नई दिल्ली . केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे.बी. मोहपात्रा ने कहा है कि रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन के साथ-साथ समीक्षाधीन वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष कर रिटर्न की भी संख्या में उछाल आया है. उन्होंने एक साक्षात्कार में यह बात कही. उन्होंने कहा कि 2021-22 में ओवरऑल 7.14 करोड़ टैक्स रिटर्न फाइल हुए हैं जबकि इससे पिछले वर्ष में 6.97 करोड़ टैक्स रिटर्न फाइल हुए थे.
बकौल मोहापात्रा कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न में 8 फीसदी की वृद्धि हाल के वर्षों में सर्वाधिक है. उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन वर्ष 2018-19 से 2019-20 के बीच कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न में 43,000 की वृद्धि देखी गई थी. वहीं, 2019-20 से 2020-21 के समीक्षाधीन वर्ष में कॉर्पोरेट टैक्स रिटर्न में 32,000 की वृद्धि देखी गई थी. लेकिन समीक्षाधीन वर्ष 22 में इसमें 70,000 की वृद्धि देखी गई है. उनका कहना है कि इसका असर कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन कुल वृद्धि पर पड़ा है.
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प्रतिबंधों के बावजूद बढ़ा रिटर्न
रिटर्न में वृद्धि अर्थव्यवस्था के कर आधार के विस्तार को दर्शाती है जिसे औपचारिक रूप से अर्थशास्त्री “कर उछाल” कहते हैं. यह वह स्थिति होती है जब एक विस्तारित अर्थव्यवस्था के कर राजस्व में वृद्धि होती है. हालांकि, रिटर्न में यह उछाल उस अवधि में आया है जब कोविड-19 संबंधित प्रतिबंधों के कारण बाजार गतिविधियों में संकुचन आया था.
संबंधित विभागों का दबाव
इसका श्रेय संबंधित विभाग द्वारा बनाए गए दबाव को भी जाता है. सीबीडीटी के अध्यक्ष ने कहा, “डेटा विश्लेषण, कर विभाग और अन्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, स्रोत पर व्यापक कर कटौती (टीडीएस) कवरेज, बेहतर वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और करदाताओं के साथ अधिक संचार ने इस वृद्धि में योगदान दिया है. एआईएस एक वित्तीय वर्ष के दौरान करदाता द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन के सभी विवरणों का एक व्यापक विवरण है, जो विभाग के पास उपलब्ध है. विभाग करदाताओं से अपना रिटर्न दाखिल करते समय इस विवरण का उल्लेख करने का आग्रह करता रहा ह, ताकि वे किसी भी आय से वंचित न रहें.
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12.1 लाख करोड़ रुपए का टैक्स कलेक्शन
वित्त वर्ष 21 में, आयकर विभाग ने सकल प्रत्यक्ष करों में 12.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का संग्रह किया जो कि एक साल पहले के संग्रह से थोड़ा ऊपर है. यह ऐसे समय में हुआ जब अर्थव्यवस्था में 6.6% गिरावट दर्ज की गई. यह दर्शाता है कि अनुपालन सुधार का प्रत्यक्ष कर संग्रह पर प्रभाव पड़ा है. महापात्र ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स रिटर्न के अलावा 2021-22 में दाखिल किए गए अन्य सभी रिटर्न फॉर्म में भी सुधार हुआ है. इसमें मकान के स्वामित्व से 50 लाख रुपए से कम आय वाले व्यक्तियों द्वारा दायर आईटीआर -1 शामिल है. इसके अलावा पूंजीगत लाभ कमाने वालों, एक से अधिक मकानों से आय प्राप्त करने वालों या कंपनियों के निदेशकों द्वारा आईटीआर-2 के तहत दायर रिटर्न शामिल है.
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