो दर से जुड़ीं दरों (आरएलएलआर) को बढ़ाकर 7.30 फीसदी कर दिया है। ये नई दरें सात मई से लागू कर दी गई हैं। इसके अलावा, कैनरा बैंक ने एमसीएलआर की दरों को भी बढ़ाकर 7.35 फीसदी कर दिया है। बैंक ने कहा कि नई दरें नए ग्राहकों पर लागू होंगी। पुराने ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा। इसके अलावा एक्सिस बैंक ने भी एमसीएलआर में पांच बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। ये दरें 18 अप्रैल से लागू हो गई हैं। 

अपने ग्राहकों पर कर्ज का बोझ बढ़ाने वाले बैंकों की सूची में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का नाम भी शामिल है। बैंक ने सभी अवधि वाले एमसीएलआर में 0.15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे नई दर बढ़कर 7.40 फीसदी हो गई है, जो सात मई से लागू है। अब एक साल की एमसीएलआर की दर 7.25 से बढ़कर 7.40% हो गई है। अन्य अवधि वाले कर्ज की दर 6.85-7.30 फीसदी के बीच रहेगी। इसके अलावा करूर वैश्य बैंक ने भी ब्याज दर 7.15 फीसदी से बढ़कर 7.45 फीसदी कर दी है। 

इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर को बढ़ाकर 7.25 फीसदी कर दिया है। इस बैंक की ओर से साझा जानकारी के मुताबिक, नई दरें 10 मई से लागू हैं। अब इसी दर पर ग्राहकों को कर्ज मिलेगा। इसके अलावा पिछले दिनों यस बैंक ने भी सभी लोन टेन्योर के लिए लोन रेट्स यानी एमसीएलआर की सीमांत लागत में 10-15 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। एय बैंक की वृद्धि दो मई 2022 से प्रभावी हो गई है।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अचानक रेपो दरों में बढ़ोतरी क्या की, देश के सभी बैंकों ने एक के बाद अपने ग्राहकों को झटका देना शुरू कर दिया। तमाम बड़े बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेडिंग रेट यानी एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है। इस सूची में एसबीआई से लेकर एचडीएफसी बैंक तक और बैंक ऑफ बड़ौदा से लेकर यस बैंक तक, सभी ग्राहकों पर बोझ बढ़ा दिया है। यानी होम, ऑटो से लेकर पर्सनल तक हर लोन महंगा हो गया है। 



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