बॉन्‍ड से मिले ब्‍याज पर भी लगता है टैक्‍स, किस बॉन्‍ड पर क्‍या है टैक्‍स का हिसाब-किताब, जानिए डिटेल


हाइलाइट्स

हमारे देश में उपलब्‍ध कुछ बॉन्ड पर टैक्‍स लाभ मिलता है.
कुछ तरह के बॉन्‍ड पर लॉग टर्म कैपिटन गेन्‍स (Log Term Capital Gains) भी नहीं चुकाना पड़ता.
एक निवेशक के पोर्टफोलियो में बॉन्‍ड भी होने चाहिए. इससे पोर्टफोलियो में विविधता आती है.

नई दिल्‍ली. बॉन्ड (Bond) से जुटाई गई पूंजी कर्ज की श्रेणी में आती है. सरकार और कंपनियां बॉन्‍ड जारी करती हैं. सरकार द्वारा जारी बॉन्ड सरकारी बॉन्‍ड (Government Bond) कहलाते हैं जबकि कंपनी द्वारा जारी किए गए बॉन्‍ड को कॉर्पोरेट बॉन्‍ड (Corporate Bond) कहा जाता है. सरकार और कंपनियां बॉन्‍ड जारी कर पैसा उधार लेती हैं. बहुत से निवेशक बॉन्‍ड में पैसा लगाते हैं क्‍योंकि इनमें रिटर्न अच्‍छा मिलता है और इनमें किया गया निवेश भी सुरक्षित माना जाता है.

एक निवेशक के पोर्टफोलियो में बॉन्‍ड भी होने चाहिए. इससे पोर्टफोलियो में विविधता आती है. पोर्टफोलियो को इक्विटी और डेट (Debt) के बीच डायवर्सिफाई किया जाना चाहिए ताकि ओवरआल रिस्‍क को नियंत्रित किया जा सके. हमारे देश में उपलब्‍ध कुछ बॉंड्स पर टैक्‍स लाभ मिलता है तो वहीं कुछ पर कूपन रेट (ब्‍याज दर) फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट से ज्‍यादा मिलता है. कुछ तरह के बॉन्‍ड पर लॉग टर्म कैपिटन गेन्‍स (Log Term Capital Gains) भी नहीं चुकाना पड़ता.

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सुरक्षित निवेश
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बॉन्ड को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. इनमें निवेश का यह फायदा होता है कि इसमें ब्‍याज दर पहले से ही निर्धारत होती है. बॉन्‍ड से कमाई पर टैक्‍स भी लगता है. इसलिए बॉन्‍ड खरीदने से पहले निवेशक को यह जान लेना चाहिए की किस तरह के बॉन्‍ड पर कितना टैक्‍स चुकाना होगा.

54 ईसी बॉन्‍ड  (54 EC Bond)
ये लिस्टिड बॉन्‍ड हैं और इन्‍हें हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन और पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन जारी करते हैं. इन बॉन्‍ड्स से मिले ब्‍याज पर टैक्‍स, निवेशक की आय के टैक्‍स स्‍लैब के अनुसार ही लगता है. इसका अर्थ यह हुआ कि निवेशक की आय जिस टैक्‍स स्‍लैब के दायरे में आती है, उसी अनुसार ब्‍याज पर टैक्‍स निवेशक को देना होगा.

लिस्‍टेड बॉन्‍ड (listed Bond)
ये लॉग टर्म  बॉन्‍ड होते है जिनकी अवधि एक साल से ज्‍यादा होती है. इन बॉन्‍ड्स से मिले ब्‍याज पर भी टैक्‍स स्‍लैब के अनुसार ही टैक्‍स लगता है. इसके अलावा इन पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स (Short Term Capital Gains Tax) स्‍लैब रेट के हिसाब से लगता है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स की दर 10.4 फीसदी है.

सेक्‍शन 10 (15) टैक्‍स फ्री बांड (SECTION 10(15) TAX FREE BOND)
ये भी लिस्टिेड बॉन्‍ड हैं. इनको मैच्‍योरिटी से पहले ट्रांसफर किया जा सकता है. एक साल से ज्‍यादा अवधि वाले बॉन्‍ड्स से मिले ब्‍याज पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से लगता है जबकि जबकि लॉग टर्म कैपिटल गेन्‍स (LTCG) की दर 10.4 फीसदी है.

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वहीं, सेक्‍शन 10 (15) टैक्‍स फ्री बांड, जो तीन साल से ज्‍यादा अवधि के होते हैं उन पर लॉग टर्म कैपिटल गेन्‍स की दर 20.8 फीसदी है. ये भी लिस्टिेड बॉन्‍ड हैं. इनको मैच्‍योरिटी से पहले ट्रांसफर किया जा सकता है. शार्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स इन बॉन्‍ड्स से मिले ब्‍याज पर भी टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से लगता है.

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