सार
तीन चरणों के चुनाव में कांटे की लड़ाई मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि आगे तीन चरणों में जो जितनी अधिक सीटें निकाल पाएगा, उसके सत्ता में आने की संभावना उतनी ही ज्यादा बढ़ जाएगी।
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विस्तार
18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए तीन चरण के चुनाव में 172 सीटों पर मतदान हो चुका है। चौथे चरण में 23 फरवरी को 59 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके साथ ही 403 विधानसभा क्षेत्रों में से पश्चिमी यूपी, रुहेलखंड व बुंदेलखंड के साथ मध्य यूपी व अवध के कुछ क्षेत्रों की 231 सीटों पर चुनाव हो जाएगा। यानी प्रदेश के आधे मतदाता अपना जनादेश सुना चुके होंगे। बाकी के तीन चरण में 172 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव बाकी हैं।
पांचवें चरण की 61 सीटों पर 27 फरवरी को, छठे चरण की 57 सीटों पर तीन मार्च तथा सातवें चरण की 54 सीटों पर 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पांचवें चरण में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, छठे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सातवें में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सीधे प्रभाव वाले क्षेत्र शामिल हैं। केशव के क्षेत्र प्रयागराज में पांचवें चरण में, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर में छठे चरण में तथा प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में सातवें चरण के मतदाता नई सरकार के लिए जनादेश सुनाएंगे। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के आगे के सियासी भविष्य का फैसला भी छठे चरण में हो जाएगा।
2017 : बचे चार चरणों में पार्टियों की स्थिति
चौथा चरण
कुल सीट 59
भाजपा 50
सपा 04
बसपा 02
कांग्रेस 02
अद 01
पांचवां चरण
कुल सीट 61
भाजपा 46
सपा 06
बसपा 03
कांग्रेस 01
अद 03
अन्य 02
छठा चरण
कुल सीट 57
भाजपा 46
सपा 02
बसपा 05
कांग्रेस 01
अद 01
सुभासपा 01
अन्य 01
सातवां चरण
कुल सीट 54
भाजपा 26
सपा 11
बसपा 06
अद 04
सुभासपा 03
निषाद पार्टी 01
दिग्गज नेताओं की भी परीक्षा
चौथे चरण का मतदान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर व पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल सहित कई दिग्गज नेताओं के प्रभाव की परीक्षा लेगा। राजधानी लखनऊ से विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज राजेश्वर सिंह व पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र मैदान में हैं तो हरदोई से निवर्तमान विधानसभा उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल व ऊंचाहार से पूर्व मंत्री मनोज पांडेय भाग्य आजमा रहे हैं।
राजभर, संजय निषाद और अनुप्रिया के गठबंधन भी कसौटी पर
क्षेत्रीय दल के रूप में अपना दल (सोनेलाल), सुभासपा व निषाद पार्टी इस चुनाव में अपने मुख्य दलों से ज्यादा सीटें झटकने में कामयाब रहे हैं। ये सभी पूर्वांचल में काफी सक्रिय हैं। ये अपनी पार्टी और अपने सहयोगी के लिए कितना दमदार साबित होते हैं, आगे के चरण यह भी बताएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से मिलकर चुनाव लड़े पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर यह चुनाव सपा से गठबंधन कर लड़ रहे हैं। लंबी सियासत के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पहली बार भाजपा के साथ जाकर विधायक व मंत्री बनने का मौका मिला था। यह चुनाव साबित करेगा कि सपा से गठबंधन का उनका दांव कितना सफल रहा। संजय निषाद पहली बार भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। निषाद समाज में अच्छी पकड़ का दावा करने वाले संजय कितनी सीटें पाते हैं, यह भी कसौटी पर है। अपना दल (सोनेलाल) एनडीए का मुख्य सहयोगी दल है।
दलबदल का दांव कैसा रहा
पांचवें से सातवें चरण के बीच कई दिग्गज नेता अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों से भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर व दारा सिंह चौहान जैसे दिग्गज शामिल हैं। स्वामी प्रसाद व दारा सिंह भाजपा छोड़कर जबकि लाल जी व राम अचल बसपा छोड़कर सपा में गए हैं। इन कद्दावर नेताओं का दलबदल का प्रयोग कैसा रहा, इन चरणों के चुनाव में सामने आ जाएगा।
लोगों की निगाहें राजा भइया पर
पांचवें से सातवें चरण तक का चुनाव अपनी पार्टी बनाकर सियासत करने वाले प्रभावशाली क्षत्रपों व दलबदल करने वाले कद्दावर नेताओं के प्रभाव का भी इम्तिहान लेगा। पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया पहली बार अपनी पार्टी जनता सत्ता दल बनाकर मैदान में हैं। वे खुद कुंडा से चुनाव लड़ रहे हैं। राजा भइया की हार-जीत से ज्यादा लोगों की नजर पहले चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर है।