नई दिल्ली. आयकर कानून के तहत अगर किसी व्यक्ति ने आपको सोना, चांदी, कीमती सामान या शेयर गिफ्ट में दिए हैं तो आपको उस पर भी टैक्स चुकाना पड़ेगा. हालांकि, यह तोहफा अगर आपके किसी करीबी ने दिया है तो आयकर कानून के तहत आपको पूरी छूट रहेगी.
आयकर संबंधी जानकारी देने वाला पोर्टल क्लियर के सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई-बहन या आयकर कानून के तहत दर्ज अन्य किसी संबंधी को तोहफे में शेयर देने पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती. इस प्रावधान के तहत तोहफे देने वाला और पाने वाला दोनों ही आयकर के झंझट से पूरी तरह मुक्त रहते हैं. अगर यह शेयर किसी ऐसे व्यक्ति या मित्र को तोहफे में दिया जाता है जो आयकर कानून के तहत रिश्तेदार की श्रेणी में नहीं आता, तो गिफ्ट पाने वाले को टैक्स चुकाना होगा.
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दरअसल, अगर तोहफे में मिले शेयरों का बाजार मूल्य 50 हजार रुपये से कम है तो किसी भी परिस्थिति में कर देयता नहीं बनेगी. वहीं, 50 हजार के मूल्य से ज्यादा का शेयर होने पर आयकर कानून की धारा 56 (2) के तहत इसे पाने वाले की अतिरिक्त आय माना जाएगा और उसे स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा.
शेयर से हुए मुनाफे पर लगेगा टैक्स
रिश्तेदारों को तोहफे में शेयर पर वैसे तो कोई कर देनदारी नहीं बनती, लेकिन इन शेयरों को बेचे जाने पर अगर मुनाफा होता है तो आयकर की गणना शुरू हो जाती है. शेयर बिक्री पर टैक्स के सामान्य नियम ही माने जाते हैं, जहां शेयरों की अवधि के हिसाब से पूंजीगत लाभ कर देना पड़ता है. इन शेयरों की अवधि भी वहां से मानी जाएगी, जब गिफ्ट देने वाले ने इसे खरीदा होगा न कि गिफ्ट मिलने की तिथि से.
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ऐसे तय होगा पूंजीगत लाभ कर
अगर शेयर का कुल होल्डिंग समय 12 महीने से कम है तो छोटी अवधि का पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कर और समय 12 महीने से ज्यादा है तो लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा. वैसे तो शेयर अचल संपत्ति माने जाते हैं, लेकिन कंपनी कानून के तहत शेयरों को दूसरे किसी के नाम किए जाने के लिए स्टांप शुल्क चुकाना पड़ता है. इसका खर्च तोहफे के रुप में शेयर देने वाले को उठाना पड़ेगा.
भारतीय स्टांप कानून के अनुच्छेद 62(ए) के तहत स्टांप बनवाने वाले को प्रति 100 रुपये पर 25 पैसे के हिसाब से स्टांप शुल्क देना होगा. गिफ्ट में शेयर देने वाले और इसे प्राप्त करने वाले दोनों को ही सभी दस्तावेज तैयार रखने होंगे, क्योंकि राशि ज्यादा होने पर आयकर विभाग स्क्रूटनी के लिए दस्तावेज मांग सकता है.
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किसी गैर को दिया तोहफा तो दोहरे कर की मार
बीपीएन फिनकैप के सीईओ एके निगम का कहना है कि ऐसे व्यक्ति को गिफ्ट में शेयर मिले हैं जो रिश्तेदार की श्रेणी में नहीं आता तो उस पर दोहरे कर की मार पड़ेगी. जिस साल उसे शेयर मिले उस साल की आए में तो यह जुड़ेगा ही. साथ ही शेयर बेचने पर पूंजीगत लाभ के रूप में भी टैक्स देना पड़ेगा. इतना ही नहीं तोहफे में दिए शेयर को ट्रांसफर के बाद वापस नहीं लिया जा सकता. शादी में मिलने शेयरों पर आयकर छूट मिलती है और किसी को विरासत के रूप में शेयर मिले हैं तो बिक्री होने तक कर देनदारी नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 07:25 IST